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किन्नौर के कुनु चारंग में -40 डिग्री तापमान में ऐसे जिंदा रह रहे हैं 'चाइनीज घोड़े'

चीन की सीमा से लगता किन्नौर का सबसे दुर्घम गांव कुनु चारंग में इन दिनों पांच फीट बर्फबारी के बीच लोगों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. स्थानीय लोगों ने वीडियो जारी कर बताए वहां के हालात.

minus 40 degree temprature in kunu charang village of kinnaur
किन्नौर के कुनु चारंग में -40 डिग्री तापमान
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Published : Jan 5, 2020, 10:02 PM IST

किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर का चीन की सीमा से लगता सबसे दुर्गम गांव कुनु चारंग में इन दिनों पांच फीट बर्फबारी के बीच लोगों का जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. हालात ऐसे हैं कि लोगों का घर बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है.

ऐसे में गांव के स्थानीय ग्रामीणों ने वीडियो के जरिए वहां के हालात बयां किया है. वीडियो में एक ग्रामीण ठंड की वजह से पेश आ रही दिक्कतों के बारे में बता रहा है. वीडियो के माध्यम से शख्स बता रहा है कि किस तरह से भारी बर्फबारी के बाद पहाड़ों में रहने वाले घोड़ों को खाने के लिए घास की काफी किल्लत हो रही है.

वीडियो रिपोर्ट.

कुनु चारंग में लोगों का व्यवसाय व सामान ढोने के लिए व आईटीबीपी के जवानों के सामान लाने ले जाने के लिए इन तिब्बती व चाइनीज घोड़ों की सख्त आवश्यकता होती है, जो बर्फबारी में माइनस डिग्री तापमान में भी रह सकते हैं. ऐसे में बर्फबारी के बाद इन घोड़ों के लिए खाने की दिक्कत बनी हुई है.

लोगों को भी पीने के पानी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, लोग बर्फ की उबालकर पीने योग्य पानी बना रहे हैं. वहीं, घोड़ों को जीवित रखने के लिए भी रूखा-सूखा घास डाला जा रहा है.

किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर का चीन की सीमा से लगता सबसे दुर्गम गांव कुनु चारंग में इन दिनों पांच फीट बर्फबारी के बीच लोगों का जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. हालात ऐसे हैं कि लोगों का घर बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है.

ऐसे में गांव के स्थानीय ग्रामीणों ने वीडियो के जरिए वहां के हालात बयां किया है. वीडियो में एक ग्रामीण ठंड की वजह से पेश आ रही दिक्कतों के बारे में बता रहा है. वीडियो के माध्यम से शख्स बता रहा है कि किस तरह से भारी बर्फबारी के बाद पहाड़ों में रहने वाले घोड़ों को खाने के लिए घास की काफी किल्लत हो रही है.

वीडियो रिपोर्ट.

कुनु चारंग में लोगों का व्यवसाय व सामान ढोने के लिए व आईटीबीपी के जवानों के सामान लाने ले जाने के लिए इन तिब्बती व चाइनीज घोड़ों की सख्त आवश्यकता होती है, जो बर्फबारी में माइनस डिग्री तापमान में भी रह सकते हैं. ऐसे में बर्फबारी के बाद इन घोड़ों के लिए खाने की दिक्कत बनी हुई है.

लोगों को भी पीने के पानी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, लोग बर्फ की उबालकर पीने योग्य पानी बना रहे हैं. वहीं, घोड़ों को जीवित रखने के लिए भी रूखा-सूखा घास डाला जा रहा है.

Intro:किन्नौर न्यूज़।

किन्नौर के कुनोचारनग में माईनस 40 डिग्री गिरा तापमान,स्थानीय ग्रामीणों ने वीडियो के ज़रिये बताई वहां के हालात।

किन्नौर-जनजातीय जिला किन्नौर के सबसे दुर्घम क्षेत्र जो चीन सीमा से लगता गाँव कुनोचारनग में इन दिनों पांच फिट बर्फभारी के बीच लोग ठंड में रहने पर मजबूर है ऐसे में वहां के स्थानीय ग्रामीणों ने वीडीयो के ज़रिये वहां के हालात बयां किया है।

Body:बता दे की इन दिन भारी बर्फभारी के बाद वहां पर पहाड़ो में रहने वाले घोड़ो को खाने के लिए घास की काफी किल्लत जो रही है कुनोचारनग में लोगो का व्यवसाय व सामान ढोने के लिए व आईटीबीपी के जवानों के सामान लाने लेजाने के लिए इन तिब्बती व चाइनीज़ घोड़ो की सख्त आवश्यकता होती है जो बर्फभारी में भी ठंड को झेल सकते है।

Conclusion:परन्तु इस बार कुनोचारनग में करीब पांच फिट बर्फभारी में इन घोड़ो को बाहर खाने के लिए बर्फ के अलावा कुछ नही दिख रहा है और इन घोड़ो को बन्द कमरे में भी नही रखा जा सकता है क्यों की इन्हें खुले आसमान के नीचे रहने की आदत होती बै ऐसे ठंड में भी वहां के लोग माईनस 40 डिग्री में पानी उबालकर पी रहे है और इन घोड़ो को भी रूखा सूखा खिलाना पड़ रहा है।

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