शिमला: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को बंद करने के बाद इसकी भर्तियों के रिजल्ट भी लटक गए हैं. करीब पचास परीक्षाएं इसके माध्यम से करवाई जा रही थीं, जिनमें से करीब 10 परीक्षाओं के रिजल्ट भी तैयार थे, लेकिन अंतिम समय में पेपर लीक का मामला सामने आने पर हुई कार्रवाई के बाद अब इनके रिजल्ट नहीं निकाले जा सके हैं. ऐसे में इन परीक्षाओं को देने वाले युवक अब रिजल्ट निकालने की मांग कर रहे हैं.
शुक्रवार को भी इन परीक्षाओं के कुछ अभ्यर्थी शिमला में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलने उनके सरकारी आवास ओक ओवर जा पहुंचे. हालांकि सीएम अपनी व्यस्तता के चलते अभ्यर्थियों से नहीं मिल पाए. इसके बाद युवक कांग्रेस मुख्यालय के बाहर एकत्र हुए और नारेबाजी करने लगे. युवक ने रिजल्ट जारी कर नियुक्तियां देने की मांग की. युवकों का कहना था कि उनके माता-पिता उनसे नौकरी के बारे में पूछ रहे हैं, वो कहां से लाकर उनको नौकरी देंगे. क्योंकि, सरकार ने उनकी भर्तियों के नतीजों पर रोक लगा दी है.
कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से करवाई गई कुछ परीक्षाओं के अभ्यर्थी आज शिमला सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से सुबह उनके सरकारी आवाज पर जा पहुंचे, हालांकि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू उनसे नहीं मिल पाए. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का आज पार्टी मुख्यालय में आने का कार्यक्रम था, जहां उनको कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी, इसकी भनक लगते ही युवक वहां एकत्र हो गए. युवकों ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं मिल पाए. इससे युवकों में रोष देखा गया और वे नारेबाजी भी करने लगे.
युवकों ने कहा- हमारे रिजल्ट निकाल दो: शिमला पहुंचे कांगड़ा के फतेहपुर निवासी अभिषेक शर्मा का कहना था कि जब पेपर लीक पकड़ा गया तो सभी ने सोचा की यह अच्छा काम हुआ है, लेकिन उनका यह पता नहीं था कि इसके चक्कर में उनकी भर्तियों के रिजल्ट रोक दिए जाएंगे. उनका कहना था कि उन लोगों ने मेहनत से अपनी परीक्षाएं दी हैं, लेकिन औरों की गलती का खामियाजा उनको भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से करीब 50 कोड की परीक्षाएं हो रही थीं, जिनमें से 18 पोस्ट कोड की परीक्षाएं कानूनी विवादों में फंसी हैं. आयोग 10 पोस्ट कोड के रिजल्ट तैयार कर चुका था, लेकिन पेपर लीक के चलते अब इनका रिजल्ट नहीं निकाला जा रहा. उन्होंने कहा सवाल किया कि कुछ लोगों की गलती से क्या सभी को बाहर निकाल देंगे.
'चार माह में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई': अभिषेक शर्मा ने कहा कि पेपर लीक मामले को पकड़े हुए करीब चार माह हो गए हैं लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. इस मौके पर अन्य युवकों ने भी कहा कि सरकार को अगर गलत लगता है तो उनको कंडीशनल नियुक्तियां दी जा सकती हैं, उनका कहना था कि सरकार बेरोजगारों को लेकर गंभीर नहीं है. राज्य की सरकार केवल कर्मचारियों को ही दे रही है. सरकार ने पहले ओल्ड पेंशन दी और डीए भी दे दिया है.
अभिषेक शर्मा ने कहा हिमाचल में करीब 12 लाख युवा बेरोजगार हैं. उन्होंने कहा कि उनके माता पिता नौकरी लगने के लिए उनको कह रहे हैं, ऐसे में कहां से से नौकरी लाएं. बता दें कि हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद सरकार ने इसको भंग कर दिया है. विजिलेंस ने कुछ पेपर लीक होने पर कार्रवाई की है. आयोग बंद करने से इसके तहत करवाई जा रही परीक्षाएं भी अब लटक गई हैं. इन परीक्षाओं के परिणाम न निकलने से हजारों युवाओं का भविष्य दांव पर लग गया है.
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