शिमला: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर राज्य से लगती अन्य राज्यों की सीमाओं पर चौकसी रखने के लिए हिमाचल पुलिस के अलावा केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया है. पोलिंग पार्टियां भी मतदान केंद्रों के लिए रवाना हो गई हैं. ऊंचाई वाले मतदान केंद्रों में बर्फबारी की स्थिति में पोलिंग पार्टियां और चुनाव सामग्री चॉपर से भेजी जाएगी. प्रचार थमते ही पड़ोसी राज्यों के साथ लगती हिमाचल की सीमाएं सील कर दी गई हैं.
जिला मुख्यालयों और शहरों से सटे क्षेत्रों में केंद्रीय सुरक्षा बल और हिमाचल पुलिस के 35,000 जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेंगे. हिमाचल चुनाव विभाग के अनुसार इस बार के चुनाव के मद्देनजर हर पोलिंग स्टेशन में एक सीआरपीएफ, दो होमगार्ड, तीन से चार पुलिस के जवान तैनात रहेंगे. हिमाचल में शराब, नकदी और अन्य नशीले पदार्थ न लाए जा सके. हर पोलिंग पार्टी के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवान रहेंगे.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग के निर्देशानुसार विधानसभा चुनावों के लिए राज्य आपदा प्रबंधन योजना तैयार की गई है, जिसके तहत राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 50 कर्मियों को लाहौल-स्पीति और चम्बा जिले के जनजातीय क्षेत्रों में तैनात किया है. यह तैनाती किसी अप्रिय घटना अथवा प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए की गई है. जिला मुख्यालय चम्बा और पांगी में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 10-10 कर्मी जबकि एनडीआरएफ के 10-10 कर्मी जिला मुख्यालय लाहौल-स्पीति, काजा और उदयपुर में तैनात किए गए हैं.
एनडीआरएफ की 14वीं बटालियन मुख्यालय जसूर (नूरपुर) के 748 कर्मी क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र (आरआरसी) नालागढ़ के 93 कर्मी, आरआरसी मंडी से 103 कर्मी, तथा आरआरसी रामपुर के 91 कर्मियों को आपदा प्रबंधन योजना के तहत उनके सम्बन्धित क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है. एसडीआरएफ के मुख्यालय शिमला से तीन कर्मी, जुनगा से 31 कर्मी, पंडोह से 57 कर्मी और सकोह (कांगड़ा) से 70 कर्मियों को उनके संबंधित क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है.
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