किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर जल विद्युत परियोजनाओं की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं. परियोजनाओं नियमों और कानून को ताक पर रखकर बेखौफ अपना काम कर रही है, लेकिन किन्नौर में आम व्यक्ति को इसका कोई लाभ नहीं मिला है बल्कि कई लोगों को उसका खामियाजा भुक्तना पड़ रहा है.
किन्नौर वन अधिकार समिति के अध्यक्ष जिया लाल नेगी ने वन अधिकार अधिनियम की रैली के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन मिलकर परियोजनाओं को लाभ देने के लिए ग्राम पंचायतों के बिना एनओसी को जमीन दे रही है. इसके साथ ही स्थानीय पंचायतों की ग्राम सभा में एनओसी के बिना कोई भी निर्मानाधीन परियोजना अपना काम नही कर सकती है.
उन्होंने कहा कि जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माणाधीन कार्य के चलते जिला के कई इलाके खतरे की जद में आए है. उन्होंने कहा कि परियोजनाओं ने अपने कार्य के दौरान अंधाधुन्द ब्लास्टिंग कर कई स्थानों पर भूस्खलन होने लगा है, जिससे किन्नौर कभी भी सड़को पर उतर सकता है.
ऐसे में किसी भी परियोजनाओं ने किन्नौर के विकास में कोई रुपया नही दिया है और न ही किसी नुकसान की भरपाई की है, लेकिन कुछ और नई जलविद्युत परियोजनाओं का कार्य अभी शुरू होना बाकी है. इसमें से जिनके पास अभी किसी भी पंचायत की अनुमति नही है, लेकिन सरकार से उनको अनुमति मिलने की खबर भी किन्नौर में चलने लगी है.