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एक साल सुख की सरकार का: सत्ता संभालते ही पूरा किया OPS का वादा, अब डीए और एरियर का इंतजार - हिमाचल सरकार का एक साल

11 दिसंबर को हिमाचल सरकार का एक साल होने जा रहा है. ऐसे में सरकार में आने से पहले कांग्रेस पार्टी ने कुछ गारंटियां दी थी. इनमें सबसे बड़ी गारंटी OPS की थी जो सुक्खू सरकार ने पूरी कर दी है. वहीं, अब विपक्ष कह रहा है कि सरकार ने डीए व एरियर जो बकाया है वो तो कर्मचारियों का अदा नहीं किया है. पढ़ें पूरी खबर...

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (फाइल फोटो).
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 10, 2023, 8:19 PM IST

Updated : Dec 11, 2023, 7:06 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव जीत कर कांग्रेस सत्ता में आई थी. चुनाव पूर्व कांग्रेस ने दस गारंटियां दी थी. उनमें सबसे बड़ी गारंटी ओपीएस यानी ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली की थी. पार्टी की महासचिव प्रियंका वाड्रा ने भी वादा किया था कि सत्ता में आते ही ओपीएस बहाल की जाएगी. चुनाव में विजय पताका फहराने के बाद हाईकमान ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को प्रदेश की सत्ता की कमान सौंपी. मुकेश अग्निहोत्री डिप्टी सीएम बनाए गए. पहली ही कैबिनेट में कांग्रेस सरकार ने ओपीएस की बहाली का ऐलान किया. हिमाचल में सरकारी कर्मचारी सत्ता परिवर्तन में अहम भूमिका निभाते हैं.

चुनाव में ओल्ड पेंशन स्कीम एक बड़ा मुद्दा था. भाजपा ने इस विषय पर कोई बड़ा वादा नहीं किया था. भाजपा सरकार ने एनपीएस में सरकार का शेयर तो बढ़ाया, लेकिन ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली सरकार के एजेंडे में नहीं थी. चुनाव में कर्मचारियों ने खुलकर कांग्रेस का समर्थन किया और इसका फल उन्हें ओपीएस की बहाली के रूप में मिला. पहली कैबिनेट में ओपीएस बहाली का ऐलान करने के बाद मई 2023 में इसकी एसओपी जारी कर दी गई. चार मई को ये एसओपी जारी की गई थी.

अब ओपीएस के तहत आने वाले कर्मचारी रिटायर होने के बाद इसका लाभ ले रहे हैं. हालांकि अभी न के बराबर कर्मचारी रिटायर हुए हैं. कुल मिलाकर 1.36 लाख कर्मचारियों को ये लाभ मिलेगा. हालांकि इसमें राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी नहीं आए हैं. उनकी नाराजगी सरकार को झेलनी पड़ी रही है, लेकिन सुखविंदर सिंह सरकार ने ये गारंटी पूरी कर राज्य की कर्मचारी केंद्रित राजनीति में अपने नाम एक अध्याय लिखवा लिया है.

अब कर्मचारियों को महंगाई भत्ते और नए वेतन आयोग के बकाया एरियर का इंतजार है. अभी सरकार पर 12 फीसदी डीए का बकाया है. एरियर व डीए के बकाया की रकम को जोड़ा जाए तो ये दस हजार करोड़ रुपए से अधिक होता है. विकट आर्थिक स्थितियों में और कर्ज के बोझ के चलते ये देनदारी एकमुश्त देना तो संभव नहीं लग रहा है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी कहते हैं कि आर्थिक गाड़ी धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है. जैसे ही संभव होगा, डीए व एरियर का बकाया कर्मचारियों को अदा किया जाएगा.

वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल कहते हैं कि ओपीएस की बहाली का बोझ तो 2027 में आएगा. सरकार ने डीए व एरियर जो बकाया है वो तो कर्मचारियों का अदा नहीं किया है. बहरहाल कांग्रेस की दस गारंटियों में से जो गारंटी पूरी तरह से धरातल पर उतरी है, वो ओपीएस के रूप में ही है. बाकी गारंटियों को लेकर सुखविंदर सरकार का कहना है कि युवाओं को स्वरोजगार के तहत युवाओं को 680 करोड़ की स्टार्ट अप योजना का पहला चरण शुरू कर दिया गया है. युवाओं को ई-टैक्सी खरीदने के लिए पचास फीसदी अनुदान दिया जाएगा. इसके अलावा तीसरी गारंटी के रूप में प्राइमरी स्कूलों में अगले सेशन से पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करवाई जाएगी. पहले ये वादा चार अंग्रेजी स्कूल खोलने के रूप में था, लेकिन अब सभी प्राइमरी स्कूल इस योजना के दायरे में आएंगे.

ये भी पढ़ें- 1 साल के कार्यकाल पर बोले हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह, भाजपा की तरह जनता को ठगेंगे नहीं, पूरी करेंगे सभी गारंटियां

शिमला: हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव जीत कर कांग्रेस सत्ता में आई थी. चुनाव पूर्व कांग्रेस ने दस गारंटियां दी थी. उनमें सबसे बड़ी गारंटी ओपीएस यानी ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली की थी. पार्टी की महासचिव प्रियंका वाड्रा ने भी वादा किया था कि सत्ता में आते ही ओपीएस बहाल की जाएगी. चुनाव में विजय पताका फहराने के बाद हाईकमान ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को प्रदेश की सत्ता की कमान सौंपी. मुकेश अग्निहोत्री डिप्टी सीएम बनाए गए. पहली ही कैबिनेट में कांग्रेस सरकार ने ओपीएस की बहाली का ऐलान किया. हिमाचल में सरकारी कर्मचारी सत्ता परिवर्तन में अहम भूमिका निभाते हैं.

चुनाव में ओल्ड पेंशन स्कीम एक बड़ा मुद्दा था. भाजपा ने इस विषय पर कोई बड़ा वादा नहीं किया था. भाजपा सरकार ने एनपीएस में सरकार का शेयर तो बढ़ाया, लेकिन ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली सरकार के एजेंडे में नहीं थी. चुनाव में कर्मचारियों ने खुलकर कांग्रेस का समर्थन किया और इसका फल उन्हें ओपीएस की बहाली के रूप में मिला. पहली कैबिनेट में ओपीएस बहाली का ऐलान करने के बाद मई 2023 में इसकी एसओपी जारी कर दी गई. चार मई को ये एसओपी जारी की गई थी.

अब ओपीएस के तहत आने वाले कर्मचारी रिटायर होने के बाद इसका लाभ ले रहे हैं. हालांकि अभी न के बराबर कर्मचारी रिटायर हुए हैं. कुल मिलाकर 1.36 लाख कर्मचारियों को ये लाभ मिलेगा. हालांकि इसमें राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी नहीं आए हैं. उनकी नाराजगी सरकार को झेलनी पड़ी रही है, लेकिन सुखविंदर सिंह सरकार ने ये गारंटी पूरी कर राज्य की कर्मचारी केंद्रित राजनीति में अपने नाम एक अध्याय लिखवा लिया है.

अब कर्मचारियों को महंगाई भत्ते और नए वेतन आयोग के बकाया एरियर का इंतजार है. अभी सरकार पर 12 फीसदी डीए का बकाया है. एरियर व डीए के बकाया की रकम को जोड़ा जाए तो ये दस हजार करोड़ रुपए से अधिक होता है. विकट आर्थिक स्थितियों में और कर्ज के बोझ के चलते ये देनदारी एकमुश्त देना तो संभव नहीं लग रहा है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी कहते हैं कि आर्थिक गाड़ी धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है. जैसे ही संभव होगा, डीए व एरियर का बकाया कर्मचारियों को अदा किया जाएगा.

वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल कहते हैं कि ओपीएस की बहाली का बोझ तो 2027 में आएगा. सरकार ने डीए व एरियर जो बकाया है वो तो कर्मचारियों का अदा नहीं किया है. बहरहाल कांग्रेस की दस गारंटियों में से जो गारंटी पूरी तरह से धरातल पर उतरी है, वो ओपीएस के रूप में ही है. बाकी गारंटियों को लेकर सुखविंदर सरकार का कहना है कि युवाओं को स्वरोजगार के तहत युवाओं को 680 करोड़ की स्टार्ट अप योजना का पहला चरण शुरू कर दिया गया है. युवाओं को ई-टैक्सी खरीदने के लिए पचास फीसदी अनुदान दिया जाएगा. इसके अलावा तीसरी गारंटी के रूप में प्राइमरी स्कूलों में अगले सेशन से पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करवाई जाएगी. पहले ये वादा चार अंग्रेजी स्कूल खोलने के रूप में था, लेकिन अब सभी प्राइमरी स्कूल इस योजना के दायरे में आएंगे.

ये भी पढ़ें- 1 साल के कार्यकाल पर बोले हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह, भाजपा की तरह जनता को ठगेंगे नहीं, पूरी करेंगे सभी गारंटियां

Last Updated : Dec 11, 2023, 7:06 AM IST
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