शिमला : सोशल मीडिया दोधारी तलवार है. यहां अगर संभल कर कमेंट न किया जाए तो यूजर्स वीवीआईपी को भी आड़े हाथों लेते हैं. ऐसा ही मामला कांग्रेस के युवा कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के साथ पेश आया है. विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक पर सड़कों को लेकर एक पोस्ट शेयर की, जिसपर कई यूजर्स ने कमेंट किया. कुछ ने विक्रमादित्य सिंह ने तारीफ की तो किसी ने अपनी समस्या बताई. इसी बीच एक यूजर के कमेंट पर विक्रमादित्य सिंह ने ऐसा जवाब दिया कि अब वो सोशल मीडिया पर यूजर्स उन्हें आड़े हाथ ले रहे हैं.
'हम डाकिया नहीं हैं'- दरअसल विक्रमादित्य सिंह की पोस्ट पर एक यूजर ने कमेंट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से पेंडिंग रिजल्ट की बात कर दीजिए. इस पर विक्रमादित्य सिंह ने लिखा- हम डाकिया नहीं हैं. हालांकि बाद में विक्रमादित्य सिंह ने कमेंट हटा दिया, लेकिन तब तक उस कमेंट के स्क्रीन शॉट लिए जा चुके थे. अब ये मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. लोग तरह-तरह की पोस्ट डालकर उस कमेंट को लेकर विक्रमादित्य सिंह को घेर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं विक्रमादित्य सिंह- दरअसल लोक निर्माण विभाग जैसा भारी-भरकम पोर्टफोलियो संभाल रहे युवा कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में संकटमोचन इलाके की सडक़ों की टारिंग का फोटो डाला था. वहीं, पर एक यूजर ने पेंडिंग रिजल्ट की बात कमेंट में दर्ज की. उस कमेंट के जवाब में विक्रमादित्य सिंह की तरफ से डाकिया वाला कमेंट आया. एक यूजर ने कमेंट किया था कि वोट मांगने के समय इसे याद रखना. वहीं एक यूजर ने कमेंट किया कि- अच्छा हम समझ गए अब आप मंत्री हो.
यूजर्स निकाल रहे भड़ास- सोशल मीडिया पर यूजर्स अब तरह-तरह की पोस्ट डालकर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. अधिकांश का कहना है कि भर्ती परीक्षाओं का रिजल्ट निकालने के लिए हर मंच पर अपनी बात रखने का हक युवाओं को है. यदि सरकार के जिम्मेदार मंत्री ऐसा कहेंगे तो जनता में हताशा पैदा होगी. कई लोगों ने कमेंट किया है कि क्या यही व्यवस्था परिवर्तन है? उल्लेखनीय है कि विक्रमादित्य सिंह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. ऐसे में कई बार उन्हें किसी विषय पर तंज भरे कमेंट भी झेलने पड़ते हैं. जिस पोस्ट में विक्रमादित्य सिंह ने डाकिया वाला कमेंट दर्ज किया है, उसी पोस्ट पर प्रदेश भर के लोगों ने अपने इलाके की सडकों की दुर्दशा को भी बयां किया है.
मुख्यमंत्री भी झेल चुके हैं युवाओं का गुस्सा- दरअसल हिमाचल के युवा बीते कई महीनों में भर्तियों के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने जल्द रिजल्ट निकालने का दिलासा दिया लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ है. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर सीएम सुखविंदर सुक्खू और सीएमओ के लगभग हर पोस्ट पर युवाओं का गुस्सा फूट रहा है. रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर युवा सरकार को घेर रहे हैं.
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