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स्कूलों में छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा विभाग की नई पहल, शिक्षकों की ट्रेंड करने की तैयारी

प्रदेश के स्कूलों में यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ की बढ़ती हुई घटनाओं को देखते हुए शिक्षा विभाग ने निजी सहित सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ट्रेनिंग के दौरान काउंसलिंग करने का फैसला लिया है, जिससे इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके.

शिक्षा विभाग की नई पहल, बच्चों से पहले अब शिक्षकों की होगी काउंसलिंग
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Published : Nov 2, 2019, 9:57 AM IST

Updated : Nov 2, 2019, 1:38 PM IST

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में बढ़ रही छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अब शिक्षकों की काउंसलिंग पर शिक्षा विभाग ध्यान देगा. शिक्षकों की काउंसलिंग के लिए शिक्षा विभाग ने तैयारी कर ली है. उच्च शिक्षा निदेशक डॉ.अमरजीत शर्मा ने इसको लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को ऐसा प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं जिससे स्कूलों में छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोक लगे.

बता दें कि इन टॉपिक्स को तैयार करने के लिए शिक्षा विभाग विशेषज्ञों की मदद भी लेगा. शिमला के आईजीएमसी में मनोवैज्ञानिक डॉक्टर के साथ ही हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिक डिर्पाटमेंट के शिक्षकों की भी सलाह और मदद लेगा.

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निदेशक डॉ.अमरजीत शर्मा ने कहा कि शिक्षकों की डाइट, एससीईआरटी, हिप्पा सहित अन्य माध्यमों से होने वाली ट्रेनिंग के शेड्यूल में इस तरह के विषय शामिल किए जाएंगे जिससे शिक्षकों की काउंसलिंग हो सके. इसके साथ ही शिक्षकों को ट्रेनिंग में इस तरह से तैयार किया जा सके ताकि वह बच्चों को स्कूलों में गुड टच और बेड टच के बारे में सही से बता पाएं.

इसके साथ ही शिक्षक के रोजमर्रा के शेड्यूल में भी यह बात शामिल हो की उन्हें कक्षाओं के दौरान छात्रों को पोक्सो, छात्राओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ में कहां और किस तरह से शिकायत दर्ज करवानी है और बिना डरे किस तरह से इस तरह की घटनाओं से निपटना है इसके बारे में जानकारी देनी होगी. इसके साथ ही यह प्रदेश के प्राथमिक और मिडल स्कूलों में जहां शिक्षिकाएं ही छोटे बच्चों को गुड़ टच ओर बैड टच के बारे में बताएंगी.

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में बढ़ रही छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अब शिक्षकों की काउंसलिंग पर शिक्षा विभाग ध्यान देगा. शिक्षकों की काउंसलिंग के लिए शिक्षा विभाग ने तैयारी कर ली है. उच्च शिक्षा निदेशक डॉ.अमरजीत शर्मा ने इसको लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को ऐसा प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं जिससे स्कूलों में छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोक लगे.

बता दें कि इन टॉपिक्स को तैयार करने के लिए शिक्षा विभाग विशेषज्ञों की मदद भी लेगा. शिमला के आईजीएमसी में मनोवैज्ञानिक डॉक्टर के साथ ही हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिक डिर्पाटमेंट के शिक्षकों की भी सलाह और मदद लेगा.

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निदेशक डॉ.अमरजीत शर्मा ने कहा कि शिक्षकों की डाइट, एससीईआरटी, हिप्पा सहित अन्य माध्यमों से होने वाली ट्रेनिंग के शेड्यूल में इस तरह के विषय शामिल किए जाएंगे जिससे शिक्षकों की काउंसलिंग हो सके. इसके साथ ही शिक्षकों को ट्रेनिंग में इस तरह से तैयार किया जा सके ताकि वह बच्चों को स्कूलों में गुड टच और बेड टच के बारे में सही से बता पाएं.

इसके साथ ही शिक्षक के रोजमर्रा के शेड्यूल में भी यह बात शामिल हो की उन्हें कक्षाओं के दौरान छात्रों को पोक्सो, छात्राओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ में कहां और किस तरह से शिकायत दर्ज करवानी है और बिना डरे किस तरह से इस तरह की घटनाओं से निपटना है इसके बारे में जानकारी देनी होगी. इसके साथ ही यह प्रदेश के प्राथमिक और मिडल स्कूलों में जहां शिक्षिकाएं ही छोटे बच्चों को गुड़ टच ओर बैड टच के बारे में बताएंगी.

Intro:स्कूलों में अब बच्चों से पहले शिक्षकों की काउंसलिंग पर शिक्षा विभाग ध्यान देगा। शिक्षकों की काउंसलिंग के लिए उनके ट्रेनिंग में है ऐसे टॉपिक्स को शामिल करने की तैयारी शिक्षा विभाग ने कर ली है जिससे कि शिक्षकों की काउंसलिंग हो पाए। इसके लिए शिक्षा विभाग में अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ.अमरजीत शर्मा ने इस बारे में निर्देश शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दे दिए है कि वह यह प्रस्ताव तैयार करें की शिक्षकों की ट्रेनिंग में काउंसलिंग से जुड़े कौन कौन से ऐसे टॉपिक शामिल किए जा सकते है जो स्कूलों में हो रही इस तरह की छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोक लगाने में मददगार साबित हो।


Body:इन टॉपिक्स को तैयार करने के लिए शिक्षा विभाग विशेषज्ञों की मदद भी लेगा। शिमला के आईजीएमसी मेंमनोवैज्ञानिक डॉक्टर के साथ ही हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिक डिर्पाटमेंट के शिक्षकों की भी सलाह ओर मदद लेगा। निदेशक डॉ.अमरजीत शर्मा ने कहा कि शिक्षकों की डायट, एससीईआरटी, हिप्पा सहित अन्य माध्यमों से होने वाली ट्रेनिंग के शेड्यूल में इस तरह के विषय शामिल किए जाएंगे जिससे शिक्षकों की काउंसलिंग हो सके। इसके साथ हो शिक्षकों को ट्रेनिंग में इस तरह से तैयार किया जा सके ताकि वह बच्चों को स्कूलों में गुड टच ओर बेड टच के बारे में सही से बता पाए। इसके साथ ही शिक्षक के रोजमर्रा के शेड्यूल में भी यह बात शामिल हो की उन्हें कक्षाओं के दौरान छात्रों को पोस्को एक्ट, छात्राओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ में कहां और किस तरह से शिकायत दर्ज करवानी है। बिना डरे किस तरह से इस तरह की घटनाओं को उजागर करना है इसके बारे में जानकारी देनी होगी।


Conclusion:सरकार की ओर से भी शिक्षा विभाग को यह निर्देश जारी किए गए है जिस पर शिक्षा विभाग यह कार्य कर रहा है। इसके साथ ही यह प्रदेश के प्राथमिक ओर मिडल स्कूलों में जहां शिक्षिकाएं ही छोटे बच्चों को गुड़ टच ओर बैड टच के बारे में बताएंगी। बता दे कि प्रदेश के स्कूलों में यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ की बढ़ती हुई घटनाओं को देखते हुए शिक्षा विभाग ने निजी सहित सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ट्रेनिंग के दौरान काउंसलिंग करने का फ़ैसला लिया है, जिससे इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके
Last Updated : Nov 2, 2019, 1:38 PM IST
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