किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर का चीन की सीमा से लगता सबसे दुर्गम गांव कुनु चारंग में इन दिनों पांच फीट बर्फबारी के बीच लोगों का जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. हालात ऐसे हैं कि लोगों का घर बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है.
ऐसे में गांव के स्थानीय ग्रामीणों ने वीडियो के जरिए वहां के हालात बयां किया है. वीडियो में एक ग्रामीण ठंड की वजह से पेश आ रही दिक्कतों के बारे में बता रहा है. वीडियो के माध्यम से शख्स बता रहा है कि किस तरह से भारी बर्फबारी के बाद पहाड़ों में रहने वाले घोड़ों को खाने के लिए घास की काफी किल्लत हो रही है.
कुनु चारंग में लोगों का व्यवसाय व सामान ढोने के लिए व आईटीबीपी के जवानों के सामान लाने ले जाने के लिए इन तिब्बती व चाइनीज घोड़ों की सख्त आवश्यकता होती है, जो बर्फबारी में माइनस डिग्री तापमान में भी रह सकते हैं. ऐसे में बर्फबारी के बाद इन घोड़ों के लिए खाने की दिक्कत बनी हुई है.
लोगों को भी पीने के पानी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, लोग बर्फ की उबालकर पीने योग्य पानी बना रहे हैं. वहीं, घोड़ों को जीवित रखने के लिए भी रूखा-सूखा घास डाला जा रहा है.