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चांशल घाटी में पर्यटन विभाग बनाएगा गेस्ट हाउस! अब नहीं होगी पर्यटकों ठहरने की दिक्कत - चांशल घाटी

रामपुर पर्यटन विभाग रामपुर सरकल केशव शर्मा वरिष्ठ प्रबंधक ने बताया कि वे यहां का दौरा कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि चांशलघाटी के साथ लगते क्षेत्र रलोट में पर्यटन विभाग की अपनी जमीन है जहां पर विभाग पर्यटकों की सुविधा के लिए वहां पर गेस्टहाउस बनाने का विचार कर रही है.

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Published : Jul 27, 2019, 6:12 PM IST

रामपुर: हिमाचल प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से कहें तो बहुत सुंदर है. यहां पर कई ऐसे क्षेत्र हैं जो प्राकृतिक सुन्दरता से भरपूर है. जिन्हें निहारना हर कोई चाहता है, लेकिन कई समस्याओं के अभाव के कारण वहां तक पहुंच पाना असंभव हो जाता है.

ऐसा ही एक क्षेत्र शिमला जिला के रोहड़ू उपमंडल के अंतर्गत आने वाला डोडरा क्वार क्षेत्र के साथ लगते चांशल घाटी नामक स्थान अति मनमोहक है. 12,303 फीट की ऊंचाई पर बनी ये प्राकृतिक घाटी हर किसी के मन को भाती है. यहां पर ऐसा स्थान है ऊंची चोटी पर फैला मैदान की भाती है. इसके चारों और पेड़ लगे हुए हैं. मैदान में हर घास लगी हुई है. जहां पर हर कोई अपना समय बिताना चाहेगा. यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टी से बहुत खूबसूरत है, लेकिन यहां पर हर कोई आसानी से नहीं पहुंच पाता.

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चांशल घाटी

बता दें कि यह स्थान रोहड़ू उपमंडल से चिड़गांव, संदासु, शिलादेश, रलोट नामक स्थान आते हैं, लेकिन रोहड़ू से यहां तक पहुचने के लिए काफी मुशक्कत करनी पड़ती है. सड़क की हालत सही न होने के कारण यहां तक हर कोई नहीं पहुंच पाता है. यदि यहां के लिए सड़क को पक्का किया जाए तो चांशल घाटी की इन सुंदर वादियों में हर कोई पहुंचना पसंद करेगा.

बता दें कि आज पर्यटक पूरे देश से कुल्लू, मनाली, रोहतांग दर्रा पहुंच रहे हैं, लेकिन यह स्थान भी इस की तरह बेहतरीन है. यहां पर पर्यटकों को पहुंचने में रोहतांग की अपेक्षा कम समय लगेगा. यदि हिमाचल पर्यटन विभाग इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए कदम उठाता है तो पर्यटकों को काफी सहूलियत हो जाएगी. यहां पर सरकार व पर्यटन विभाग की ओर से काई व्यवस्था नहीं है. यहां पर रहने के लिए व खाने पीने के लिए पर्यटकों के लिए व्यवस्थाओं का अभाव है. पीने के लिए पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है. यदि पर्यटन विभाग यहां पर गेस्ट हाउस बना लें तो यहां आने वाले पर्यटकों को बढ़ावा मिलेगा और बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार के साधन खुल पाएंगे.

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इस बारे में रामपुर पर्यटन विभाग रामपुर सरकल केशव शर्मा वरिष्ठ प्रबंधक ने बताया कि वे यहां का दौरा कर चुके है. उन्होंने कहा कि चांशलघाटी के साथ लगते क्षेत्र रलोट में पर्यटन विभाग की अपनी जमीन है जहां पर विभाग पर्यटकों की सुविधा के लिए वहां पर गेस्टहाउस बनाने का विचार कर रही है.

ये भी पढ़ें- VIDEO: घुमारवीं के भराड़ी में शॉट सर्किट से लगी भयानक आग, इस तरह टली बड़ी अनहोनी

रामपुर: हिमाचल प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से कहें तो बहुत सुंदर है. यहां पर कई ऐसे क्षेत्र हैं जो प्राकृतिक सुन्दरता से भरपूर है. जिन्हें निहारना हर कोई चाहता है, लेकिन कई समस्याओं के अभाव के कारण वहां तक पहुंच पाना असंभव हो जाता है.

ऐसा ही एक क्षेत्र शिमला जिला के रोहड़ू उपमंडल के अंतर्गत आने वाला डोडरा क्वार क्षेत्र के साथ लगते चांशल घाटी नामक स्थान अति मनमोहक है. 12,303 फीट की ऊंचाई पर बनी ये प्राकृतिक घाटी हर किसी के मन को भाती है. यहां पर ऐसा स्थान है ऊंची चोटी पर फैला मैदान की भाती है. इसके चारों और पेड़ लगे हुए हैं. मैदान में हर घास लगी हुई है. जहां पर हर कोई अपना समय बिताना चाहेगा. यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टी से बहुत खूबसूरत है, लेकिन यहां पर हर कोई आसानी से नहीं पहुंच पाता.

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बता दें कि यह स्थान रोहड़ू उपमंडल से चिड़गांव, संदासु, शिलादेश, रलोट नामक स्थान आते हैं, लेकिन रोहड़ू से यहां तक पहुचने के लिए काफी मुशक्कत करनी पड़ती है. सड़क की हालत सही न होने के कारण यहां तक हर कोई नहीं पहुंच पाता है. यदि यहां के लिए सड़क को पक्का किया जाए तो चांशल घाटी की इन सुंदर वादियों में हर कोई पहुंचना पसंद करेगा.

बता दें कि आज पर्यटक पूरे देश से कुल्लू, मनाली, रोहतांग दर्रा पहुंच रहे हैं, लेकिन यह स्थान भी इस की तरह बेहतरीन है. यहां पर पर्यटकों को पहुंचने में रोहतांग की अपेक्षा कम समय लगेगा. यदि हिमाचल पर्यटन विभाग इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए कदम उठाता है तो पर्यटकों को काफी सहूलियत हो जाएगी. यहां पर सरकार व पर्यटन विभाग की ओर से काई व्यवस्था नहीं है. यहां पर रहने के लिए व खाने पीने के लिए पर्यटकों के लिए व्यवस्थाओं का अभाव है. पीने के लिए पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है. यदि पर्यटन विभाग यहां पर गेस्ट हाउस बना लें तो यहां आने वाले पर्यटकों को बढ़ावा मिलेगा और बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार के साधन खुल पाएंगे.

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इस बारे में रामपुर पर्यटन विभाग रामपुर सरकल केशव शर्मा वरिष्ठ प्रबंधक ने बताया कि वे यहां का दौरा कर चुके है. उन्होंने कहा कि चांशलघाटी के साथ लगते क्षेत्र रलोट में पर्यटन विभाग की अपनी जमीन है जहां पर विभाग पर्यटकों की सुविधा के लिए वहां पर गेस्टहाउस बनाने का विचार कर रही है.

ये भी पढ़ें- VIDEO: घुमारवीं के भराड़ी में शॉट सर्किट से लगी भयानक आग, इस तरह टली बड़ी अनहोनी

Intro:रामपुर बुशहर, 27 जुलाई Body:

हिमाचल प्रदेश पर्यटन की दृष्टी से कहें तो बहुत सुंदर है। यहां पर कई ऐसे क्षेत्र है जो प्राकृति सुन्दरता से भरपुर है। जिन्हें निहारना हर कोई चाहता है लेकिन कई समस्याओं के अभाव के कारण वहां तक पहुंच पाना असंभव हो जाता है। ऐसा ही एक क्षेत्र शिमला जिला के रोहड़ू उपमंडल के अंतर्गत आने वाला डोडरा क्वार क्षेत्र के साथ लगते चांशल घाटी नामक स्थान अति मनमोहक है 12303 फिट की ऊंचाई पर बना यह प्राकृतिक नमुना हर किसी के मन को भाता है। यहां पर ऐसा स्थान है ऊंची चोटी पर फैला मैदान की भाती है। इसके चारों और पेड़ लगे हुए है। मैदान में हर घास लगी हुई है। जहां पर हर कोई अपना समय बीताना चाहेगा। यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टी से बहुत खुबसुरत है लेकिन यहां पर हर कोई आसानी से नहीं पहुंच पाता है।
बता दें कि यह स्थान राहड़ू उपमंडल से चीड़गाव, संदासु, शिलादेश, रलोट नामक स्थान आते है। लेकिन रोहड़ू से यहां तक पहुचने के लिए काफी मुश्क्कत करनी पड़ती है। सड़क की हालत सही न होने के कारण यहां तक हर कोई नहीं पहुंच पाता है। यदि यहां के लिए सड़क को पक्का किया जाए तो चांशल घाटी की इन सुंदर वादियों में हर कोई पहुंचना पसंद करेगा। बता दें कि आज पर्यटक पुरे देश से कुल्लू, मनाली, राहतांगदर्रा पहुंच रहे है लेकिन यह स्थान भी इस की तरह बहेतरीन है। यहां पर पर्यटकों को पहुंचने में राहतांग की अपेक्षा कम समय लगेगा। यदि हिमाचल पर्यटन विभाग इस क्षेत्र को विकसीत करने के लिए कदम उठाता है तो पर्यटकों को काफी सुलियत हो जाएगी। आए दिन यहां पर सरकार व पर्यटन विभाग की और से काई व्यवस्था नहीं है। यहां पर रहने के लिए व खाने पीने के लिए पर्यटकों के लिए अव्यवस्थाओं का अभाव है। पीने के लिए पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। यदि पर्यटन विभाग यहां पर गेस्टहाउस बना लें तो यहां आने वाले पर्यटकों को बड़ावा मिलेगा और बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार के साधन खुल पाएंगे। इन अनछुए पर्यटक स्थलों पर पहुंचना और इन्हें निहारना हर किसी का हक है लेकिन इन हक को सरकार बड़ावा दें इन्हें मारे नहीं। यही हमारे ऊपरी क्षेत्र के पास अनमोल प्राकृतिक खजाना है।


इस बारे में रामपुर पर्यटन विभाग रामपुर सरकल केशव शर्मा वरिष्ठ प्रबंधक ने बताया कि वे यहां का दौरा कर चुके है। उन्होंने कहा कि चांशलघाटी के साथ लगते क्षेत्र रलोट में पर्यटन विभाग की अपनी जमीन है जहां पर विभाग पर्यटकों की सुविधा के लिए वहां पर गेस्टहाउस बनाने का विचार कर रही है। Conclusion:
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