बिलासपुर: अडानी ग्रुप की ओर से हिमाचल प्रदेश के एसीसी बरमाणा और अंबूजा दाड़लाघाट सीमेंट प्लांट की तालाबंदी के खिलाफ ट्रक ऑपरेटरों का संघर्ष वीरवार को 34वें दिन में प्रवेश कर गया. ट्रक यूनियनों के हजारों ट्रक ऑपरेटर आज सड़कों पर उतरे और नौणी चौक से लेकर जिला मुख्यालय बिलासपुर तक लगभग दस किलोमीटर का पैदल मार्च निकाल कर रोष प्रदर्शन किया.
इस दौरान अडाणी ग्रुप के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की गई. इसके बाद उपायुक्त कार्यालय पहुंच कर राज्य सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया गया. उधर, पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक को वाया जुखाला डायवर्ट कर दिया था और कानून व्यवस्था बनाए रखने के दृष्टिगत सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. खुद डीएसपी राजकुमार ने मोर्चा संभाल रखा था.
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बरमाणा और दाड़लाघाट ट्रक यूनियनों के ऑपरेटर वीरवार को साढ़े ग्यारह बजे नौणी चौक पर एकत्रित हुए और इस दौरान बीडीटीएस ने सभी ऑपरेटरों की हाजिरी सुनिश्चित की. इसके बाद हजारों ट्रक ऑपरेटर नारेबाजी करते हुए बिलासपुर के लिए रवाना हुए. ऑपरेटरों ने सड़क पर पूरा घेरा बनाया हुआ था ताकि कोई भी गाड़ी न गुजर सके. पुलिस का चप्पे-चप्पे पर पहरा था और नौणी से बिलासपुर तक लगभग दस स्पॉट पर पुलिस की टीमें तैनात थीं. ट्रक ऑपरेटर नारेबाज करते हुए आगे बढ़ते रहे और अडाणी ग्रुप के खिलाफ सभी ने जमकर गुब्बार निकाला.
बता दें कि सीमेंट फैक्ट्रियों पर तालाबंदी के बाद ऑपरेटरों के समक्ष रोजी का संकट खड़ा हो गया है. बैंक लोन की किस्तों की अदायगी में भी ऑपरेटरों को दिक्कतें पेश आ रही हैं. ऐसे हालात में ऑपरेटरों ने कभी राज्य सरकार तो कभी प्रशासन और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात की. लेकिन अभी तक आश्वासनों के सिवा उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हुआ है. पिछले चौंतीस दिनों से संघर्षरत ट्रक ऑपरेटरों के सब्र का बांध अब टूट रहा है, जिसके चलते दोनों स्थानों की ट्रक यूनियनों के पदाधिकारियों ने पिछले दिनों ब्रहमपुखर में बैठक कर वीरवार को बिलासपुर में बड़े स्तर पर रोष प्रदर्शन करने का निर्णय लिया था.
बीडीटीएस के प्रधान राकेश ठाकुर ने कहा कि दोनों जिलों में एक माह से चल रहा सीमेंट प्लांट विवाद दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. सभी ने एक स्वर में सीमेंट ढुलाई किराए को लेकर उपजे विवाद के चलते अडानी ग्रुप द्वारा सीमेंट प्लांट बंद करने के विरोध में अपना रोष जाहिर किया. रोष प्रदर्शन करते हुए ऑपरेटरों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोला.
उन्होंने कहा कि सीमेंट प्लांट के बंद होने से ट्रक ऑपरेटरों का रोजगार छिन गया है. वहीं, कई अन्य लोग भी इसके चलते प्रभावित हुए हैं. ऐसे में फैक्ट्रियां दोबारा खोलने की मांग को लेकर ट्रक ऑपरेटर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस है. अब माल भाड़े के मसले को लेकर ट्रक ऑपरेटर आर-पार की लड़ाई पर उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि अगर जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
जल्द समाधान नहीं हुआ तो खड़ा होगा बड़ा आंदोलन: नौणी से लेकर बिलासपुर मुख्यालय स्थित उपायुक्त कार्यालय तक लगभग दस किलोमीटर के पैदल मार्च में ऑपरेटरों ने एकजुट होकर निर्णायक लड़ाई लड़ने का ऐलान किया. जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सरकार को ज्ञापन प्रेषित कर जल्द से जल्द फैक्ट्री खुलवाने की वकालत की है. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही रेट निर्धारण कर फैक्ट्री नहीं खुलवाई गई तो एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा. इस दौरान कोई बड़ा कदम उठाने से भी परहेज नहीं किया जाएगा.
प्रदर्शन के चलते डायवर्ट करना पड़ा ट्रैफिक: चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर पर जाम लगने की संभावना को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन ने पहले से ही रोड मैप तैयार कर लिया था. यातायात को घागस-जुखाला मार्ग पर डायवर्ट कर लिया था. पैदल मार्च को देखते हुए पुलिस के करीब 100 जवान तैनात किए गए थे और बरमाणा की बीडीटीएस से जुड़े ट्रक ऑपरेटर तथा दाड़लाघाट अंबुजा सीमेंट प्लांट से जुड़ी दोनों यूनियनों ने नौणी से उपायुक्त कार्यालय बिलासपुर तक पैदल मार्च किया. चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे से होता हुआ ट्रक ऑपरेटरों की यह रोष प्रदर्शन मार्च उपायुक्त कार्यालय पहुंचा जहां वक्ताओं ने बारी बारी ऑपरेटरों को संबोधित किया.
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