शिमला: प्रदेश में हो रही बैमोसमी बारिश ने बागवानों की चिंता बढ़ा दी है. सेब तोड़ने में बागवानों को काफी समस्यों का सामना करना पड़ रहा है. सेब के रंग और आकार में बारिश के कारण खराब हो गया है. प्रदेश में सेब के उचित दाम न मिलने से बागवानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.
प्रदेश में मौसम की बेरुखी इस बार किसानों ओर बागवानों पर आफत बनकर बरसी है. बेमौसमी बारिश ने इस बार बागवानों की हालत खस्ता कर दी है. अभी तक मध्य इलाकों का सेब बारिश के कारण बगीचों में ही पड़ा हुआ है. पिछले दो दिनों से प्रदेश में हो रही भारी बारिश ने बागवानों की बेचैनी ओर बढ़ा दी है. बागवानों का कहना है कि इस बार सेब के लिए मौसम शुरू से ही खराब रहा. पहले देरी से फ्लावरिंग हुई और फिर बाद में लगातार बरसात से सेब हरा रह गया. जो सेब अगस्त के महीने में बिकता था वो अक्टूबर में भी तैयार नही हो पाया है, जिसके चलते सेब के दामों में भारी कटोती दर्ज की गई है.
बागवानों का कहना है कि सेब पेड़ो में ही लटक कर सड़ रहा है. सेब के दाम में प्रति पेटी 300 से 400 रुपये की कटोती आई है. ए ग्रेड सेब की पेटी के दाम बी ग्रेड की पेटी के बराबर भी नहीं मिल रहे हैं.