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SHIMLA: युग हत्याकांड पर 18 अप्रैल को होगी अंतिम सुनवाई, सजा-ए-मौत पर होगा फैसला

युग हत्याकांड मामले में हिमाचल हाई कोर्ट में अंतिम सुनवाई 18 अप्रैल को होगी. उल्लेखनीय है कि तीन दोषियों को फिरौती के लिए चार साल के मासूम युग की अपहरण के बाद निर्मम हत्या करने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. 6 सितंबर 2018 को तीनों दोषी चंद्र शर्मा, तेजिंद्र पाल और विक्रांत बख्शी को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ में दुर्लभतम श्रेणी के दायरे में पाया था.

Himachal high court
हिमाचल हाईकोर्ट
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Published : Apr 1, 2022, 8:39 PM IST

Updated : Apr 2, 2022, 11:13 AM IST

शिमला: युग हत्याकांड में (Yug murder case in Shimla) दोषियों की सजा-ए-मौत पर हाई कोर्ट (Himachal high court) में अंतिम सुनवाई 18 अप्रैल को होगी. मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई. मामला सत्र न्यायाधीश की ओर से रेफरेंस के तौर पर हाईकोर्ट के समक्ष रखा गया है. इस मामले में तीनों दोषियों ने भी अपील के माध्यम से सत्र न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी है.

प्रदेश हाईकोर्ट में फिरौती के लिए बच्चे की हत्या करने वाले दोषियों के मृत्युदंड पर सुनवाई 18 अप्रैल को निर्धारित की गई है. उल्लेखनीय है कि तीन दोषियों को फिरौती के लिए चार साल के मासूम युग की अपहरण के बाद निर्मम हत्या करने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. 6 सितंबर 2018 को तीनों दोषी चंद्र शर्मा, तेजिंद्र पाल और विक्रांत बख्शी को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ में दुर्लभतम श्रेणी के दायरे में पाया था.

तीनों दोषियों ने 14 जून, 2014 को शिमला के रामबाजार (Rambazar of Shimla) से फिरौती के लिए युग का अपहरण किया था. अपहरण के दो साल बाद अगस्त 2016 में भराड़ी पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद किया गया था. तीनों ने मासूम के शरीर में पत्थर बांध कर उसे जिंदा पानी से भरे टैंक में फेंक दिया था.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में फिर सजेगा जनमंच, शेड्यूल में देखिए कौन कहां सुनेगा लोगों की समस्याएं

शिमला: युग हत्याकांड में (Yug murder case in Shimla) दोषियों की सजा-ए-मौत पर हाई कोर्ट (Himachal high court) में अंतिम सुनवाई 18 अप्रैल को होगी. मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई. मामला सत्र न्यायाधीश की ओर से रेफरेंस के तौर पर हाईकोर्ट के समक्ष रखा गया है. इस मामले में तीनों दोषियों ने भी अपील के माध्यम से सत्र न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी है.

प्रदेश हाईकोर्ट में फिरौती के लिए बच्चे की हत्या करने वाले दोषियों के मृत्युदंड पर सुनवाई 18 अप्रैल को निर्धारित की गई है. उल्लेखनीय है कि तीन दोषियों को फिरौती के लिए चार साल के मासूम युग की अपहरण के बाद निर्मम हत्या करने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. 6 सितंबर 2018 को तीनों दोषी चंद्र शर्मा, तेजिंद्र पाल और विक्रांत बख्शी को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ में दुर्लभतम श्रेणी के दायरे में पाया था.

तीनों दोषियों ने 14 जून, 2014 को शिमला के रामबाजार (Rambazar of Shimla) से फिरौती के लिए युग का अपहरण किया था. अपहरण के दो साल बाद अगस्त 2016 में भराड़ी पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद किया गया था. तीनों ने मासूम के शरीर में पत्थर बांध कर उसे जिंदा पानी से भरे टैंक में फेंक दिया था.

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Last Updated : Apr 2, 2022, 11:13 AM IST
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