शिमलाः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन में अब बेरोजगारों और दुकानदारों को अपनी चिंता सताने लगी है. सरकार द्वारा 3 मई तक लगाए गए. लॉकडाउन में सभी दुकानें, होटल, रेस्तरां और ढाबा समेत कई कार्यालय और कम्पनियां बंद हो गई हैं.
ऐसे में इन क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगों को खाने पीने और बेरोजगारी का डर सताने लगा है. लॉकडाउन में फंसे इन क्षेत्रों के कामगारों की सहायता के लिए भले ही व्यापार मंडल सहयोग कर रहा है, लेकिन 3 मई तक बढ़ाए गए लॉकडाउन से अब व्यापार मंडल की चिंताएं भी बढ़ गई है.
शिमला व्यापार मंडल अब ऐसे लोगों का ख्याल रखने को लेकर जिला प्रशासन से मांग कर रहा है. व्यापार मंडल शिमला के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह का कहना है कि लॉकडाउन से कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है. ऐसे में दुकानों में काम करने वाले कामगार अपने घरों में ही बैठकर रह गए हैं.
उनके पास अब खाने-पीने की साम्रगी और पैसे भी खत्म हो गए हैं. ऐसी स्थिति में अब ऐसे कई लोग शहर से गांव की ओर जाना चाहते हैं, लेकिन प्रशासन सिर्फ आपातसेवा में ही घर जाने के लिए परमिट जारी कर रहा है.
उन्होंने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जो व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ हैं और अपने घर जाना चाहता हैं, प्रशासन उनके घर जाने का प्रबंध करें या फिर उनके खाने-पीने का प्रबंध भी करें.
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