शिमला: प्रदेश के स्कूलों में छात्रों को वोकेशनल कोर्सेज की महत्वत्ता के बारे में बताने और उन्हें जागरूक करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से विंटर स्कूलों के लिए अलग से अभियान चलाया जाएगा. अभी समग्र शिक्षा की ओर से यह अभियान ग्रीष्मकालीन स्कूलों के छात्रों के लिए चलाया गया है.
इसके बेहतर परिणाम को देखते हुए समग्र शिक्षा की ओर से यह अभियान शीतकालीन स्कूलों के लिए चलाया जाएगा. समग्र शिक्षा की ओर से प्रदेश में छात्रों और उनके अभिभावकों को वोकेशनल कोर्सेज की महत्वत्ता के बारे में बताने और छात्रों को इन कोर्सेज के माध्यम से रोजगार के अवसर दिलवाने के लिए स्किल ऑन व्हील अभियान चलाया गया है.
इस अभियान के तहत वोकेशनल बस चलाई जा रही है. इस अभियान की शुरुवात शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला की वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला से की है. इस अभियान के तहत एक वोकेशनल बस रवाना की गई थी. इसने बिलासपुर, मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, नालागढ़ और नाहन में छात्रों और अभिभावकों को वोकेशनल शिक्षा के बारे में जागरूक किया गया है.
इस बस में सफर कर रहे प्रशिक्षित लोगों ने वोकेशनल के तहत चलाए जा रहे अलग-अलग ट्रेंड्स के बारे में भी प्रेक्टिकल समेत जानकारी और जागरूक किया गया है. यह अभियान अभी मात्र ग्रीष्मकालीन क्षेत्रों तक ही सीमित रहा है. अब इसे शीतकालीन स्कूलों में भी चलाने का फैसला समग्र शिक्षा की ओर से किया गया है.
समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि वोकेशनल कोर्सेज के बारे में छात्रों को जागरूक करने के लिए चलाया गया अभियान स्किल ऑन व्हील अब शीतकालीन स्कूलों के छात्रों के लिए भी चलाया जाएगा. अभी तक यह अभियान मात्र ग्रीष्मकालीन स्कूलों तक ही सीमित रहा है. अब इसे शीतकालीन स्कूलों के छात्रों को जागरूक करने के लिए चलाया जाएगा.
बता दें कि प्रदेश में 20 फीसदी पाठशालाओं में यह कौशल आधारित शिक्षा प्रदान की जा रही है और 1,850 ट्रेनर्ज इन कोर्सेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों को प्रशिक्षण दे रहे है. प्रदेश के स्कूलों में पहले 11 और अब 15 ट्रेड्स वोकेशनल कोर्सेज के चलाये जा रहे है.
छात्रों को एग्रीकल्चर, ब्यूटी एंड वेलनेस, ऑटोमेटिव, हेल्थकेयर, टूरिज्म, रिटेल, प्राइवेट सिक्योरिटी, टेलीकॉम, फिजिकल एजुकेशन, प्लंबर, बीएफएसआई, अपैरल, इलेक्ट्रॉनिकस और मीडिया कोर्सेज चलाए जा रहे है. ज्यादा से ज्यादा छात्र इन कोर्सेज में प्रवेश लेकर खुद को आत्मनिर्भर बना रहे हैं. यही वजह है कि अब इन कोर्सेज की महत्ता के बारे में अभिभावकों और छात्रों को जागरूक करने के लिए शिक्षा विभाग इस तरह की पहल कर रहा है.
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