शिमलाः भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान शिमला 21 जून से 'आचार्य अभिनव गुप्ता लिजेसी एंड सिग्नीफिकेंस' (Acharya Abhinav Gupta Legacy And Significance) विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल संगोष्ठी का आयोजन करने जा रहा है. स्वागत उद्बोधन और विषय वस्तु की संक्षेप रूपरेखा संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मकरंद आर परांजपे प्रस्तुत करेंगे.
संगोष्ठी की संयोजक और संस्थान की अध्येता डॉ. अल्का त्यागी ने बताया कि यह कार्यक्रम आचार्य अभिनव गुप्त की जयंती के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है. इसमें उनकी बौद्धिक व ज्ञान विरासत और मानवता के विभिन्न पहलुओं के लिए किए गए उनके योगदान को रेखांकित किया जाएगा.
शैव दर्शन में सिद्ध गुरु माने जाते हैं अभिनव गुप्त
डॉ. त्यागी ने बताया कि जहां एक ओर अभिनव गुप्त को जगत में एक दार्शनिक, भाष्यकार और सौंदर्योपासक माना जाता है. वहीं, कश्मीर एवं शैव दर्शन में उन्हें सिद्ध व गुरु माना जाता है. इस दो दिवसीय संगोष्ठी में इस महान कश्मीरी शैव संत, विद्वान, दूरदर्शी विचारक द्वारा किए गए विभिन्न योगदानों और वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उनकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला जाएगा. संस्थान के अध्येताओं के अलावा देश-विदेश से भी विद्वान इस वर्चुअल संगोष्ठी में जुड़ेंगे.
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