ETV Bharat / state

Water Cess Commission Himachal: अमिताभ अवस्थी हिमाचल वाटर सेस आयोग के अध्यक्ष, तीन सदस्य भी नियुक्त

author img

By

Published : Jul 25, 2023, 7:12 PM IST

हिमाचल प्रदेश में बिजली उत्पादन करने वाली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाने के लिए गठित किए गए आयोग के अध्यक्ष सहित 3 सदस्यों की नियुक्तियों संबंधी अधिसूचना जारी हो गई है. मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में गठित सर्च कमेटी की सिफारिशों के आधार पर जल शक्ति विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी वाटर सेस आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं.

Water Cess Commission Himachal
जल शक्ति विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी चेयरमैन नियुक्त

शिमला: प्रदेश सरकार ने वाटर सेस कमीशन का गठन कर दिया है. सरकार ने जल शक्ति विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी को चेयरमैन नियुक्त किया है.अमिताभ अवस्थी इसी माह रिटायर हो रहे हैं. लेकिन सरकार ने इससे पहले उनको कमीशन का चेयरमैन नियुक्त कर दिया है. कमीशन में तीन सदस्य भी नियुक्त किए गए, इनमें एचएम धौरेला, जोगिंद्र सिंह और अरुण शर्मा शामिल हैं.

सुखविंदर सिंह सरकार ने हिमाचल की नदियों के पानी पर बने पावर प्रोजेक्ट्स पर वाटर सेस लगाने के लिए विधेयक पारित किया है. राज्य सरकार की तरफ से सदन में पारित किए गए विधेयक के तहत 172 जलविद्युत कंपनियां आएंगी. सरकार ने वाटर सेस के सारे मामले देखने के लिए कमीशन के गठन का फैसला लिया है. कमीशन में एक चेयरमैन व सदस्यों के लिए सरकार ने आवेदन आमंत्रित किए थे. राज्य सरकार के मुख्य सचिव की अगुवाई वाली कमेटी ने कमीशन के गठन की प्रक्रिया पूरी कर दी है. चेयरमैन की हॉट सीट के लिए 15 आवेदन आए थे, इसके अलावा सदस्यों के लिए 25 से अधिक आवेदन आए थे. कमीशन में चेयरमैन के पद के लिए राज्य सरकार के पास जो आवेदन आए थे, उनमें आईएएस ऑफिसर्स, हाईकोर्ट के वकील, इंजीनियर्स आदि भी हैं.

इसके लिए आईएएस अधिकारी और वर्तमान समय में जलशक्ति विभाग में सचिव अमिताभ अवस्थी ने भी आवेदन किया था , जो इसी महीने सेवानिवृत हो रहे हैं. रिटायर हो चुके आईएएस अधिकारी विकास लाबरू ने भी चेयरमैन पद के लिए आवेदन किया था. वो जलशक्ति विभाग में सचिव पद पर रहे हैं. इसी तरह शिमला के डीसी रहे आईएएस अधिकारी अमित कश्यप का आवेदन भी आया था.बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग में सेवारत रहे एसपी कत्याल, हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड से सेवानिवृत्त आरके शर्मा समेत हाईकोर्ट के कुछ एडवोकेट भी कतार में थे.

हालांकि हिमाचल सरकार के इस फैसले को जलविद्युत कंपनियों ने अदालत में चुनौती दी है. इस बीच सरकार ने कमीशन का गठन कर दिया है.. इसमें अमिताभ अवस्थी को चेयरमैन लगाया गया है. इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.इनके साथ तीन सदस्य भी नियुक्त किए गए हैं.

जून में सरकार ने जारी की थी अधिसूचना: राज्य सरकार ने जून माह में वाटर सेस कमीशन के गठन से जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी थी. अधिसूचना के अनुसार कमीशन में एक चेयरमैन व तीन सदस्य लगाए गए है. चेयरमैन का वेतन 1.35 लाख रुपए मासिक होगा. इसके अलावा सदस्यों का वेतन 1.20 लाख रुपए प्रति माह तय किया गया है. यानी वाटर कमीशन में नियुक्ति के लिए सरकार को मासिक 5.15 लाख और सालाना 61.80 लाख रुपए वेतन पर खर्च करने होंगे. राज्य सरकार का अनुमान है कि वाटर सेस लागू होने से खजाने में सालाना 800 से 1000 करोड़ रुपए की रकम आएगी.

कमीशन में चेयरमैन व सदस्यों का चयन होने के बाद कमीशन पूरी तरह से फंक्शनल हो जाएगा. उसके बाद राज्य सरकार 172 जलविद्युत परियोजनाओं को वाटर सेस के बिल भेजेगी. इस मामले में हाईकोर्ट में आगामी सुनवाई 16 अगस्त को होनी है. इस तरह राज्य सरकार ने आगामी सुनवाई से पहले कमीशन का गठन कर दिया है.

ये भी पढे़ं- Kargil Vijay Diwas: हिमाचल प्रदेश के 52 वीरों ने दिया था बलिदान, ये रहे नाम

शिमला: प्रदेश सरकार ने वाटर सेस कमीशन का गठन कर दिया है. सरकार ने जल शक्ति विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी को चेयरमैन नियुक्त किया है.अमिताभ अवस्थी इसी माह रिटायर हो रहे हैं. लेकिन सरकार ने इससे पहले उनको कमीशन का चेयरमैन नियुक्त कर दिया है. कमीशन में तीन सदस्य भी नियुक्त किए गए, इनमें एचएम धौरेला, जोगिंद्र सिंह और अरुण शर्मा शामिल हैं.

सुखविंदर सिंह सरकार ने हिमाचल की नदियों के पानी पर बने पावर प्रोजेक्ट्स पर वाटर सेस लगाने के लिए विधेयक पारित किया है. राज्य सरकार की तरफ से सदन में पारित किए गए विधेयक के तहत 172 जलविद्युत कंपनियां आएंगी. सरकार ने वाटर सेस के सारे मामले देखने के लिए कमीशन के गठन का फैसला लिया है. कमीशन में एक चेयरमैन व सदस्यों के लिए सरकार ने आवेदन आमंत्रित किए थे. राज्य सरकार के मुख्य सचिव की अगुवाई वाली कमेटी ने कमीशन के गठन की प्रक्रिया पूरी कर दी है. चेयरमैन की हॉट सीट के लिए 15 आवेदन आए थे, इसके अलावा सदस्यों के लिए 25 से अधिक आवेदन आए थे. कमीशन में चेयरमैन के पद के लिए राज्य सरकार के पास जो आवेदन आए थे, उनमें आईएएस ऑफिसर्स, हाईकोर्ट के वकील, इंजीनियर्स आदि भी हैं.

इसके लिए आईएएस अधिकारी और वर्तमान समय में जलशक्ति विभाग में सचिव अमिताभ अवस्थी ने भी आवेदन किया था , जो इसी महीने सेवानिवृत हो रहे हैं. रिटायर हो चुके आईएएस अधिकारी विकास लाबरू ने भी चेयरमैन पद के लिए आवेदन किया था. वो जलशक्ति विभाग में सचिव पद पर रहे हैं. इसी तरह शिमला के डीसी रहे आईएएस अधिकारी अमित कश्यप का आवेदन भी आया था.बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग में सेवारत रहे एसपी कत्याल, हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड से सेवानिवृत्त आरके शर्मा समेत हाईकोर्ट के कुछ एडवोकेट भी कतार में थे.

हालांकि हिमाचल सरकार के इस फैसले को जलविद्युत कंपनियों ने अदालत में चुनौती दी है. इस बीच सरकार ने कमीशन का गठन कर दिया है.. इसमें अमिताभ अवस्थी को चेयरमैन लगाया गया है. इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.इनके साथ तीन सदस्य भी नियुक्त किए गए हैं.

जून में सरकार ने जारी की थी अधिसूचना: राज्य सरकार ने जून माह में वाटर सेस कमीशन के गठन से जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी थी. अधिसूचना के अनुसार कमीशन में एक चेयरमैन व तीन सदस्य लगाए गए है. चेयरमैन का वेतन 1.35 लाख रुपए मासिक होगा. इसके अलावा सदस्यों का वेतन 1.20 लाख रुपए प्रति माह तय किया गया है. यानी वाटर कमीशन में नियुक्ति के लिए सरकार को मासिक 5.15 लाख और सालाना 61.80 लाख रुपए वेतन पर खर्च करने होंगे. राज्य सरकार का अनुमान है कि वाटर सेस लागू होने से खजाने में सालाना 800 से 1000 करोड़ रुपए की रकम आएगी.

कमीशन में चेयरमैन व सदस्यों का चयन होने के बाद कमीशन पूरी तरह से फंक्शनल हो जाएगा. उसके बाद राज्य सरकार 172 जलविद्युत परियोजनाओं को वाटर सेस के बिल भेजेगी. इस मामले में हाईकोर्ट में आगामी सुनवाई 16 अगस्त को होनी है. इस तरह राज्य सरकार ने आगामी सुनवाई से पहले कमीशन का गठन कर दिया है.

ये भी पढे़ं- Kargil Vijay Diwas: हिमाचल प्रदेश के 52 वीरों ने दिया था बलिदान, ये रहे नाम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.