शिमला : प्रदेश में स्कूल ओर कॉलेजों के शिक्षकों को अब एक जुलाई से स्कूल और कॉलेजों में वापसी करना पड़ सकती है. अभी तक छात्रों के साथ ही शिक्षक भी स्कूल और कॉलेजों में नहीं आ रहे थे, लेकिन अब शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को स्कूल और कॉलेजों में बुलाने की तैयारी पूरी कर ली है. शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया जिसे सरकार की मंजूरी मिलने के स्कूल और कॉलेजों के स्टाफ और शिक्षकों को संस्थानों में आने के आदेश जारी किए जाएंगे.
प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा
उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ.अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया भले ही शिक्षण संस्थानों को छात्रों के लिए न खोला जाए, लेकिन विभाग में यह तय कर लिया है कि 1 जुलाई से स्कूल और कॉलेजों में सभी स्टाफ को बुला लिया जाएगा. शिक्षकों के साथ ही अन्य स्टाफ स्कूल और कॉलेजों में रेगुलर आएगा. संस्थान में आ कर शिक्षक जहां छात्रों के लिए ऑनलाइन लेक्चर तैयार करने के साथ ही उनके लिए स्टडी मैटेरियल और नोट्स तैयार करने का कार्य स्कूल कॉलेजों में करेंगे.
वहीं, आगामी समय में अगर केंद्र की तरफ से शिक्षण संस्थानों को खोलने को लेकर निर्देश जारी किए जाते हैं, तो उसे लेकर तैयारियां भी इस दौरान की जाएगी. उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से इसे लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. प्रस्ताव सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और सरकार से मंजूरी मिलने के बाद 1 जुलाई से स्कूल और कॉलेजों में शिक्षकों के साथ ही अन्य स्टाफ को बुलाया जाएगा.
खोलने का फैसला केंद्र सरकार के आदेशों पर
प्रदेश में शिक्षण संस्थानों को 30 जून तक बंद रखा गया है. अब इन संस्थानों को खोलने को लेकर फैसला केंद्र सरकार के आदेशों के तहत ही प्रदेश सरकार लेगी. जुलाई के पहले सप्ताह में ही केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की और से शिक्षण संस्थानों को खोलने को लेकर फैसला लिया जाना है. ऐसे में अगर केंद्र सरकार की ओर से शिक्षण संस्थानों को खोलने के आदेश जारी किए जाते हैं, तो प्रदेश में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जो एग्जिट प्लान विभाग की ओर से स्कूल, कॉलेजों को खोलने के लिए तैयार किया गया है. उसी के अनुसार स्कूल और कॉलेज छात्रों के लिए खोले जाएंगे, लेकिन अभी तक शिक्षण संस्थानों को खोलने को लेकर किसी तरह की कोई योजना नहीं है.