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खुशखबरी: मौसम की बेरुखी के बावजूद शिमला जिला में 2 करोड़ पेटी सेब उत्पादन का अनुमान - apples production

सरकारी एजेंसियों ने अनुमान लगाया है कि इस दफा शिमला जिला में 4.18 मीट्रिक टन सेब पैदा होगा. कोरोना संकट के इस दौर में बागवानी सेक्टर के लिए ये बड़ी राहत की बात है. ऐसे में पूरे प्रदेश में सेब की तीन करोड़ से अधिक पेटियों के उत्पादन की आशा है.

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Published : Jun 3, 2021, 7:27 PM IST

शिमला: मौसम बेशक इस साल बागवानों पर मेहरबान न रहा हो, लेकिन शिमला जिला में सेब उत्पादन पर इसका खास असर नहीं होगा. हिमाचल में सबसे अधिक सेब उत्पादन करने वाले जिला शिमला में इस बार बंपर क्रॉप का अनुमान है. अकेले शिमला जिला में इस सीजन में 2 करोड़ पेटी सेब का उत्पादन होने का अनुमान है.

सरकारी एजेंसियों ने अनुमान लगाया है कि इस दफा शिमला जिला में 4.18 मीट्रिक टन सेब पैदा होगा. कोरोना संकट के इस दौर में बागवानी सेक्टर के लिए ये बड़ी राहत की बात है. ऐसे में पूरे प्रदेश में सेब की तीन करोड़ से अधिक पेटियों के उत्पादन की आशा है.

मार्गों की दशा सुधारने के निर्देश

बता दें कि हिमाचल के कुल सेब उत्पादन में अस्सी फीसदी हिस्सा शिमला जिला का है. समूचे हिमाचल के सेब कारोबार का कम से कम 2800 करोड़ रुपए का योगदान शिमला जिला का है. सेब की बंपर क्रॉप के अनुमान के देखते हुए जिला प्रशासन ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. डीसी शिमला आदित्य नेगी ने सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति, वैकल्पिक मार्गों की दशा सुधारने और मंडियों में सुविधाओं पर ध्यान देने के निर्देश दिए. डीसी आदित्य नेगी ने सभी संबंधित उपमंडलों के एसडीएम व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सेब को मंडियों तक पहुंचाने की व्यवस्था की समीक्षा के लिए कहा है.

फागू में मुख्य नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश

डीसी शिमला आदित्य नेगी ने कहा कि इस सेब सीजन में बंपर क्रॉप के अनुमान के हिसाब से तैयारी की जा रही है. सारी तैयारियां सेब सीजन के शुरुआती चरण में 15 जुलाई तक पूरी कर ली जाएंगी. साथ ही उनकी समीक्षा भी की जाएगी. जिला पुलिस को ऊपरी शिमला के फागू में मुख्य नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं. सेब सीजन के दौरान संदिग्ध कारोबारियों पर भी नजर रखी जाएगी. अकसर बागवानों के ठगे जाने के समाचार आते हैं.

सभी उपमंडलों के एसडीएम ने अपने इलाके की स्थितियों की जानकारी भी डीसी शिमला के समक्ष रखी. इसके अलावा डीसी ने सभी एसडीएम को अपने क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन को मजबूत करने के लिए कहा. उन्होंने बताया कि जिला की सभी पंचायतों में कोविड टेस्टिंग वाहनों का जाना अनिवार्य है, ताकि कोरोना पॉजिटिव की जल्द से जल्द पहचान की जा सके.

कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश

उल्लेखनीय है कि पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान भी सेब कारोबार में अड़चनें आई थीं. पिछले अनुभव से सबक लेते हुए इस बार कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश दिए गए हैं. पिछली बार अनेक बागवानों ने बागीचे में भी अपनी पैदावार बेची थी. मंडियों में भी खूब कारोबार हुआ था.

वहीं, ऊपरी शिमला के प्रगतिशील बागवानों पंकज कुमार डोगरा, मनोज चौहान व पीयूष दीवान का कहना है कि सेब सीजन की तैयारियों की समय-समय पर समीक्षा होनी चाहिए. खासकर सड़कों की दशा सुधारने की दिशा में काम किया जाना चाहिए. जाम न लगे, इसके लिए पर्याप्त ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- Weather Update: केरल से देश में हुई मानसून की एंट्री, हिमाचल में इस दिन देगा दस्तक

शिमला: मौसम बेशक इस साल बागवानों पर मेहरबान न रहा हो, लेकिन शिमला जिला में सेब उत्पादन पर इसका खास असर नहीं होगा. हिमाचल में सबसे अधिक सेब उत्पादन करने वाले जिला शिमला में इस बार बंपर क्रॉप का अनुमान है. अकेले शिमला जिला में इस सीजन में 2 करोड़ पेटी सेब का उत्पादन होने का अनुमान है.

सरकारी एजेंसियों ने अनुमान लगाया है कि इस दफा शिमला जिला में 4.18 मीट्रिक टन सेब पैदा होगा. कोरोना संकट के इस दौर में बागवानी सेक्टर के लिए ये बड़ी राहत की बात है. ऐसे में पूरे प्रदेश में सेब की तीन करोड़ से अधिक पेटियों के उत्पादन की आशा है.

मार्गों की दशा सुधारने के निर्देश

बता दें कि हिमाचल के कुल सेब उत्पादन में अस्सी फीसदी हिस्सा शिमला जिला का है. समूचे हिमाचल के सेब कारोबार का कम से कम 2800 करोड़ रुपए का योगदान शिमला जिला का है. सेब की बंपर क्रॉप के अनुमान के देखते हुए जिला प्रशासन ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. डीसी शिमला आदित्य नेगी ने सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति, वैकल्पिक मार्गों की दशा सुधारने और मंडियों में सुविधाओं पर ध्यान देने के निर्देश दिए. डीसी आदित्य नेगी ने सभी संबंधित उपमंडलों के एसडीएम व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सेब को मंडियों तक पहुंचाने की व्यवस्था की समीक्षा के लिए कहा है.

फागू में मुख्य नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश

डीसी शिमला आदित्य नेगी ने कहा कि इस सेब सीजन में बंपर क्रॉप के अनुमान के हिसाब से तैयारी की जा रही है. सारी तैयारियां सेब सीजन के शुरुआती चरण में 15 जुलाई तक पूरी कर ली जाएंगी. साथ ही उनकी समीक्षा भी की जाएगी. जिला पुलिस को ऊपरी शिमला के फागू में मुख्य नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं. सेब सीजन के दौरान संदिग्ध कारोबारियों पर भी नजर रखी जाएगी. अकसर बागवानों के ठगे जाने के समाचार आते हैं.

सभी उपमंडलों के एसडीएम ने अपने इलाके की स्थितियों की जानकारी भी डीसी शिमला के समक्ष रखी. इसके अलावा डीसी ने सभी एसडीएम को अपने क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन को मजबूत करने के लिए कहा. उन्होंने बताया कि जिला की सभी पंचायतों में कोविड टेस्टिंग वाहनों का जाना अनिवार्य है, ताकि कोरोना पॉजिटिव की जल्द से जल्द पहचान की जा सके.

कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश

उल्लेखनीय है कि पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान भी सेब कारोबार में अड़चनें आई थीं. पिछले अनुभव से सबक लेते हुए इस बार कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश दिए गए हैं. पिछली बार अनेक बागवानों ने बागीचे में भी अपनी पैदावार बेची थी. मंडियों में भी खूब कारोबार हुआ था.

वहीं, ऊपरी शिमला के प्रगतिशील बागवानों पंकज कुमार डोगरा, मनोज चौहान व पीयूष दीवान का कहना है कि सेब सीजन की तैयारियों की समय-समय पर समीक्षा होनी चाहिए. खासकर सड़कों की दशा सुधारने की दिशा में काम किया जाना चाहिए. जाम न लगे, इसके लिए पर्याप्त ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था होनी चाहिए.

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