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विक्रमादित्य सिंह का सभी से आग्रह- मुझे केवल मेरे नाम से करें संबोधित

10 जुलाई को विक्रमादित्य सिंह का राज्याभिषेक हुआ है. वहीं, अब विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से पोस्ट कर उन्हें केवल उनके नाम से ही संबोधित करने की बात कही है.

विक्रमादित्य सिंह
राजतिलक के दौरान विक्रमादित्य सिंह
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Published : Jul 14, 2021, 7:36 PM IST

शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह ने सभी से निवेदन किया है कि उन्हें केवल उनके नाम से संबोधित किया जाए. उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि मैं आप सबके साथ जुड़ा रहना चाहता हूं और राजा का खिताब कहीं ना कहीं दूरियां बना देती है.

बता दें कि 10 जुलाई को शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह का राजतिलक किया गया. उनके पिता वीरभद्र सिंह के पार्थिव शरीर के सामने रामपुर बुशहर स्थित पद्म पैलेस में विक्रमादित्य सिंह का राज्याभिषेक हुआ. इसी के साथ उन्हें बुशहर रियायत का 123वां राजा चुना गया. बुशहर रियासत भगवान कृष्ण की वंशावली से संबंधित मानी जाती है. 10 जुलाई को विक्रमादित्य सिंह को पद्म महल के भीतर राज सिंहासन पर बैठाया गया. इस दौरान पारंपरिक लोकवाद्य यंत्रों की ध्वनियों से राजा की रियासत गूंज उठी.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह का निधन गुरुवार, 8 जुलाई को हो गया. 13 वर्ष की उम्र में वीरभद्र सिंह का बुशहर रियासत के 122वें राजा के रूप में राजतिलक हुआ था. रामपुर रियासत में यह प्रथा रही है कि राजा का अंतिम संस्कार तब तक नहीं होता, जब तक अगले उत्तराधिकारी का राजतिलक न हो, क्योंकि राज गद्दी को खाली नहीं छोड़ा जाता. वीरभद्र सिंह के अंतिम संस्कार से पहले पुरानी परंपराओं का निर्वहन करते हुए विक्रमादित्य सिंह का राज महल में राजगद्दी पर राजतिलक किया गया. इसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई.

विक्रमादित्य सिंह
विक्रमादित्य सिंह की सोशल मीडिया पर पोस्ट.

ये भी पढ़ें- शोक व्यक्त करने पूर्व मुख्यमंत्री के पदम पैलेस पहुंच रहे लोग, बोले- विकास के मसीहा थे राजा वीरभद्र

शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह ने सभी से निवेदन किया है कि उन्हें केवल उनके नाम से संबोधित किया जाए. उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि मैं आप सबके साथ जुड़ा रहना चाहता हूं और राजा का खिताब कहीं ना कहीं दूरियां बना देती है.

बता दें कि 10 जुलाई को शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह का राजतिलक किया गया. उनके पिता वीरभद्र सिंह के पार्थिव शरीर के सामने रामपुर बुशहर स्थित पद्म पैलेस में विक्रमादित्य सिंह का राज्याभिषेक हुआ. इसी के साथ उन्हें बुशहर रियायत का 123वां राजा चुना गया. बुशहर रियासत भगवान कृष्ण की वंशावली से संबंधित मानी जाती है. 10 जुलाई को विक्रमादित्य सिंह को पद्म महल के भीतर राज सिंहासन पर बैठाया गया. इस दौरान पारंपरिक लोकवाद्य यंत्रों की ध्वनियों से राजा की रियासत गूंज उठी.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह का निधन गुरुवार, 8 जुलाई को हो गया. 13 वर्ष की उम्र में वीरभद्र सिंह का बुशहर रियासत के 122वें राजा के रूप में राजतिलक हुआ था. रामपुर रियासत में यह प्रथा रही है कि राजा का अंतिम संस्कार तब तक नहीं होता, जब तक अगले उत्तराधिकारी का राजतिलक न हो, क्योंकि राज गद्दी को खाली नहीं छोड़ा जाता. वीरभद्र सिंह के अंतिम संस्कार से पहले पुरानी परंपराओं का निर्वहन करते हुए विक्रमादित्य सिंह का राज महल में राजगद्दी पर राजतिलक किया गया. इसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई.

विक्रमादित्य सिंह
विक्रमादित्य सिंह की सोशल मीडिया पर पोस्ट.

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