शिमला: राजधानी में हुई मुसलाधार बारिश ने प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में अफरा-तफरी मचा दी. बारिश का पानी आपातकालीन वार्ड, आर्थों और जैनरिक स्टोर में पानी घुस गया. ऐसे में यहां पर मरीजों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि प्रशासन बारिश के दौरान पानी को आपातकालीन वार्ड और ओपीडी में जाने से रोकने के लिए कोई उचित कदम क्यो नहीं उठा पाया है. जुलाई के आखिर में हिमाचल में मानसून दस्तक दे देगा. अगर तब तक स्थिति को सुधारा नहीं गया तो अस्पताल आने वाले मरीजों को इससे भी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
आप इस बात को जानकर हैरान हो जाएंगे की आईजीएमसी के बाहर बारिश से बचने के लिए कोई वर्षाशालिका भी नहीं है. ऐसे में जो लोग आईजीएमसी के बाहर आते जाते हैं. वो भी बारिश के चलते अस्पताल के अंदर ही चले आते हैं. एक तरफ अंदर लोगों की भीड़ लग जाती है, दूसरी ओर यहां पर पानी अंदर घूसने के चलते फिर परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
सरकार स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने की दावे करती आयी है, लेकिन आईजीएमसी अस्पताल में पहली तेज बारिश ने सरकार और अस्पताल प्राशासन की पोल खोल दी है. बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब अस्पताल में पानी भर गया. कई बार पहले भी बरसात के वक्त आईजीएमसी के ऑर्थो, आपातकालीन वार्ड में पानी भर जाता है जबकि सबसे ज्यादा मरीज इन्ही जगह आते हैं.
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