शिमला: कोविड -19 के संकट के समय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना आवश्यक हो गया है. घर से बाहर निकल कर बाजारों में या कार्यालयों में हर एक जगह अब एक ही नाम और नियम सुनने को मिल रहा है औ वो है सोशल डिस्टेंसिंग. ऐसे में इस नियम का पालन हो सके और कोरोना से बचा जा सके इसके लिए राजधानी के एक टैक्सी ऑपरेटर ने अपनी गाड़ी को पूरी तरह से मॉडिफाई कर दिया. टैक्सी में ड्राइवर के साथ ही सवारियों के लिए अलग-अलग कैबिन बनाए गए हैं. इस तरह से गाड़ी को मॉडिफाई किया गया है कि इस गाड़ी में 3 सवारियों के साथ ड्राइवर बैठेगा तो उनका संपर्क आपस में नहीं होगा.
खास बात यह है कि टैक्सी में अलग-अलग कैबिन बनाने के लिए उन्होंने प्लास्टिक मेटल शीट का इस्तेमाल किया है. गाड़ी में चार अलग-अलग कैबिन नट बोल्ट का इस्तेमाल करके बनाए गए हैं. परिस्थितियां समान्य होने पर तैयार किए गए पूरे स्ट्रक्चर को बिना किसी परेशानी के निकाला जा सकता है. 6 से 7 हजार रुपए खर्च कर इस गाड़ी को सोशल डिस्टेंसिंग के लिए तैयार किया गया है.
नरेंद्र ठाकुर ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि लॉकडाउन के समय में एक शब्द निकल कर आया सोशल डिस्टेंसिंग. उन्हें लगा कि अब टैक्सी में इस सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किस तरह से हो सकता है, तो इसमें उनके मित्र जो पेशे से इंजीनियर हैं उन्होंने यह अलग-अलग चार कैबिन बनाने का सुझाव दिया. जिसके बाद उन्होंने शिमला में ही लोकल मैकेनिक से पूरी गाड़ी को इस तरह से मॉडिफाई करवाया. जिससे कि वह खुद भी सुरक्षित रहें और जो सवारियां उनकी टैक्सी में सफर करेंगी उनका भी इस वैश्विक महामारी से बचाव हो सके. इतना ही नहीं उन्होंने कोरोना से बचाव को लेकर अन्य सभी तैयारियां भी पूरी की.
बहाली का इंतजार
गाड़ी में हैंड सेनिटाइजर के साथ ही गाड़ी को सेनिटाइज करने का प्रावधान किया गया है. सवारियों के लिए ग्लब्ज और मास्क का इंतजाम किया गया है. जिन्हें पहनकर ही लोग टैक्सी में बैठ सकेंगे. उन्होंने कहा कि अपनी सुरक्षा अपने हाथ में है, इसके लिए जो भी सवारी टैक्सी में बैठेगी उसका नाम पता ओर नंबर भी वह डायरी में नोट करेंगे. जिससे कि आगे चलकर अगर कोई जानकारी कोरोना वायरस से संबंधित चाहिए तो उसमें किसी तरह की कोई परेशानी ना हो. उन्होंने दूसरे टैक्सी चालकों को यही संदेश दिया कि अगर वह इस तरह से अपनी गाड़ी को सोशल डिस्टेंसिंग के लिए तैयार नहीं कर सकते तो वह कुछ और नया सोचकर खुद को और टैक्सी में सफर करने वाली सवारियों को सुरक्षित कर सकते हैं. अब उन्हें इंतजार बस शिमला शहर में भी टैक्सी सेवा की बहाली का है.
नहीं रहेगा डर
उनका मानना है कि कोविड-19 के डर की वजह से लोग टैक्सियों में बैठने से घबरा रहे हैं, लेकिन जिस तरह से उन्होंने अपनी टैक्सी को चार अलग-अलग कैबिन में बांटा है. इससे लोगों का भय भी समाप्त हो जाएगा. लोग एक दूसरे के संपर्क में नहीं आएंगे और अगर कोई खांसता था और छींकता भी है तो उसका एक दूसरे पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.