शिमला: कोरोना के चलते हिमाचल में कर्फ्यू लगा है और ऐसे में गाड़ियों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. लेकिन कर्फ्यू/लॉकडाउन के बीच मंगलवार को कालका-शिमला ट्रैक पर ट्रेन चलाई गई.
यह ट्रेन शिमला रेलवे स्टेशन से कालका के लिए सुबह रवाना हुई,लेकिन ट्रेन यात्रियों के लिए नहीं बल्कि ट्रैक के रखरखाव और स्टेशन की सफाई के लिए पानी की सप्लाई के लिए चलाई गई है. ट्रेन सामवार को कालका से शिमला के लिए रवाना हुई थी और ट्रैक पर अलग-अलग जगह पानी के संग्रहण के लिए बनाए गए टैंक में पानी की सप्लाई करके मंगलवार को वापिस कालका के लिए रवाना हुई.
कोविड-19 के दौरान कालका-शिमला खंड में पानी की खपत में वृद्धि हुई है. कोरोना से बचाव के लिए नियमित रूप से हाथ धोने, कपड़े धोने, सफाई/उपकरण, स्टेशन बिल्डिंग और स्टाफ क्वार्टर की सफाई के लिए पानी की खपत ज्यादा हो रही है. वहीं, गर्मी बढ़ने से पानी की कमी के चलते काम प्रभावित ना हो.
इसके लिए एक पानी का टैंक कोच और एक एसएलआर कोच वाली एक वर्कर/वाटर ट्रेन वैकल्पिक दिनों में कालका-शिमला स्टेशनों के बीच पानी की सप्लाई के लिए चलाई गई है.शिमला रेलवे स्टेशन अधीक्षक प्रिंस सेठी ने कहा कि इस ट्रेन में किसी भी यात्री को सफर करने की अनुमति नहीं है.
आवश्यक स्टाफ ही गाड़ी में सफर कर रहा है और ट्रेन के माध्यम से 96 किलोमीटर लंबे ट्रैक में चिन्हित पॉइंट्स पर पानी की सप्लाई दी जा रही है. एक दिन यह ट्रेन कालका से शिमला भेजी जाती है और दूसरे दिन यह ट्रेन वापिस शिमला से कालका के लिए रवाना होती है.
20 से 30 हजार लीटर पानी रोजाना ट्रैक पर भरा जाता है, जिससे कि ट्रैक मेंटेनेंस के साथ अन्य काम पूरे किए जाते हैं. यह ट्रेन सामान्य ट्रेन सेवाओं के बहालहोने तक चलाई जाएगी. यह ट्रेन लेवल क्रॉसिंग स्टेशन और रेलवे आवास आदि के कर्मचारियों को पानी की सेवाएं प्रदान करेगी, जिससे उनकी पानी की खपत जैसी जरूरी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.