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Shimla Smart City Project: सचिवालय के ग्राउंड फ्लोर में बनेगा स्मार्ट सिटी का कमांड सेंटर - शिमला में फॉरेस्ट एरिया

शिमला स्मार्ट सिटी परियोजना (Shimla Smart City Project) के अंतर्गत हो रहे विकासात्मक कार्यों पर सदन में चर्चा का उत्तर देते हुए शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिमला शहर का इतिहास दो शताब्दियों तक पुराना है. उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी शिमला (Smart city shimla ) का कमांड सेंटर सचिवालय के नए भवन के ग्राउंड सेंटर में बनने की तैयारी है.

Urban Development Minister Suresh Bhardwaj
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज
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Published : Mar 2, 2022, 10:41 PM IST

शिमला: शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) ने सदन में कहा कि स्मार्ट सिटी शिमला (Smart city shimla ) का कमांड सेंटर सचिवालय के नए भवन के ग्राउंड सेंटर में बनने की तैयारी है. ताकि शहर में लग रहे सीसीटीवी कैमरा और सुचारू ट्रैफक जैसी सुविधओं को बेहतर तरीके से चलाई जा सके. उन्होंने कहा कि इसपर अभी विचार किया जा रहा है कि वहां कौन-कौन से चीजों का कमांड रहेगा.

सदन में नियम 130 के तहत शिमला स्मार्ट सिटी परियोजना (Shimla Smart City Project) के अंतर्गत हो रहे विकासात्मक कार्यों पर सदन में चर्चा का उत्तर देते हुए शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिमला शहर का इतिहास दो शताब्दियों तक पुराना है. उस वक्त अंग्रेजों ने केवल 50 हजार लोगों के क्षमता के लिए शहर में सुविधाएं उपलब्ध करवाई थी. जिसके कारण आज यह मूलभूत सुविधाएं अपर्याप्त लग रही हैं.

पानी की कमी (water scarcity in shimla) दूर करने के लिए केंद्र सरकार की सहयता से 1200 करोड़ रुपये से शिमला के लिए पानी उपलब्ध करने की योजना बनाई जा रही है. इस परियोजना की कुल कीमत 1850 करोड़ रुपये होगी और अगले 50 वर्षों तक यह शिमला की पानी की ज़रूरत पूरा करेगी. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जेएनएनयूआरएम के तहत शिमला को 3900 करोड़ रुपये का पेयजल प्रोजेक्ट मिला था लेकिन नगर निगम पर सीपीआईएम का कब्जा था और उन्होंने इस योजना को लागू नहीं होने दिया.

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट उस समय के शहरी विकास मंत्री सुधीर के गृह नगर धर्मशाला को मिला था. इसके बाद केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैकेया नायडू के अमृत मिशन योजना मिली. उन्होंने कहा 1 लाख 561 लोगों का मत सोशल मीडिया के माध्यम सहयोग लिया गया. इसके परिणाम से शिमला को तीसरे राउंड में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मिला. उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत वही कार्य किए जा रहे हैं जो कि उस समय लोगों ने विचार व्यक्त किए थे. स्मार्ट सिटी का कोई विशेष स्टाफ नियुक्त नहीं किया गया है. विभिन्न विभाग ही इसका काम कर रहे हैं. शिमला में 170 साल पुरानी सुरंग के साथ समानांतर सुरंग जल्द ही बनाई जाएगी.

सुरेश भारद्वाज ने कहा शिमला में फॉरेस्ट एरिया (Forest area in Shimla) जो पहले नगर निगम के पास था कांग्रेस के समय सरकार के पास दे दिया जिससे शहर में निर्माण कार्य करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि शिमला शहर को छोड़ा करना बेहद ज़रूरी है. सभी प्रोजेक्ट की टेंडरिंग ऑनलाइन की गई है. उन्होंने कहा सभी कार्य अलग-अलग ठेकेदारों को दी गई है. आईजीएमसी- संजौली का पैदल रास्ता का पूरा प्रोजेक्ट 15 से 16 करोड़ का है. इसके अलावा आईजीएमसी की पार्किंग का कार्य भी 20 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है.

ये भी पढ़ें: सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव आज से शुरू, CM ने राज माधव राय मंदिर में की पूजा

शिमला: शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) ने सदन में कहा कि स्मार्ट सिटी शिमला (Smart city shimla ) का कमांड सेंटर सचिवालय के नए भवन के ग्राउंड सेंटर में बनने की तैयारी है. ताकि शहर में लग रहे सीसीटीवी कैमरा और सुचारू ट्रैफक जैसी सुविधओं को बेहतर तरीके से चलाई जा सके. उन्होंने कहा कि इसपर अभी विचार किया जा रहा है कि वहां कौन-कौन से चीजों का कमांड रहेगा.

सदन में नियम 130 के तहत शिमला स्मार्ट सिटी परियोजना (Shimla Smart City Project) के अंतर्गत हो रहे विकासात्मक कार्यों पर सदन में चर्चा का उत्तर देते हुए शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिमला शहर का इतिहास दो शताब्दियों तक पुराना है. उस वक्त अंग्रेजों ने केवल 50 हजार लोगों के क्षमता के लिए शहर में सुविधाएं उपलब्ध करवाई थी. जिसके कारण आज यह मूलभूत सुविधाएं अपर्याप्त लग रही हैं.

पानी की कमी (water scarcity in shimla) दूर करने के लिए केंद्र सरकार की सहयता से 1200 करोड़ रुपये से शिमला के लिए पानी उपलब्ध करने की योजना बनाई जा रही है. इस परियोजना की कुल कीमत 1850 करोड़ रुपये होगी और अगले 50 वर्षों तक यह शिमला की पानी की ज़रूरत पूरा करेगी. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जेएनएनयूआरएम के तहत शिमला को 3900 करोड़ रुपये का पेयजल प्रोजेक्ट मिला था लेकिन नगर निगम पर सीपीआईएम का कब्जा था और उन्होंने इस योजना को लागू नहीं होने दिया.

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट उस समय के शहरी विकास मंत्री सुधीर के गृह नगर धर्मशाला को मिला था. इसके बाद केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैकेया नायडू के अमृत मिशन योजना मिली. उन्होंने कहा 1 लाख 561 लोगों का मत सोशल मीडिया के माध्यम सहयोग लिया गया. इसके परिणाम से शिमला को तीसरे राउंड में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मिला. उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत वही कार्य किए जा रहे हैं जो कि उस समय लोगों ने विचार व्यक्त किए थे. स्मार्ट सिटी का कोई विशेष स्टाफ नियुक्त नहीं किया गया है. विभिन्न विभाग ही इसका काम कर रहे हैं. शिमला में 170 साल पुरानी सुरंग के साथ समानांतर सुरंग जल्द ही बनाई जाएगी.

सुरेश भारद्वाज ने कहा शिमला में फॉरेस्ट एरिया (Forest area in Shimla) जो पहले नगर निगम के पास था कांग्रेस के समय सरकार के पास दे दिया जिससे शहर में निर्माण कार्य करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि शिमला शहर को छोड़ा करना बेहद ज़रूरी है. सभी प्रोजेक्ट की टेंडरिंग ऑनलाइन की गई है. उन्होंने कहा सभी कार्य अलग-अलग ठेकेदारों को दी गई है. आईजीएमसी- संजौली का पैदल रास्ता का पूरा प्रोजेक्ट 15 से 16 करोड़ का है. इसके अलावा आईजीएमसी की पार्किंग का कार्य भी 20 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है.

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