ETV Bharat / state

वो मुझसे बार-बार देशभक्ति का गाना सुनाने के लिए कहती थीं- सुषमा के स्कूल के दोस्त

जिस उम्र में लड़कियां गुड्डे-गुड़ियों से खेला करती हैं. उस छोटी सी उम्र में भी सुषमा को डिबेट करने का शौक था. सुषमा को 'ए मेरे वतन के लोगों' गीत भी बेहद पसंद था.

67 की उम्र में गुजर गई सुषमा स्वराज
author img

By

Published : Aug 7, 2019, 2:30 PM IST

शिमला/अंबाला: देश की महान नेता और बेहतरीन वक्ता पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वो हमेशा हमारे दिलों में याद बनकर रहेंगी. सुषमा स्वराज अंबाला की रहने वाली थीं. अंबाला में उनका मायका है. जहां उनके भईया और भाभी रहते हैं. जब से सुषमा स्वराज के निधन की खबर लोगों को मिली है, तभी से उनके अंबाला वाले घर में भी लोग जुटने शुरू हो गए हैं.

वीडियो

बचपन में दूसरे बच्चों से अलग थीं सुषमा
जिस उम्र में लड़कियां गुड्डे-गुड़ियों से खेला करती हैं. उस छोटी सी उम्र में भी सुषमा को डिबेट करने का शौक था. बचपन में सुषमा के साथ पढ़ने वाले एक शख्स ने बताया कि सुषमा को डिबेट में हिस्सा लेने का बड़ा शौक था. वो बचपन में भी अपने साथियों के साथ डिबेट किया करती थीं. वो दूसरे बच्चों को जमीन पर बैठा देती, फिर उन्हें कुछ ना कुछ कह कर सुनाती.

देशभक्ति के गानों से था खास लगाव
सुषमा जब खेलने जाती तो वो अपने दोस्तों को देशभक्ति के गाने सुनाने को कहती थीं. उन्हें 'ए मेरे वतन के लोगों' गीत बहुत पसंद था. सुषमा बार-बार इस गीत को सुना करती थीं.

जिंदगी भर महिलाओं और गरीबों के लिए किया काम
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुषमा बचपन से ही दूसरे बच्चों से अलग थीं. उनमें बचपन से ही देश के लिए कुछ करने का जज्बा था. जब से सुषमा ने होश संभाला तब से उन्होंने गरीबों और महिलाओं के लिए काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने ना जाने कितने गरीबों और महिलाओं की नौकरी लगवाने में मदद की.

ये भी पढ़े: पीएम मोदी ने सुषमा को दी श्रद्धांजलि, परिवार से मिल हुए भावुक

हर साल रक्षाबंधन और भाई दूज पर आती थीं अंबाला
सुषमा स्वराज रक्षा बंधन और भैय्या दूज पर अपने भईया से मिलने जूरूर आया करती थीं. इस बार भी उन्हें अपने भईया के घर आना था, लेकिन इससे पहले ही उनका निधन हो गया.

शिमला/अंबाला: देश की महान नेता और बेहतरीन वक्ता पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वो हमेशा हमारे दिलों में याद बनकर रहेंगी. सुषमा स्वराज अंबाला की रहने वाली थीं. अंबाला में उनका मायका है. जहां उनके भईया और भाभी रहते हैं. जब से सुषमा स्वराज के निधन की खबर लोगों को मिली है, तभी से उनके अंबाला वाले घर में भी लोग जुटने शुरू हो गए हैं.

वीडियो

बचपन में दूसरे बच्चों से अलग थीं सुषमा
जिस उम्र में लड़कियां गुड्डे-गुड़ियों से खेला करती हैं. उस छोटी सी उम्र में भी सुषमा को डिबेट करने का शौक था. बचपन में सुषमा के साथ पढ़ने वाले एक शख्स ने बताया कि सुषमा को डिबेट में हिस्सा लेने का बड़ा शौक था. वो बचपन में भी अपने साथियों के साथ डिबेट किया करती थीं. वो दूसरे बच्चों को जमीन पर बैठा देती, फिर उन्हें कुछ ना कुछ कह कर सुनाती.

देशभक्ति के गानों से था खास लगाव
सुषमा जब खेलने जाती तो वो अपने दोस्तों को देशभक्ति के गाने सुनाने को कहती थीं. उन्हें 'ए मेरे वतन के लोगों' गीत बहुत पसंद था. सुषमा बार-बार इस गीत को सुना करती थीं.

जिंदगी भर महिलाओं और गरीबों के लिए किया काम
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुषमा बचपन से ही दूसरे बच्चों से अलग थीं. उनमें बचपन से ही देश के लिए कुछ करने का जज्बा था. जब से सुषमा ने होश संभाला तब से उन्होंने गरीबों और महिलाओं के लिए काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने ना जाने कितने गरीबों और महिलाओं की नौकरी लगवाने में मदद की.

ये भी पढ़े: पीएम मोदी ने सुषमा को दी श्रद्धांजलि, परिवार से मिल हुए भावुक

हर साल रक्षाबंधन और भाई दूज पर आती थीं अंबाला
सुषमा स्वराज रक्षा बंधन और भैय्या दूज पर अपने भईया से मिलने जूरूर आया करती थीं. इस बार भी उन्हें अपने भईया के घर आना था, लेकिन इससे पहले ही उनका निधन हो गया.

Intro:सुषमा स्वराज


Body:सुषमा स्वराज


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.