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लैब ब्लास्ट मामले में जुन्गा फोरेंसिक टीम ने की जांच, हाइड्रोक्लोरिक एसिड और अमोनिया से हुआ धमाका - himachal news

मतियाना स्कूल की केमेस्ट्री लैब में हुए ब्लास्ट मामले में मंगलवार को जुन्गा फोरेंसिक लैब से टीम जांच के लिए पहुंची थी. जांच में खुलासा हुआ कि ये हादसा हाइड्रोक्लोरिक एसिड और अमोनिया के एक साथ मिलने से हुआ.

जुन्गा फोरेंसिक टीम
Forensic lab team junga
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Published : Feb 18, 2020, 11:05 PM IST

शिमला: ठियोग उपमंडल के मतियाना स्कूल की केमेस्ट्री लैब में हुए ब्लास्ट मामले में मंगलवार को एसडीएम ठियोग कृष्ण कुमार, एसएचओ संतोष कुमार और शिमला से शिक्षा निदेशालय के कर्मचारियों समेत जुन्गा फोरेंसिक लैब से अधिकारी स्कूल में हुए हादसे की जांच के लिए पहुंचे.

सोमवार को हुए ब्लास्ट में चार बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें इलाज के लिए आईजीएसमी शिमला भेजा गया. वहीं, दो बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया है.

वीडियो रिपोर्ट

पुलिस और फोरेंसिक लैब अधिकारियों ने हादसे में पीड़ित एक बच्चे और प्रयोगशाला में कार्यरत लैब सहायक से पूछताछ की. चश्मदीद छात्र सोमवार को हादसे के समय अपने क्लास मेट के साथ प्रेक्टिकल कर रहा था. छात्र ने अपने बयान में कहा कि लैब में मौजूद दूसरे छात्र ने एक बोतल से धुंआ निकलते हुए देखा. जैसे ही छात्र उस बोतल को बाहर ले जाने लगा तो वो फट गई जिससे चार बच्चे घायल हो गए.

वहीं, जुन्गा से लैब अधिकारी ने कहा कि मामले में कहीं न कहीं स्कूल प्रशासन से भूल हुई है. अधिकारी ने कहा कि ये बलास्ट हाइड्रोक्लोरिक एसिड ओर अमोनिया के इकट्ठा होने से हुआ है. स्कूल प्रशासन को छात्रों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए था.

स्कूल प्रिंसीपल राम लाल डोगरा ने भी माना कहीं न कहीं तो कोई चूक हुई है, जिस वजह से हादसा हुआ. उन्होंने कहा कि मौके पर मौजूद अध्यापक से इसकी पूछताछ की जाएगी.

वहीं, एसडीएम ठियोग कृष्ण कुमार ने कहा कि ये घटना बेहद दुखद है. प्रशासन की ओर से बच्चों के इलाज के लिए पांच हजार की फौरी राशि दी गई है. वहीं, दो जख्मी बच्चों का इलाज पीजीआई में चल रहा है, जिस पर प्रशासन की तरफ से पूरी मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि पूरे मामले में जांच की जा रही है.

शिमला: ठियोग उपमंडल के मतियाना स्कूल की केमेस्ट्री लैब में हुए ब्लास्ट मामले में मंगलवार को एसडीएम ठियोग कृष्ण कुमार, एसएचओ संतोष कुमार और शिमला से शिक्षा निदेशालय के कर्मचारियों समेत जुन्गा फोरेंसिक लैब से अधिकारी स्कूल में हुए हादसे की जांच के लिए पहुंचे.

सोमवार को हुए ब्लास्ट में चार बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें इलाज के लिए आईजीएसमी शिमला भेजा गया. वहीं, दो बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया है.

वीडियो रिपोर्ट

पुलिस और फोरेंसिक लैब अधिकारियों ने हादसे में पीड़ित एक बच्चे और प्रयोगशाला में कार्यरत लैब सहायक से पूछताछ की. चश्मदीद छात्र सोमवार को हादसे के समय अपने क्लास मेट के साथ प्रेक्टिकल कर रहा था. छात्र ने अपने बयान में कहा कि लैब में मौजूद दूसरे छात्र ने एक बोतल से धुंआ निकलते हुए देखा. जैसे ही छात्र उस बोतल को बाहर ले जाने लगा तो वो फट गई जिससे चार बच्चे घायल हो गए.

वहीं, जुन्गा से लैब अधिकारी ने कहा कि मामले में कहीं न कहीं स्कूल प्रशासन से भूल हुई है. अधिकारी ने कहा कि ये बलास्ट हाइड्रोक्लोरिक एसिड ओर अमोनिया के इकट्ठा होने से हुआ है. स्कूल प्रशासन को छात्रों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए था.

स्कूल प्रिंसीपल राम लाल डोगरा ने भी माना कहीं न कहीं तो कोई चूक हुई है, जिस वजह से हादसा हुआ. उन्होंने कहा कि मौके पर मौजूद अध्यापक से इसकी पूछताछ की जाएगी.

वहीं, एसडीएम ठियोग कृष्ण कुमार ने कहा कि ये घटना बेहद दुखद है. प्रशासन की ओर से बच्चों के इलाज के लिए पांच हजार की फौरी राशि दी गई है. वहीं, दो जख्मी बच्चों का इलाज पीजीआई में चल रहा है, जिस पर प्रशासन की तरफ से पूरी मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि पूरे मामले में जांच की जा रही है.

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