शिमला: शिमला शहर में नगर निगम द्वारा अपनी संपत्ति के किराएदारों पर प्रॉपर्टी टैक्स लगाने का विरोध शुरू हो गया है. शिमला व्यापार मंडल नगर निगम के इस फैसले के विरोध में उतर आया है और नगर निगम से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है.
व्यापार मंडल का कहना है कि पहले ही कोरोना के चलते कारोबार चौपट हुआ है और शहर के व्यापारी परेशान हैं. ऐसे में नगर निगम शिमला प्रॉपर्टी टैक्स कर लगा कर कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कारोबार न होने से दुकानदार दुकानों का किराया नहीं निकाल पा रहे.
शिमला व्यापार मंडल के अध्यक्ष इंदरजीत सिंह ने कहा कि नगर निगम की शहर में 950 के करीब दुकाने हैं, जिसका किराया हर माह दुकानदार दे रहे हैं. ऐसे में प्रॉपर्टी टैक्स लगाने का औचित्य नहीं बनता है. दुकानों का मालिक नगर निगम है और प्रॉपर्टी टैक्स मालिक देता है न कि किरायेदार को देना होता है.
उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते दुकानों का कारोबार काफी प्रभावित हुआ है. दुकानों का किराया तक निकालना मुश्किल हो गया है ऐसे में प्रॉपर्टी टैक्स लगाकर नगर निगम ने शहर के 11 सौ दुकानदारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. उन्होने नगर निगम शिमला से प्रॉपर्टी टैक्स लगाने के फैसले को वापस लेने की मांग की.
बता दें शिमला शहर में 950 के करीब की नगर निगम की दुकानें हैं, जो किराए पर दी गई हैं. जिसका हर माह किराया तय किया गया है, लेकिन अब नगर निगम इन दुकानदारों से प्रॉपर्टी टैक्स भी वसूलने का ऐलान कर दिया है, जिसका दुकानदारों ने विरोध किया है.
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