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हर हाल में प्रियंका वाड्रा का वचन पूरा करेगी सुखविंदर सरकार, 10 दिन में OPS पर होगा बड़ा ऐलान

सुखविंदर सरकार 10 दिनों के अंदर ओपीएस को लेकर बड़ा ऐलान कर देगी. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अगर कैबिनेट का विस्तार नहीं भी हुआ तो सीएम और डिप्टी सीएम मिलकर कैबिनेट के तौर पर फैसला ले सकते हैं. (Sukhvinder government will announce on OPS)

OPS issue defeated BJP
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Published : Dec 13, 2022, 9:21 AM IST

Updated : Dec 13, 2022, 2:48 PM IST

वीडियो.

शिमला: चुनाव से पूर्व कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा ने सोलन की रैली में हिमाचल की जनता से ओपीएस की बहाली का वादा किया था. प्रियंका वाड्रा ने कहा था कि सत्ता में आने पर कांग्रेस सरकार दस दिन के भीतर ओपीएस की बहाली का ऐलान करेगी. प्रियंका वाड्रा के इस वादे को सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने पूरी तरह से याद रखा है. हालांकि ,अभी कांग्रेस सरकार में सीएम व डिप्टी सीएम ने ही शपथ ग्रहण की है और मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ है, लेकिन सरकार ने ये संकेत दिया है कि दस दिन की समय अवधि में कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा की तरफ से किया गया वादा पूरा किया जाएगा. (Sukhvinder government will announce on OPS)

सीएम और डिप्टी सीएम ले सकते फैसला: हिमाचल में इस समय सीएम व डिप्टी सीएम शपथ लेकर अपना कार्यभार संभाल चुके हैं. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि यदि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाता है तो भी सीएम व डिप्टी सीएम मिलकर कैबिनेट के तौर पर फैसला ले सकते हैं. सरकार हर हाल में दस दिन के भीतर ओपीएस बहाली का निर्णय लेगी. (new pension scheme)

न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारियों की जानकारी मांगी: वहीं, सोमवार को सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम के तहत आने वाले कर्मियों का ब्यौरा मांगा है. दस दिन के भीतर ही सीएम व डिप्टी सीएम के समक्ष न्यू पेंशन स्कीम के कर्मचारियों का ब्यौरा और ओल्ड पेंशन स्कीम के रोडमैप पर प्रेजेंटेशन दी जाएगी. वित्त विभाग इसकी तैयारियों में जुटा है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल में कांग्रेस ने वादा किया था कि सत्ता में आने पर राजस्थान व छत्तीसगढ़ की तर्ज पर यहां भी ओपीएस की बहाली की जाएगी.

कर्मचारी ओपीएस पर एकजुट: हिमाचल में कर्मचारियों का वोट सत्ता परिवर्तन में बड़ा प्रभावी फैक्टर है. कर्मचारी वर्ग ओपीएस की मांग पर एकजुट था. यही नहीं, कर्मचारियों ने इसके लिए सोशल मीडिया के माध्यम से अभियान भी चलाया था. जयराम सरकार के समय न्यू पेंशन स्कीम के कर्मचारियों ने आंदोलन किया था. भाजपा ने चुनाव में जाने पर भी ओपीएस को लेकर कोई वादा नहीं किया था. भाजपा के घोषणा पत्र के समय भी इसका कोई जिक्र नहीं था. (Employees unite on OPS in Himachal)

भाजपा को खामियाजा भुगतना पड़ा: ऐसे में चुनाव में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. उधर, कांग्रेस ने ये वादा किया और इसे पूरा करने के लिए भी तत्परता से काम हो रहा है, लेकिन इस मुद्दे पर तकनीकी पेंच भी कम नहीं हैं. एनपीएस के तहत कर्मचारियों की कंट्रीब्यूशन केंद्र सरकार राज्य सरकार को नहीं दे सकती. वो कर्मचारियों को ही मिलेगा. वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने भी कहा था कि केंद्र की मदद से ओपीएस की बहाली होगी. अब देखना है कि कांग्रेस की सुखविंदर सरकार ओपीएस को लेकर प्रियंका वाड्रा का वादे को कैसे पूरा करेगी. (OPS issue defeated BJP)

ये भी पढ़ें : कांगड़ा में प्रियंका गांधी ने भाजपा पर किया प्रहार, कहा- कर्मचारियों की परेशानी से जयराम सरकार को नहीं सरोकार

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शिमला: चुनाव से पूर्व कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा ने सोलन की रैली में हिमाचल की जनता से ओपीएस की बहाली का वादा किया था. प्रियंका वाड्रा ने कहा था कि सत्ता में आने पर कांग्रेस सरकार दस दिन के भीतर ओपीएस की बहाली का ऐलान करेगी. प्रियंका वाड्रा के इस वादे को सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने पूरी तरह से याद रखा है. हालांकि ,अभी कांग्रेस सरकार में सीएम व डिप्टी सीएम ने ही शपथ ग्रहण की है और मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ है, लेकिन सरकार ने ये संकेत दिया है कि दस दिन की समय अवधि में कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा की तरफ से किया गया वादा पूरा किया जाएगा. (Sukhvinder government will announce on OPS)

सीएम और डिप्टी सीएम ले सकते फैसला: हिमाचल में इस समय सीएम व डिप्टी सीएम शपथ लेकर अपना कार्यभार संभाल चुके हैं. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि यदि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाता है तो भी सीएम व डिप्टी सीएम मिलकर कैबिनेट के तौर पर फैसला ले सकते हैं. सरकार हर हाल में दस दिन के भीतर ओपीएस बहाली का निर्णय लेगी. (new pension scheme)

न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारियों की जानकारी मांगी: वहीं, सोमवार को सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम के तहत आने वाले कर्मियों का ब्यौरा मांगा है. दस दिन के भीतर ही सीएम व डिप्टी सीएम के समक्ष न्यू पेंशन स्कीम के कर्मचारियों का ब्यौरा और ओल्ड पेंशन स्कीम के रोडमैप पर प्रेजेंटेशन दी जाएगी. वित्त विभाग इसकी तैयारियों में जुटा है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल में कांग्रेस ने वादा किया था कि सत्ता में आने पर राजस्थान व छत्तीसगढ़ की तर्ज पर यहां भी ओपीएस की बहाली की जाएगी.

कर्मचारी ओपीएस पर एकजुट: हिमाचल में कर्मचारियों का वोट सत्ता परिवर्तन में बड़ा प्रभावी फैक्टर है. कर्मचारी वर्ग ओपीएस की मांग पर एकजुट था. यही नहीं, कर्मचारियों ने इसके लिए सोशल मीडिया के माध्यम से अभियान भी चलाया था. जयराम सरकार के समय न्यू पेंशन स्कीम के कर्मचारियों ने आंदोलन किया था. भाजपा ने चुनाव में जाने पर भी ओपीएस को लेकर कोई वादा नहीं किया था. भाजपा के घोषणा पत्र के समय भी इसका कोई जिक्र नहीं था. (Employees unite on OPS in Himachal)

भाजपा को खामियाजा भुगतना पड़ा: ऐसे में चुनाव में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. उधर, कांग्रेस ने ये वादा किया और इसे पूरा करने के लिए भी तत्परता से काम हो रहा है, लेकिन इस मुद्दे पर तकनीकी पेंच भी कम नहीं हैं. एनपीएस के तहत कर्मचारियों की कंट्रीब्यूशन केंद्र सरकार राज्य सरकार को नहीं दे सकती. वो कर्मचारियों को ही मिलेगा. वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने भी कहा था कि केंद्र की मदद से ओपीएस की बहाली होगी. अब देखना है कि कांग्रेस की सुखविंदर सरकार ओपीएस को लेकर प्रियंका वाड्रा का वादे को कैसे पूरा करेगी. (OPS issue defeated BJP)

ये भी पढ़ें : कांगड़ा में प्रियंका गांधी ने भाजपा पर किया प्रहार, कहा- कर्मचारियों की परेशानी से जयराम सरकार को नहीं सरोकार

Last Updated : Dec 13, 2022, 2:48 PM IST
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