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ये है प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल का हाल, IGMC में ढूंढे नहीं मिलता मरीजों का रिकॉर्ड

रिकॉर्ड सेक्शन में हजारों फाइलों की ढेर पड़ी हुई है, जिसमें कर्मचारी भी रिकार्ड को ढूंढ नहीं पा रहे हैं. रिकॉर्ड न मिलने का कारण जगह की कमी होना बताया जा रहा है. इन दिनों रिकॉर्ड को या तो फर्श पर रखा जा रहा है या फिर बेंच पर पड़ा देखा जा सकता है.

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Published : Jul 25, 2019, 2:28 PM IST

no system in IGMC to keep patients records

शिमलाः आईजीएमसी में मरीजों के रिकॉर्ड अब जमीनों व बेंच पर पड़े धूल फांक रहे हैं. रिकॉर्ड सैक्शन की हालत खस्ता हो गई है. प्रशासन रिकॉर्ड को रखने के लिए कमरे का प्रावधान तक नहीं कर पा रहा है. यहां रिकॉर्ड ढूंढने में आईजीएमसी कर्मचारी भी नाकाम साबित हो रहे हैं.

रिकॉर्ड सेक्शन में हजारों फाइलों की ढेर पड़ी हुई है, जिसमें कर्मचारी भी रिकार्ड को ढूंढ नहीं पा रहे हैं. रिकॉर्ड न मिलने का कारण जगह की कमी होना बताया जा रहा है. इन दिनों रिकॉर्ड को या तो फर्श पर रखा जा रहा है या फिर बेंच पर पड़ा देखा जा सकता है. जहां एक फाइल को ढूंढने के लिए मरीजों को 2 मिनट लगते थे, वहीं आजकल 15 से 20 मिनट लग रहे हैं.

स्पेशल रिपोर्ट

हैरानी की बात है कि अगर कर्मचारी द्वारा कई बार किसी भी रिकॉर्ड की फाइलें उच्च न्यायलय भेजनी पड़ती है तो कर्मचारियों को पूरा दिन फाइल को ढूंढने में लग जाता है. वहीं, मरीजों के मृत्यु होने व अन्य रिकॉर्ड भी नहीं मिल पाते हैं.

रिकॉर्ड सेक्शन में तैनात कर्मचारियों से अगर इसके बारे में पूछा जाता है तो वे साफ शब्दों में कहते है कि हमारे पास जगह नहीं है. इसे लेकर प्रशासन को काफी पहले अवगत करवाया गया है. अभी तक फाइलें रखने के लिए प्रशासन की ओर से व्यवस्था करवाना तो दूर, प्रशासन द्वारा सूध तक नहीं ली जा रही है.

रिकॉर्ड सेक्शन में हजारों फाइलें रखी गई है, ऐसे में अब लोगों को आने-जाने के लिए जगह तक नहीं बची है. अगर समय से प्रशासन रिकार्ड को रखने के लिए कोई कदम नहीं उठाता है तो रिकार्ड ढूंढने के लिए इससे भी ज्यादा समय लग सकता है.

इस संबंध में अस्पताल के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि अगर रिकॉर्ड सेक्शन में रिकॉर्ड रखने के लिए जगह नहीं है तो रिकॉर्ड रखने के लिए जगह निश्चित की जाएंगी ताकि रिकॉर्ड को ढूंढने में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो. जल्द ही प्रशासन इसे लेकर कदम उठाएगा.

गौर रहे कि आईजीएमसी हिमाचल का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां रिकॉर्ड को रखने के लिए जगह निश्चित होनी चाहिए ताकि समय अनुसार रिकॉर्ड को ढुंढा जा सके.

पढ़ेंः हिमाचल को बचाना है: नशे पर रोकथाम के लिए चंडीगढ़ में 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक

शिमलाः आईजीएमसी में मरीजों के रिकॉर्ड अब जमीनों व बेंच पर पड़े धूल फांक रहे हैं. रिकॉर्ड सैक्शन की हालत खस्ता हो गई है. प्रशासन रिकॉर्ड को रखने के लिए कमरे का प्रावधान तक नहीं कर पा रहा है. यहां रिकॉर्ड ढूंढने में आईजीएमसी कर्मचारी भी नाकाम साबित हो रहे हैं.

रिकॉर्ड सेक्शन में हजारों फाइलों की ढेर पड़ी हुई है, जिसमें कर्मचारी भी रिकार्ड को ढूंढ नहीं पा रहे हैं. रिकॉर्ड न मिलने का कारण जगह की कमी होना बताया जा रहा है. इन दिनों रिकॉर्ड को या तो फर्श पर रखा जा रहा है या फिर बेंच पर पड़ा देखा जा सकता है. जहां एक फाइल को ढूंढने के लिए मरीजों को 2 मिनट लगते थे, वहीं आजकल 15 से 20 मिनट लग रहे हैं.

स्पेशल रिपोर्ट

हैरानी की बात है कि अगर कर्मचारी द्वारा कई बार किसी भी रिकॉर्ड की फाइलें उच्च न्यायलय भेजनी पड़ती है तो कर्मचारियों को पूरा दिन फाइल को ढूंढने में लग जाता है. वहीं, मरीजों के मृत्यु होने व अन्य रिकॉर्ड भी नहीं मिल पाते हैं.

रिकॉर्ड सेक्शन में तैनात कर्मचारियों से अगर इसके बारे में पूछा जाता है तो वे साफ शब्दों में कहते है कि हमारे पास जगह नहीं है. इसे लेकर प्रशासन को काफी पहले अवगत करवाया गया है. अभी तक फाइलें रखने के लिए प्रशासन की ओर से व्यवस्था करवाना तो दूर, प्रशासन द्वारा सूध तक नहीं ली जा रही है.

रिकॉर्ड सेक्शन में हजारों फाइलें रखी गई है, ऐसे में अब लोगों को आने-जाने के लिए जगह तक नहीं बची है. अगर समय से प्रशासन रिकार्ड को रखने के लिए कोई कदम नहीं उठाता है तो रिकार्ड ढूंढने के लिए इससे भी ज्यादा समय लग सकता है.

इस संबंध में अस्पताल के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि अगर रिकॉर्ड सेक्शन में रिकॉर्ड रखने के लिए जगह नहीं है तो रिकॉर्ड रखने के लिए जगह निश्चित की जाएंगी ताकि रिकॉर्ड को ढूंढने में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो. जल्द ही प्रशासन इसे लेकर कदम उठाएगा.

गौर रहे कि आईजीएमसी हिमाचल का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां रिकॉर्ड को रखने के लिए जगह निश्चित होनी चाहिए ताकि समय अनुसार रिकॉर्ड को ढुंढा जा सके.

पढ़ेंः हिमाचल को बचाना है: नशे पर रोकथाम के लिए चंडीगढ़ में 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक

Intro:

आई.जी.एम.सी. में ढुंढे नहीं मिलता रिकार्ड

रूम में रिकार्ड रखने के लिए जगह तक नहीं

चेयर व फर्श बिखरा पड़ा हुआ होता है रिकार्ड



शिमला।

आइजीएमसी में मरीजो के रिकॉर्ड अब जमीनों व बेंच पर पड़े धूल फांक रहे है ।कारण बने रिकार्ड सैक्शन की हालत खस्ता हो गई है। प्रशासन रिकार्ड को रखने के लिए कमरे का प्रावधान तक नहीं कर पा रहा है। यहां पर० रिकार्ड ढुंढे नहीं मिलता है। रिकार्ड सैक्श्सन में हजारों फाईलों की ढेर पड़ी हुई है, जिसमें कर्मचारी भी रिकार्ड को ढुंढ नहीं पा रहे है।

Body:रिकार्ड न मिलने का कारण जगह की कमी होना है। इन दिनों रिकार्ड को या तो फर्श पर रखा जा रहा है या फिर बेंच के ऊपर पड़ा हुआ होता है। जहां एक फाईल को ढुंढने के लिए मरीज को 2 मिनट लगते थे, वहीं आजकल 15 से 20 मिनट लग रहे है। हैरत है कि अगर कर्मचारी द्वारा कई बार किसी भी रिकार्ड की फाईले उच्च न्यायलय भेजनी पड़ती है तो कर्मचारियों को पूरा दिन फाईल को ढुंढने में लग जाता है। वहीं मरीजों के मृत्यू होने व अन्य रिकार्ड ाी नहीं मिल पाते है। रिकार्ड सैक्शन में तैनात कर्मचारियों से अगर इसके बारे में पूछा जाता है तो वे साफ शब्दों में कहते है कि हमारे पास जगह नहीं है। इसकों लेकर प्रशासन को काफी पहले अवगत करवाया गया है। अभी तक फाईले रखने के लिए प्रशासन की ओर से व्यवस्था करवाना तो दूर की बात है लेकिन प्रशासन द्वारा सुध तक नहीं ली जा रही है। रिकार्ड सैक्शन में हजारों फाईले रखी गई है ऐसे में अब लोगों को आने जाने के लिए भी जगह तक नहीं बची हुई है। अगर समय से प्रशासन रिकार्ड को रखने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाते है तो रिकार्ड ढुंढने के लिए इससे भी ज्यादा समय लग सकता है। आई.जी.एम.सी. हिमाचल का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां पर रिकार्ड को रखने के लिए जगह निश्चित होनी चाहिए ताकि समय अनुसार रिकार्ड को ढुंढ सके।



Conclusion:इस सम्बंध में अस्पताल के एमएस डॉ जनक राज ने बताया कि अगर रिकार्ड सैक्शन में रिकार्ड रखने के लिए जगह नहीं है तो रिकार्ड रखने के लिए जगह निश्चित की जाएंगी ताकि रिकार्ड को ढुंढने में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। जल्द ही प्रशासन इसको लेरक कदम उठाएगा
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