शिमलाः कोरोना की वजह से हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कोरोना के बीच लड़खड़ा रहा पर्यटन कारोबार दूसरी लहर में डूब गया है. कोरोना काल में पर्यटन कारोबार से जुड़े लोग परेशानियों से जूझ रहे हैं. पिछले साल से अब तक पर्यटन कारोबार न के बराबर ही चल रहा है.
टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन( Tourism Industry Stakeholders Association) के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने कहा कि कोरोना के बीच पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिली है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि जून महीने में 90 फीसदी से अधिक उद्यमी बैंक ऋण न चुकाने की वजह से डिफॉल्टर्स (नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट NPA) हो जाएंगे. पर्यटन कारोबार बीते करीब 3 महीने से बिल्कुल ठप पड़ा हुआ है. इस वजह से पर्यटन कारोबारी अपनी बैंक किस्त देने में भी सक्षम नहीं हैं.
डिफॉल्टर्स होने के बाद नहीं मिलेगा लोन
महेंद्र सिंह ने कहा कि कोरोना की वजह से पर्यटन कारोबार पूरी तरह प्रभावित हुआ है. कारोबार प्रभावित होने का सीधा असर सिविल स्कोर पर पड़ रहा है. भविष्य में बैंक की ओर से एनपीए अकाउंट होल्डर बैंक से लोन नहीं ले सकेंगे. पिछले साल से महामारी की मार झेल रहे होटल कारोबारियों के पास वर्किंग कैपिटल भी शून्य हो गया है. उन्होंने कहा कि पर्यटन कारोबारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. पिछले साल सरकार ने वर्किंग कैपिटल लोन इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम लाई, लेकिन पर्यटन कारोबारियों को नहीं मिला क्योंकि बैंक ने इस बारे में ऋण देने में असमर्थता जाहिर की.
केंद्र सरकार और आरबीआई को भी लिखा पत्र
टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर के अध्यक्ष महेंद्र सेठ ने कहा कि होटल कारोबारियों की आर्थिक मदद के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय और आरबीआई को भी पत्र लिखा है. उन्होंने मांग की है कि होटल कारोबारियों को एनपीए होने से बचाया जाए.
एसोसिएशन ने मांग की है कि होटल कारोबारियों की किस्तों की अदायगी का समय आगे बढ़ाया जाए, कोरोना की वजह से पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ऐसे में सरकार को होटल कारोबार को बचाने के लिए सरकार उनका साथ दे.
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