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कैबिनेट में नहीं हुुई टैक्स माफी तो बसों में काले झंडे लगा कर होगा विरोध: निजी बस ऑपरेटर संघ

कैबिनेट में टैक्स माफी पर फैसला नहीं हुई तो बसों में सरकार का काले झंडों से विरोध किया जाएगा. निजी बस ऑपरेटरों ने सरकार को सीधी चेतावनी दी है. निजी बस ऑपरेटरों ने वर्किंग कैपिटल को लागू करने की भी मांग रखी है.

putting black flags in buses
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Published : Mar 7, 2021, 9:09 PM IST

शिमलाः हिमाचल में निजी बस ऑपरेटर्स सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. वहीं बार-बार घोषणाएं एवं आश्वासन देने के बाद भी निजी बस ऑपरेटरों की मांगों को अमलीजामा न पहनाने के कारण अब निजी बस ऑपरेटर न्यायालय की शरण में जाने पर विचार कर रहे हैं.

निजी बस ऑपरेटरों ने प्रदेश सरकार को दी चेतावनी

लेकिन इससे पहले निजी बस ऑपरेटरों ने प्रदेश सरकार को एक और चेतावनी जारी की है. जिसमें निजी बस आपरेटरों ने कहा कि अगर इस कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने निजी बस ऑपरेटरों की टैक्स माफी की मांग एवं कार्यशील पूंजी को लागू करने की मांग को नहीं माना तो पहले चरण में निजी बस ऑपरेटर अपनी बसों में काले झंडे लगाकर सरकार का विरोध करेंगे. उसके पश्चात निजी बस ऑपरेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल में भी जा सकते हैं.

न्यायलय जाने को मजबूर निजी बस ऑपरेटर

बस ऑपरेटरों का कहना है कि बस ऑपरेटरों का कहना है कि सदन में परिवहन मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर ने जब से यह जानकारी दी है कि एचआरटीसी भी 220 करोड़ की टैक्स की देनदार है उसके पश्चात निजी बस ऑपरेटरों की यूनियन ने न्यायालय जाने की तैयारी कर दी है, क्योंकि एच.आर.टी.सी को सभी रूट परमिट नवीनीकरण तथा अन्य सुविधाएं सरकार द्वारा डिफॉल्टर होने के बावजूद भी दी जा रही है. जबकि निजी बस ऑपरेटरों पर कानून का डंडा चलाया जाता है. थक हार कर निजी बस ऑपरेटरों ने न्यायलय जाने का मन बना लिया है.

पिछले 7 महिनों से निजी बस ऑपरेटर कर रहे मांग

निजी बस ऑपरेटर पिछले 7 माह से निजी बस ऑपरेटरों से टैक्स माफी की मांग कर रहे हैं. ऑपरेटरों का कहना है कि एचआरटीसी और निजी बस ऑपरेटर प्रदेश में लोगों की सुविधाओं के लिए ही से चलाई जा रही है तो दोनों को अलग-अलग तराजू में क्यों तोला जा रहा है.मोटर वाहन अधिनियम में एचआरटीसी एवं निजी बस ऑपरेटर बराबर के भागीदार है. प्रदेश सरकार द्वारा बस ऑपरेटर पर कानून का डंडा चलाया जा रहा है जबकि एचआरटीसी को सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही है.

पढ़ें: वेतन और पेंशन पर खर्च हो जाएंगे 39.42 रुपए

बस ऑपरेटरों से जुड़े प्रदेश के अन्य कई परिवार

हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटरों के साथ कई परिवार जुड़े हैं. जिनके लिए निजी बस ऑपरेटर ही रोजगार मुहैया करवाते हैं. इसमें चालक परिचालक, टायर पंचर पेट्रोल पंप, स्पेयर पार्टस की दुकान के मालिक, बस बॉडी बिल्डर, टायर रेट्रीडेड के अतिरिक्त कई तरह की लोग हैं.

प्रदेश सरकार की अर्थव्यवस्था में निजी बस ऑपरेटरों का योगदान

निजी बस ऑपरेटरों का प्रदेश सरकार की अर्थव्यवस्था में बहुत योगदान है.हिमाचल प्रदेश के हर मोड़ पर टायर पंचर की दुकान है. हर छोटे-बड़े शहरों में स्पेयर पार्टस की भी शॉप तथा मकैनिक भी हर छोटे-बड़े शहरों में उपलब्ध हैं. इन सब के रोजगार के लिए प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर का महत्वपूर्ण योगदान है.

ये भी पढ़ें: महिला दिवस पर HPTDC दे रहा बस किराये और होटल बुकिंग पर विशेष छूट

शिमलाः हिमाचल में निजी बस ऑपरेटर्स सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. वहीं बार-बार घोषणाएं एवं आश्वासन देने के बाद भी निजी बस ऑपरेटरों की मांगों को अमलीजामा न पहनाने के कारण अब निजी बस ऑपरेटर न्यायालय की शरण में जाने पर विचार कर रहे हैं.

निजी बस ऑपरेटरों ने प्रदेश सरकार को दी चेतावनी

लेकिन इससे पहले निजी बस ऑपरेटरों ने प्रदेश सरकार को एक और चेतावनी जारी की है. जिसमें निजी बस आपरेटरों ने कहा कि अगर इस कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने निजी बस ऑपरेटरों की टैक्स माफी की मांग एवं कार्यशील पूंजी को लागू करने की मांग को नहीं माना तो पहले चरण में निजी बस ऑपरेटर अपनी बसों में काले झंडे लगाकर सरकार का विरोध करेंगे. उसके पश्चात निजी बस ऑपरेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल में भी जा सकते हैं.

न्यायलय जाने को मजबूर निजी बस ऑपरेटर

बस ऑपरेटरों का कहना है कि बस ऑपरेटरों का कहना है कि सदन में परिवहन मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर ने जब से यह जानकारी दी है कि एचआरटीसी भी 220 करोड़ की टैक्स की देनदार है उसके पश्चात निजी बस ऑपरेटरों की यूनियन ने न्यायालय जाने की तैयारी कर दी है, क्योंकि एच.आर.टी.सी को सभी रूट परमिट नवीनीकरण तथा अन्य सुविधाएं सरकार द्वारा डिफॉल्टर होने के बावजूद भी दी जा रही है. जबकि निजी बस ऑपरेटरों पर कानून का डंडा चलाया जाता है. थक हार कर निजी बस ऑपरेटरों ने न्यायलय जाने का मन बना लिया है.

पिछले 7 महिनों से निजी बस ऑपरेटर कर रहे मांग

निजी बस ऑपरेटर पिछले 7 माह से निजी बस ऑपरेटरों से टैक्स माफी की मांग कर रहे हैं. ऑपरेटरों का कहना है कि एचआरटीसी और निजी बस ऑपरेटर प्रदेश में लोगों की सुविधाओं के लिए ही से चलाई जा रही है तो दोनों को अलग-अलग तराजू में क्यों तोला जा रहा है.मोटर वाहन अधिनियम में एचआरटीसी एवं निजी बस ऑपरेटर बराबर के भागीदार है. प्रदेश सरकार द्वारा बस ऑपरेटर पर कानून का डंडा चलाया जा रहा है जबकि एचआरटीसी को सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही है.

पढ़ें: वेतन और पेंशन पर खर्च हो जाएंगे 39.42 रुपए

बस ऑपरेटरों से जुड़े प्रदेश के अन्य कई परिवार

हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटरों के साथ कई परिवार जुड़े हैं. जिनके लिए निजी बस ऑपरेटर ही रोजगार मुहैया करवाते हैं. इसमें चालक परिचालक, टायर पंचर पेट्रोल पंप, स्पेयर पार्टस की दुकान के मालिक, बस बॉडी बिल्डर, टायर रेट्रीडेड के अतिरिक्त कई तरह की लोग हैं.

प्रदेश सरकार की अर्थव्यवस्था में निजी बस ऑपरेटरों का योगदान

निजी बस ऑपरेटरों का प्रदेश सरकार की अर्थव्यवस्था में बहुत योगदान है.हिमाचल प्रदेश के हर मोड़ पर टायर पंचर की दुकान है. हर छोटे-बड़े शहरों में स्पेयर पार्टस की भी शॉप तथा मकैनिक भी हर छोटे-बड़े शहरों में उपलब्ध हैं. इन सब के रोजगार के लिए प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर का महत्वपूर्ण योगदान है.

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