ETV Bharat / state

अनछुआ हिमाचल: रेणुका झील की तरह खूबसूरत है शिमला की ये झील

ईटीवी भारत की खास सीरीज अनछुआ हिमाचल, जिसमें हम आपको ऐसी जगहों के बारे में जानकारी देते हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. आज अपनी सीरीज में हम आपको देवदार के पेड़ों के बीच स्थित तानी जुब्बड़ झील के बारे में जानकारी देंगे.

tani jubbar lake untouched himachal
तानी जुब्बड़ झील अनछुआ हिमाचल
author img

By

Published : Mar 22, 2020, 12:03 AM IST

Updated : Mar 22, 2020, 7:33 AM IST

ठियोग: ईटीवी भारत की खास सीरीज अनछुआ हिमाचल, जिसमें हम आपको ऐसी जगहों के बारे में जानकारी देते हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. आज अपनी सीरीज में हम आपको देवदार के पेड़ों के बीच स्थित तानी जुब्बड़ झील के बारे में जानकारी देंगे.

तानी जुब्बड़ झील की खूबसूरती देखते ही बनती है. इस झील के आस पास बैठकर यहां की खूबसूरती निहार सकते हैं. ये झील राजधानी शिमला से 75 किलोमीटर की दूरी पर है. इसके बावजूद शिमला घूमने आने वाले पर्यटक इस झील की जानकारी न होने से यहां नहीं आ पाते.

वीडियो

स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकार को झील के पास पर्यटकों के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए. साथ ही झील के आस-पास सफाई का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को इस झील पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि ये जगह भी दूसरे पर्यटन स्थलों की तरह उभर सके.

झील के पास ही देवता खाचली का मंदिर है. इस मंदिर को लेकर भी एक मान्यता है. कहा जाता है कि एक चरवाहा तानी जुब्बड़ झील किनारे गायों को चराने के लिए लाता था. शाम को घर ले जाने पर गाय दूध नहीं देती थी. एक दिन चरवाहा दिन भर गायों के पास बैठा रहा. चरवाहे ने देखा कि बहुत सारे सांप गाय का दूध पी रहे थे. ये बात चरवाहे ने ग्रामीणों को बताई.

कुछ समय बीतने के साथ ही इस जगह से नाग रूप में मूर्तियां मिली. इसके बाद यहां पर नाग देवता की पूजा होने लगी और लोगों ने यहां खाचली मंदिर का निर्माण किया.

तानी जुब्बड़ झील के आस पास कई मशहूर पर्यटन स्थल हैं. ये झील नारकंडा से 10 किलोमीटर दूर है, जहां सैकड़ों सैलानी सर्दियों में बर्फबारी और गर्मियों में ठंड का लुत्फ उठाने पहुंचते हैं. साथ ही साहसिक खेलों जैसे स्कींइग के शौकीन लोग भी पहुंचते हैं. इसके अलावा नारकंड़ा के पास धौमड़ी में स्कींइग की प्रतियोगिताएं भी करवाई जाती है.

साथ ही इस झील से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर देवता चतुर्मुख मैलन का मंदिर है, जो आसपास की पंचायतों के गांव की आस्था का प्रतीक है. देवता चतुर्मुख तानी जुब्बड़ मेले में साल में एक बार आते हैं ,जहां उनकी विधि विधान से पूजा होती है और देवता जी की पालकी के साथ सामूहिक नृत्य भी होता है.

वहीं, लोगों ने सरकार से मांग की है कि तानी जुब्बड़ को पर्यटन की दृष्टि से उभारा जाए. इससे तानी जुब्बड़ भी प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में शुमार होगा, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे.

ये भी पढ़ें: Coronavirus: कर्मचारियों को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, 50% कर्मी घर से करेंगे काम

ठियोग: ईटीवी भारत की खास सीरीज अनछुआ हिमाचल, जिसमें हम आपको ऐसी जगहों के बारे में जानकारी देते हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. आज अपनी सीरीज में हम आपको देवदार के पेड़ों के बीच स्थित तानी जुब्बड़ झील के बारे में जानकारी देंगे.

तानी जुब्बड़ झील की खूबसूरती देखते ही बनती है. इस झील के आस पास बैठकर यहां की खूबसूरती निहार सकते हैं. ये झील राजधानी शिमला से 75 किलोमीटर की दूरी पर है. इसके बावजूद शिमला घूमने आने वाले पर्यटक इस झील की जानकारी न होने से यहां नहीं आ पाते.

वीडियो

स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकार को झील के पास पर्यटकों के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए. साथ ही झील के आस-पास सफाई का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को इस झील पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि ये जगह भी दूसरे पर्यटन स्थलों की तरह उभर सके.

झील के पास ही देवता खाचली का मंदिर है. इस मंदिर को लेकर भी एक मान्यता है. कहा जाता है कि एक चरवाहा तानी जुब्बड़ झील किनारे गायों को चराने के लिए लाता था. शाम को घर ले जाने पर गाय दूध नहीं देती थी. एक दिन चरवाहा दिन भर गायों के पास बैठा रहा. चरवाहे ने देखा कि बहुत सारे सांप गाय का दूध पी रहे थे. ये बात चरवाहे ने ग्रामीणों को बताई.

कुछ समय बीतने के साथ ही इस जगह से नाग रूप में मूर्तियां मिली. इसके बाद यहां पर नाग देवता की पूजा होने लगी और लोगों ने यहां खाचली मंदिर का निर्माण किया.

तानी जुब्बड़ झील के आस पास कई मशहूर पर्यटन स्थल हैं. ये झील नारकंडा से 10 किलोमीटर दूर है, जहां सैकड़ों सैलानी सर्दियों में बर्फबारी और गर्मियों में ठंड का लुत्फ उठाने पहुंचते हैं. साथ ही साहसिक खेलों जैसे स्कींइग के शौकीन लोग भी पहुंचते हैं. इसके अलावा नारकंड़ा के पास धौमड़ी में स्कींइग की प्रतियोगिताएं भी करवाई जाती है.

साथ ही इस झील से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर देवता चतुर्मुख मैलन का मंदिर है, जो आसपास की पंचायतों के गांव की आस्था का प्रतीक है. देवता चतुर्मुख तानी जुब्बड़ मेले में साल में एक बार आते हैं ,जहां उनकी विधि विधान से पूजा होती है और देवता जी की पालकी के साथ सामूहिक नृत्य भी होता है.

वहीं, लोगों ने सरकार से मांग की है कि तानी जुब्बड़ को पर्यटन की दृष्टि से उभारा जाए. इससे तानी जुब्बड़ भी प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में शुमार होगा, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे.

ये भी पढ़ें: Coronavirus: कर्मचारियों को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, 50% कर्मी घर से करेंगे काम

Last Updated : Mar 22, 2020, 7:33 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.