ठियोग/कोटखाई: जनता के दिए हुए टैक्स और सरकारी धन का कैसे दुरुपयोग किया जाए ये कोई कोटखाई नगर पंचायत से पूछे. जी हां सरकार के मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा के गृह क्षेत्र में विकास के लिए करोड़ों का बजट नरेंद्र बरागटा जी ला रहे हैं, लेकिन उस पैसे का दुरुपयोग कैसे करना है ये कोई नगर पंचायत कोटखाई से पूछे.
ऐसा हम इसलिए कह रहे है कि नगर पंचायत कोटखाई में बाजार के कूड़े को इकट्ठा करने और शहर से बाहर ले जाने के लिए लाखों का वाहन कई सालों से सफेद हाथी बना हुआ है. जिसको हर कोई निहारता है, लेकिन उसको किसी की नजर न लगे इसका भी पूरा इंतजाम किया गया है.
करीब 10 से 12 साल पहले खरीदा गया टिपर जंग का रहा है और जिसका को प्रयोग नही हो पा रहा है।ये टिपर नगर पंचायत के मैदान रख गया है ओर अपनी नाकामी को छिपाने के लिए इसे तिरपाल से ढक दिया गया है. लाखों के बजट से खरीदे गए इस वाहन के टायर इसकी सालों की कहानी बयां कर रहे हैं कि किस कदर साल दर साल मिटी की परत में ये दबता जा रहा है.
गाड़ी के पुर्जे जंग खा रहे हैं
गाड़ी के पुर्जे जंग खा रहे हैं और बड़े-बड़े पथर और कूड़े के ढेर इसकी शोभा बढ़ा रहे हैं, लेकिन नगर पंचायत है कि इसे प्रयोग में नहीं ले रही, जबकि ऊपरी शिमला के ठियोग नगर परिषद ले पास एक ही वाहन जिससे कूड़ा उठाने में पूरा दिन लग जाता है और ऐसे में कई जगह से तीसरे दिन कूड़ा उठता है.
नगर पंचायत में ड्राइवर की कोई पोस्ट नहीं
इस वाहन को लेकर नगर पंचायत में तीन बार सदस्य रहे ज्ञान चंद का कहना है कि सालों से इस वाहन को लेकर चर्चा की जाती है कि इसे प्रयोग में लाया जाए, लेकिन कुछ नहीं होता. नगर पंचायत में ड्राइवर की कोई पोस्ट नहीं है. ऐसे में पोस्ट कैसे और कब आएगी इसका कोई पता नहीं जिसके चलते ये एक जगह पर कई सालों से खड़ा है.
वहीं, इस वाहन को लेकर हमने वर्तमान उपाध्यक्ष से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें पद संभाले अभी दो ही माह हुए हैं, लेकिन इस वाहन को लेकर हाल ही में बैठक में चर्चा की गई और जल्द ही इसका प्रयोग करने पर विचार किया जा रहा है.
लाखों रुपये खर्च, लेकिन नहीं कोई प्रयोग
बहरहाल नगर पंचायत कोटखाई में खड़ा ये वाहन आखिर क्यों खरीदा गया. इसका जवाब किसी के पास नहीं है, लेकिन लाखों रुपये खर्च कर अगर ये किसी के काम नहीं आ रहा तो इसे ठियोग नगर परिषद या किसी और जगह भेज देना जाना चाहिए जिससे ये किसी काम आए और जनता का पैसा कहीं प्रयोग हो सके.
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