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हिमाचल के नए DGP को लेकर दिल्ली में होगी बैठक, हैलीकॉप्टर में रवाना होंगे मुख्य सचिव

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Published : May 25, 2020, 11:58 PM IST

डीजीपी एसआर मरड़ी 31 मई को रिटायर हो रहे हैं. प्रदेश के नए डीजीपी को लेकर मंगलवार को दिल्ली में यूपीएससी की बैठक होगी. बैठक में भाग लेने के लिए हिमाचल के मुख्य सचिव व कुछ अन्य अधिकारी हैलीकॉप्टर में दिल्ली के लिए रवाना होंगे.

UPSC meeting on new Himachal DGP
नए हिमाचल DGP को लेकर दिल्ली में होगी बैठक.

शिमला: हिमाचल के नए डीजीपी को लेकर मंगलवार को दिल्ली में यूपीएससी की बैठक होगी. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार बैठक में भाग लेने के लिए हिमाचल के मुख्य सचिव व कुछ अन्य अधिकारी दिल्ली जाएंगे.

बता दें कि यूपीएससी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए डीजीपी पैनल की चर्चा के लिए मना कर दिया था, लिहाजा अब राज्य के मुख्य सचिव अनिल खाची कुछ अन्य अफसरों के साथ हैलीकॉप्टर से दिल्ली जाएंगे. यूपीएससी के साथ ही इस बैठक में हिमाचल प्रदेश एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स यानी एचपीएएस के 11 अफसरों की आईएएस में इंडक्शन पर भी चर्चा होगी.

डीजीपी कुर्सी के लिए दौड़ में चार अफसर

गौरतलब है कि डीजीपी के लिए हिमाचल सरकार ने चार अफसरों का पैनल भेजा है. मौजूदा डीजीपी एसआर मरड़ी 31 मई को रिटायर हो रहे हैं. उनके स्थान पर चार अफसरों का नाम इस कुर्सी के लिए दौड़ में है. डीजी जेल सोमेश गोयल के अलावा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रधान सचिव संजय कुंडू व केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चल रहे तपन कुमार डेका व एसआर ओझा के नाम शामिल हैं.

डेका व ओझा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापिस लौटने के इच्छुक नहीं लग रहे. लिहाजा ये रेस सोमेश गोयल व संजय कुंडू के बीच है. सोमेश गोयल पहले भी डीजीपी की पोस्ट पर रहे हैं, लेकिन कोटखाई में छात्रा के साथ दुष्कर्म व हत्या के मामले की गाज गिरने के बाद उन्हें डीजी जेल लगाया गया था. हिमाचल सरकार ने इन चार अफसरों का पैनल यूपीएससी को भेजा था.

अब यूपीएससी इनमें से तीन अफसरों का पैनल तय करेगी. उसके बाद ये पैनल राज्य सरकार के पास आएगा. बाद में मुख्यमंत्री अपनी पसंद व प्राथमिकता के आधार पर नए डीजीपी का नाम तय करेंगे. यूपीएससी की पहली बैठक 22 मई को प्रस्तावित थी. लेकिन वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक के लिए यूपीएससी ने मना किया था. अब नई तारीख 26 मई तय की गई है, जिसके लिए राज्य के सीएस अनिल खाची अन्य अफसरों के साथ दिल्ली जाएंगे.

मौजूदा समय में संजय कुंडू 1989 बैच के आईपीएस अफसर हैं. सोमेश गोयल सीनियोरिटी में सबसे आगे हैं. गोयल 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. सोमेश गोयल पहले भी डीजीपी रहे हैं. कोटखाई में छात्रा से दुष्कर्म व हत्या के मामले से निपटने के तरीके ने उनकी छवि पर दाग लगाया था. बाद में सरकार ने उन्हें हटाकर सीताराम मरड़ी को डीजीपी बनाया था. ये बात अलग है कि गोयल प्रभावशाली अधिकारी हैं और केंद्र में भी उनका रसूख है.

अलबत्ता राज्य की पुलिस का मुखिया कौन हो, ये सरकार की ही पसंद की बात है. संजय कुंडू काबिल अधिकारी हैं. जयराम सरकार उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से राज्य में लाई थी. उन्हें सीएम कार्यालय में अहम जिम्मेदारी दी गई. जहां तक सोमेश गोयल की बात है तो सरकार उन्हें फिर से डीजीपी की कुर्सी देने से हिचक सकती है. उधर तपन कुमार डेका केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से हिमाचल आने के अधिक इच्छुक नहीं लग रहे हैं. यही हाल एसआर ओझा का है. ऐसे में डीजीपी की कुर्सी पर दो ही नाम विचार में रह जाते हैं.

सीएम जयराम ठाकुर संजय कुंडू के नाम पर सहमत हो सकते हैं. केंद्र में गोयल के रसूख की चली तो वे डीजीपी की पोस्ट से रिटायर होने का सपना पूरा कर सकते हैं. हालांकि इस समय भी उनका रैंक डीजी यानी डायरेक्टर जनरल का ही है, लेकिन साथ में जेल शब्द जुड़ा है. सोमेश गोयल की नाम पट्टिका के आगे जीडी (जेल) लिखा होता है. ये बात भी सही है कि जेल विभाग के मुखिया रहते हुए सोमेश गोयल ने कई बेहतरीन काम किए हैं. खासकर कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के मामले में उन्होंने प्रयास किए. जेल के कैदी कई तरह के उत्पाद तैयार करते हैं. ये प्रोत्साहन गोयल के समय में भी कैदियों को मिला है. फिर, आइपीएस अफसरों की सीनियोरिटी लिस्ट में भी सोमेश गोयल सबसे ऊपर है. तपन डेका 1988 व एसआर ओझा 1989 बैच के अधिकारी है. डेका इस समय एडीजी के पद पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और ओझा बीएसएफ के आईजी हैं. फिलहाल, संजय कुंडू व सोमेश गोयल के नाम अधिक चर्चा में हैं.

शिमला: हिमाचल के नए डीजीपी को लेकर मंगलवार को दिल्ली में यूपीएससी की बैठक होगी. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार बैठक में भाग लेने के लिए हिमाचल के मुख्य सचिव व कुछ अन्य अधिकारी दिल्ली जाएंगे.

बता दें कि यूपीएससी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए डीजीपी पैनल की चर्चा के लिए मना कर दिया था, लिहाजा अब राज्य के मुख्य सचिव अनिल खाची कुछ अन्य अफसरों के साथ हैलीकॉप्टर से दिल्ली जाएंगे. यूपीएससी के साथ ही इस बैठक में हिमाचल प्रदेश एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स यानी एचपीएएस के 11 अफसरों की आईएएस में इंडक्शन पर भी चर्चा होगी.

डीजीपी कुर्सी के लिए दौड़ में चार अफसर

गौरतलब है कि डीजीपी के लिए हिमाचल सरकार ने चार अफसरों का पैनल भेजा है. मौजूदा डीजीपी एसआर मरड़ी 31 मई को रिटायर हो रहे हैं. उनके स्थान पर चार अफसरों का नाम इस कुर्सी के लिए दौड़ में है. डीजी जेल सोमेश गोयल के अलावा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रधान सचिव संजय कुंडू व केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चल रहे तपन कुमार डेका व एसआर ओझा के नाम शामिल हैं.

डेका व ओझा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापिस लौटने के इच्छुक नहीं लग रहे. लिहाजा ये रेस सोमेश गोयल व संजय कुंडू के बीच है. सोमेश गोयल पहले भी डीजीपी की पोस्ट पर रहे हैं, लेकिन कोटखाई में छात्रा के साथ दुष्कर्म व हत्या के मामले की गाज गिरने के बाद उन्हें डीजी जेल लगाया गया था. हिमाचल सरकार ने इन चार अफसरों का पैनल यूपीएससी को भेजा था.

अब यूपीएससी इनमें से तीन अफसरों का पैनल तय करेगी. उसके बाद ये पैनल राज्य सरकार के पास आएगा. बाद में मुख्यमंत्री अपनी पसंद व प्राथमिकता के आधार पर नए डीजीपी का नाम तय करेंगे. यूपीएससी की पहली बैठक 22 मई को प्रस्तावित थी. लेकिन वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक के लिए यूपीएससी ने मना किया था. अब नई तारीख 26 मई तय की गई है, जिसके लिए राज्य के सीएस अनिल खाची अन्य अफसरों के साथ दिल्ली जाएंगे.

मौजूदा समय में संजय कुंडू 1989 बैच के आईपीएस अफसर हैं. सोमेश गोयल सीनियोरिटी में सबसे आगे हैं. गोयल 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. सोमेश गोयल पहले भी डीजीपी रहे हैं. कोटखाई में छात्रा से दुष्कर्म व हत्या के मामले से निपटने के तरीके ने उनकी छवि पर दाग लगाया था. बाद में सरकार ने उन्हें हटाकर सीताराम मरड़ी को डीजीपी बनाया था. ये बात अलग है कि गोयल प्रभावशाली अधिकारी हैं और केंद्र में भी उनका रसूख है.

अलबत्ता राज्य की पुलिस का मुखिया कौन हो, ये सरकार की ही पसंद की बात है. संजय कुंडू काबिल अधिकारी हैं. जयराम सरकार उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से राज्य में लाई थी. उन्हें सीएम कार्यालय में अहम जिम्मेदारी दी गई. जहां तक सोमेश गोयल की बात है तो सरकार उन्हें फिर से डीजीपी की कुर्सी देने से हिचक सकती है. उधर तपन कुमार डेका केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से हिमाचल आने के अधिक इच्छुक नहीं लग रहे हैं. यही हाल एसआर ओझा का है. ऐसे में डीजीपी की कुर्सी पर दो ही नाम विचार में रह जाते हैं.

सीएम जयराम ठाकुर संजय कुंडू के नाम पर सहमत हो सकते हैं. केंद्र में गोयल के रसूख की चली तो वे डीजीपी की पोस्ट से रिटायर होने का सपना पूरा कर सकते हैं. हालांकि इस समय भी उनका रैंक डीजी यानी डायरेक्टर जनरल का ही है, लेकिन साथ में जेल शब्द जुड़ा है. सोमेश गोयल की नाम पट्टिका के आगे जीडी (जेल) लिखा होता है. ये बात भी सही है कि जेल विभाग के मुखिया रहते हुए सोमेश गोयल ने कई बेहतरीन काम किए हैं. खासकर कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के मामले में उन्होंने प्रयास किए. जेल के कैदी कई तरह के उत्पाद तैयार करते हैं. ये प्रोत्साहन गोयल के समय में भी कैदियों को मिला है. फिर, आइपीएस अफसरों की सीनियोरिटी लिस्ट में भी सोमेश गोयल सबसे ऊपर है. तपन डेका 1988 व एसआर ओझा 1989 बैच के अधिकारी है. डेका इस समय एडीजी के पद पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और ओझा बीएसएफ के आईजी हैं. फिलहाल, संजय कुंडू व सोमेश गोयल के नाम अधिक चर्चा में हैं.

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