शिमलाः जल शक्ति विभाग में आउट सोर्स पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को जल्द ही विभाग में शामिल कर लिया जाएगा. इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा. यह बात जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने रमेश धवाला के एक प्रश्न के उत्तर में कही.
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इस समय 989 कर्मचारी जोकि पंप ऑपरेटर, फिटर, बेलदार, चौकीदार, इलेक्ट्रिशियन, माली और डाटा ऑपरेटर के पद पर कार्य कर रहे हैं. उन्हें ठेकेदार द्वारा रखा गया है. उन्होंने कहा कि 419 पंप ऑपरेटरों में से 343 पंप ऑपरेटर आईटीआई है शेष बचे 76 पंप ऑपरेटर एक्सपीरियंस के आधार पर लगाए गए हैं.
वहीं, 32 सीटों में से 25 फिटर आईटीआई क्वालिफाइड है. इसके अलावा शेष बचे 7 एक्सपीरियंस आधार पर लगाए गए हैं. जल शक्ति मंत्री ने कहा कि 3 इलेक्ट्रीशियन भी ठेकेदार के माध्यम से लगाए गए हैं और यह सभी आईटीआई क्वालिफाइड है. इसके अलावा 2 कनिष्ठ अभियंता है दोनों ही डिप्लोमा धारक हैं.
पूछे सवाल पर जल शक्ति मंत्री ने जवाब नहीं दिया
हालांकि रमेश दवाला की ओर से पूछे गए सवाल का जल शक्ति मंत्री ने जवाब नहीं दिया. रमेश हवाला ने प्रश्न पूछा था कि जल शक्ति विभाग ने ठेकेदार को 4300 रुपए प्रति कर्मचारी दिए जा रहे हैं. जबकि कर्मचारियों को केवल 3000 ही मिल रहा है. तो प्रदेश सरकार कर्मचारियों को न्यूनतम दिहाड़ी प्रदान करने के लिए क्या कदम उठा रही है ताकि इनको शोषण से बचाया जा सके.
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