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हिमाचल में सेब सीजन शुरू होने में दो माह का वक्त, यूनिवर्सल कार्टन लागू करने को लेकर सरकार अभी तक नहीं ले पाई फैसला

हिमाचल में सेब सीजन शुरू होने में करीब दो महीने का समय रह गया है. वहीं, सुखविंदर सरकार अभी तक यूनिवर्सल कार्टन लागू करने को लेकर फैसला नहीं ले पाई है. ऐसे में हिमाचल के बागवान पसोपेश में हैं. (Universal Carton for Apples in Himachal)

Universal Carton for Apples in Himachal
हिमाचल में सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन
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Published : May 5, 2023, 7:52 PM IST

Updated : May 6, 2023, 6:02 AM IST

शिमला: हिमाचल में सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन लागू करने की बात तो सरकार कर रही है. लेकिन, अभी तक इसको लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. हालांकि सरकार वजन के हिसाब से सेब बेचने का फैसला कर चुकी है और इसको लेकर आदेश भी जारी किए जा चुके हैं. मगर यूनिवर्सल कार्टन के बिना सेब को वजन के हिसाब से बेचना आसान नहीं होगा. इससे सेब की पेटियों के वजन को लेकर विवाद पैदा होने की संभावना भी है. बागवानों की मानें तो इससे आढ़ती मनमानी कर सकते हैं. यही वजह है कि समय रहते यूनिवर्सल कार्टन को लेकर कोई फैसला न होने से बागवान पसोपेश में हैं.

हिमाचल के निचले इलाकों में सेब का सीजन जुलाई के पहले सप्ताह में शुरू हो जाता है. इस तरह करीब दो माह का समय ही बाकी बचा है, मगर अभी तक सरकार ने यूनिवर्सल कार्टन को लेकर कोई फैसला नहीं किया है. हालांकि सरकार यूनिवर्सल कार्टन लागू करने की बात कर रही है. शिमला नगर निगम चुनाव में प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यूनिवर्सल कार्टन लागू करने की बात कही थी. यही नहीं सरकार ने इसको लेकर कानूनी अध्ययन करने की भी बात कही है. लेकि जिस धीमी रफ्तार से यह सब हो रहा है. उससे बागवानों की यूनिवर्सल कार्टन को लेकर आशंकाएं बढ़ रही हैं.

बागवानों, आढ़तियों और कार्टन निर्माताओं के साथ बैठक जरूरी: प्रदेश में अगर यूनिवर्सल कार्टन लागू करना है तो इसके लिए सभी स्टेक होल्डर से मीटिंग कर फैसला किया जाना जरूरी है. इसमें बागवानों के अलावा सेब खरीदने वाले आढ़ती और कार्टन निर्माता शामिल हैं. इन सभी पक्षों के साथ बातचीत कर इसको लेकर कोई फैसला लिया जा सकता है. कार्टन बनाने वाले उद्योगों को भी इसके लिए तैयारियां करनी है. इसके लिए उनको कितना समय चाहिए, यह सब बैठक में तय किया जाना चाहिए था. मगर अभी तक इन उद्योगों से भी कोई बात नहीं हुई है.

इसलिए यूनिवर्सल कार्टन है सेब के लिए जरूरी: यूनिवर्सल कार्टन इसलिए जरूरी है कि क्योंकि इसमें एक निर्धारित मात्रा में ही सेब भरा जा सकता है. मौजूदा समय में सेब के लिए जो टेलीस्कोपिक कार्टन इस्तेमाल किया जा रहा है, उसमें 35 किलो तक भी सेब भरा जा रहा है, जबकि दाम औसतन 20 किलो की पेटी के हिसाब से मिल रहे हैं, क्योंकि एक स्टेंडर्ड पेटी की वजन 20 किलो ही माना जाता है. लेकिन टेलीस्कोपिक कार्टन में बागवानों को 30-35 किलो सेब भरने पर मजबूर किया जा रहा है. हालांकि सरकार ने अधिकतम 24 किलो सेब की पेटी का वजन तय किया है, लेकिन इसको ग्राउंड पर लागू करना आसान नहीं है. यही वजह है कि बागवान यूनिवर्सल कार्टन को ही इन स्थितियों में बेहतर मान रहे हैं.

वजन के हिसाब से मंडियों में बिकेगा सेब: प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने अबकी बार वजन के हिसाब से सेब बेचने का फैसला लिया है, लेकिन इसके लिए अभी वही पुराने कार्टन का इस्तेमाल होने की संभावना है. सरकार हालांकि यह भी कह चुकी है कि पेटी में अधिकतम 24 किलो ही सेब जाएगा, लेकिन टेलीस्कोपिक कार्टन के इस्तेमाल होने से बागवानों को सेब की पेटियों का वजन करना पड़ेगा. यही नहीं आढ़तियों को भी मंडियों में सैंपल के तौर पर इनका वजन कराना पड़ेगा. इस तरह दोनों पक्षों बागवानों और आढ़तियों को सेब की पेटियों का वजन करना पड़ेगा, यह एक पेचीदा काम होगा. पेटियों के वजन को लेकर दोनों पक्षों में इससे विवाद होने की पूरी संभावना है, जिसका खामियाजा अंततः बागवानों को ही भुगतना पड़ेगा.

यूनिवर्सल कार्टन में 20 किलो से अधिक सेब नहीं भरा जा सकता: टेलीस्कोपिक कार्टन के विपरीत यूनिवर्सल कार्टन में 20 किलो से अधिक पैकिंग नहीं की जा सकती. इसका डिजाइन इस तरह से होता है कि इसकी पैकिंग 20 किलो से ज्यादा सेब भरा नहीं जा सकता. यह कार्टन 10 किलो में भी उपलब्ध रहता है, इसमें भी इतनी ही मात्रा का सेब आता है. अगर सेब के लिए सरकार यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था करती है तो इससे पेटियों का वजन नहीं कराना पड़ेगा और इस तरह वजन को लेकर विवाद होने की संभावना नहीं रहेगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन होगा लागू, प्रदेश सरकार कर रही हर कानूनी पहलू पर विचार

बागवानों ने सरकार से जल्द से जल्द फैसला लेने की मांग: बागवान सरकार से सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन को लेकर जल्द फैसला करने की मांग कर रहे हैं. संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा है कि हालांकि सरकार ने वजन के हिसाब से सेब बेचने की व्यवस्था की है लेकिन इसके लिए यूनिवर्सल कार्टन लागू किया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि सेब सीजन शुरू होने में ज्यादा समय नहीं है. ऐसे में अगर सरकार समय रहते कोई फैसला नहीं करती तो इससे कई तरह की दिक्कतें आएंगी. सरकार को यूनिवर्सल कार्टन के लिए अध्यादेश लाना होगा ताकि बाहर से कोई टेलीस्कोपिक कार्टन हिमाचल में न आए. अन्यथा यूनिवर्सल कार्टन के साथ-साथ टेलीस्कोपिक कार्टन का भी इस्तेमाल होगा जिससे दो तरह के कार्टन होंगे. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इसको लेकर जल्द ही सभी स्टेक होल्डरों की एक बैठक बुलाकर कोई फैसला लिया जाए.

ये भी पढ़ें: किसान-बागवानों के समर्थन में उतरे कांग्रेस MLA कुलदीप राठौर, कहा- यूनिवर्सल कार्टन सहित अन्य मांगों को जल्द पूरा करे सरकार

शिमला: हिमाचल में सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन लागू करने की बात तो सरकार कर रही है. लेकिन, अभी तक इसको लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. हालांकि सरकार वजन के हिसाब से सेब बेचने का फैसला कर चुकी है और इसको लेकर आदेश भी जारी किए जा चुके हैं. मगर यूनिवर्सल कार्टन के बिना सेब को वजन के हिसाब से बेचना आसान नहीं होगा. इससे सेब की पेटियों के वजन को लेकर विवाद पैदा होने की संभावना भी है. बागवानों की मानें तो इससे आढ़ती मनमानी कर सकते हैं. यही वजह है कि समय रहते यूनिवर्सल कार्टन को लेकर कोई फैसला न होने से बागवान पसोपेश में हैं.

हिमाचल के निचले इलाकों में सेब का सीजन जुलाई के पहले सप्ताह में शुरू हो जाता है. इस तरह करीब दो माह का समय ही बाकी बचा है, मगर अभी तक सरकार ने यूनिवर्सल कार्टन को लेकर कोई फैसला नहीं किया है. हालांकि सरकार यूनिवर्सल कार्टन लागू करने की बात कर रही है. शिमला नगर निगम चुनाव में प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यूनिवर्सल कार्टन लागू करने की बात कही थी. यही नहीं सरकार ने इसको लेकर कानूनी अध्ययन करने की भी बात कही है. लेकि जिस धीमी रफ्तार से यह सब हो रहा है. उससे बागवानों की यूनिवर्सल कार्टन को लेकर आशंकाएं बढ़ रही हैं.

बागवानों, आढ़तियों और कार्टन निर्माताओं के साथ बैठक जरूरी: प्रदेश में अगर यूनिवर्सल कार्टन लागू करना है तो इसके लिए सभी स्टेक होल्डर से मीटिंग कर फैसला किया जाना जरूरी है. इसमें बागवानों के अलावा सेब खरीदने वाले आढ़ती और कार्टन निर्माता शामिल हैं. इन सभी पक्षों के साथ बातचीत कर इसको लेकर कोई फैसला लिया जा सकता है. कार्टन बनाने वाले उद्योगों को भी इसके लिए तैयारियां करनी है. इसके लिए उनको कितना समय चाहिए, यह सब बैठक में तय किया जाना चाहिए था. मगर अभी तक इन उद्योगों से भी कोई बात नहीं हुई है.

इसलिए यूनिवर्सल कार्टन है सेब के लिए जरूरी: यूनिवर्सल कार्टन इसलिए जरूरी है कि क्योंकि इसमें एक निर्धारित मात्रा में ही सेब भरा जा सकता है. मौजूदा समय में सेब के लिए जो टेलीस्कोपिक कार्टन इस्तेमाल किया जा रहा है, उसमें 35 किलो तक भी सेब भरा जा रहा है, जबकि दाम औसतन 20 किलो की पेटी के हिसाब से मिल रहे हैं, क्योंकि एक स्टेंडर्ड पेटी की वजन 20 किलो ही माना जाता है. लेकिन टेलीस्कोपिक कार्टन में बागवानों को 30-35 किलो सेब भरने पर मजबूर किया जा रहा है. हालांकि सरकार ने अधिकतम 24 किलो सेब की पेटी का वजन तय किया है, लेकिन इसको ग्राउंड पर लागू करना आसान नहीं है. यही वजह है कि बागवान यूनिवर्सल कार्टन को ही इन स्थितियों में बेहतर मान रहे हैं.

वजन के हिसाब से मंडियों में बिकेगा सेब: प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने अबकी बार वजन के हिसाब से सेब बेचने का फैसला लिया है, लेकिन इसके लिए अभी वही पुराने कार्टन का इस्तेमाल होने की संभावना है. सरकार हालांकि यह भी कह चुकी है कि पेटी में अधिकतम 24 किलो ही सेब जाएगा, लेकिन टेलीस्कोपिक कार्टन के इस्तेमाल होने से बागवानों को सेब की पेटियों का वजन करना पड़ेगा. यही नहीं आढ़तियों को भी मंडियों में सैंपल के तौर पर इनका वजन कराना पड़ेगा. इस तरह दोनों पक्षों बागवानों और आढ़तियों को सेब की पेटियों का वजन करना पड़ेगा, यह एक पेचीदा काम होगा. पेटियों के वजन को लेकर दोनों पक्षों में इससे विवाद होने की पूरी संभावना है, जिसका खामियाजा अंततः बागवानों को ही भुगतना पड़ेगा.

यूनिवर्सल कार्टन में 20 किलो से अधिक सेब नहीं भरा जा सकता: टेलीस्कोपिक कार्टन के विपरीत यूनिवर्सल कार्टन में 20 किलो से अधिक पैकिंग नहीं की जा सकती. इसका डिजाइन इस तरह से होता है कि इसकी पैकिंग 20 किलो से ज्यादा सेब भरा नहीं जा सकता. यह कार्टन 10 किलो में भी उपलब्ध रहता है, इसमें भी इतनी ही मात्रा का सेब आता है. अगर सेब के लिए सरकार यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था करती है तो इससे पेटियों का वजन नहीं कराना पड़ेगा और इस तरह वजन को लेकर विवाद होने की संभावना नहीं रहेगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन होगा लागू, प्रदेश सरकार कर रही हर कानूनी पहलू पर विचार

बागवानों ने सरकार से जल्द से जल्द फैसला लेने की मांग: बागवान सरकार से सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन को लेकर जल्द फैसला करने की मांग कर रहे हैं. संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा है कि हालांकि सरकार ने वजन के हिसाब से सेब बेचने की व्यवस्था की है लेकिन इसके लिए यूनिवर्सल कार्टन लागू किया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि सेब सीजन शुरू होने में ज्यादा समय नहीं है. ऐसे में अगर सरकार समय रहते कोई फैसला नहीं करती तो इससे कई तरह की दिक्कतें आएंगी. सरकार को यूनिवर्सल कार्टन के लिए अध्यादेश लाना होगा ताकि बाहर से कोई टेलीस्कोपिक कार्टन हिमाचल में न आए. अन्यथा यूनिवर्सल कार्टन के साथ-साथ टेलीस्कोपिक कार्टन का भी इस्तेमाल होगा जिससे दो तरह के कार्टन होंगे. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इसको लेकर जल्द ही सभी स्टेक होल्डरों की एक बैठक बुलाकर कोई फैसला लिया जाए.

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Last Updated : May 6, 2023, 6:02 AM IST
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