शिमला: कार्टन के दाम बढ़ाने और किसान बागवानों को मुआवजा न मिलने पर मंगलवार को जिला परिषद की मासिक बैठक में जिला परिषद सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. बैठक शुरू होते ही कांग्रेस के जिला परिषद के सदस्य सदन के बीच में आकर धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. काफी देर तक सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे और उसके बाद बैठक की कार्यवाही से वॉकआउट कर बाहर निकल गए और बागवानों को मुआवजा न मिलने तक जिला परिषद की बैठकों का बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी.
बागवानों की अनदेखी
जिला परिषद के तहत बनाई गई उद्योग और बागवानी कमेटी के अध्यक्ष कौशल मुंगटा ने कहा कि सरकार बागवानों की अनदेखी करती रही है. पहले जहां बेमौसमी ओलावृष्टि और बर्फबारी से नुकसान हुआ था जिसका अभी मुआवजा तक नहीं मिला, वहीं अब सेब सीजन शुरू होते ही सरकार ने बागवानों को राहत देने के बजाय उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कार्टन के दामों में 25 रुपए तक बढ़ोतरी कर दी है जिससे बागवानों पर इसका अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है. उन्होंने कहा कि यदि कार्टन के दाम कम नहीं किए गए और मुआवजा नहीं दिया गया तो वह कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे.
जल्द मुआवजा देने की मांग
अन्य सदस्यों ने भी सरकार से कार्टन के दाम कम करने और बागवानों को जल्द मुआवजा देने की मांग की. जिला परिषद उपाध्यक्ष सुरेंद्र रेटका ने कहा कि आज जिला परिषद की बैठक बुलाई गई थी लेकिन बैठक में कोरम पूरा नहीं हो पाया. वहीं, सदस्यों ने कार्टन के दाम कम करने और मुआवजा देने को लेकर धरना प्रदर्शन किया. इस मामले को लेकर जिला परिषद जिला उपायुक्त के माध्यम से सरकार से दामों को कम करने की मांग करेगी. उन्होंने कहा कि शिमला सेब बहुल जिला है लेकिन इस बार ओलावृष्टि और बर्फबारी के चलते काफी नुकसान हुआ है लेकिन सरकार की ओर से कोई भी राहत बागवानों को नहीं दी गई है.
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