शिमला: अब अगर किसी का पशु बीमार है तो एक फोन पर ही पशु चिकित्सक उसका इलाज करने अब घर पहुंचेंगे. हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार इसके लिए 'संजीवनी' मोबाइल पशु चिकित्सा क्लिनिक सेवा परियोजना शुरू करने जा रही है. ये क्लीनिक किसानों के घर-द्वार पर पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराएगी.
हिमाचल की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन एक प्रमुख व्यवसाय है. प्रदेश में पशुओं की कुल आबादी करीब 44.10 लाख है. प्रत्येक ग्रामीण परिवार पशुपालन के काम से किसी न किसी तरह से जुड़ा है. पशुओं की समय पर उचित देखभाल और पशुपालकों की आजीविका में वृद्धि हो, इस मकसद से प्रदेश सरकार मोबाइल पशु चिकित्सा सेवाएं शुरू करने जा रही है. इसके माध्यम से राज्य सरकार पशुओं को समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित करेगी. बीमार पशुओं को पशु अस्पताल ले जाने और गुणवत्तापूर्ण दवाओं का लाभ उठाने के अतिरिक्त खर्चों से किसानों को बचाया जाएगा. इसके लिए प्रदेश में 'संजीवनी' परियोजना आरंभ की जा रही है.
पशुपालन विभाग दे रहा है कई सेवाएं: हिमाचल में पशुओं के लिए कृत्रिम गर्भाधान, दवाएं, टीकाकरण, सर्जरी, बांझपन परीक्षण इत्यादि पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. इनका लाभ उठाने या उचित स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने के लिए पशुपालकों को अपने पशुओं को लेकर समीप के पशु अस्पतालों में ले जाना पड़ता है. इससे यात्रा और परिवहन पर अतिरिक्त खर्च होता है. कई बार समय पर इलाज के अभाव में बीमार पशु दम तोड़ देते हैं. यही वजह है कि मोबाइल पशु चिकित्सा क्लिनिक सेवा- संजीवनी परियोजना राज्य में शुरू की जा रही है. ये क्लीनिक किसानों के घर-द्वार पर पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराएगी.
पशुपालन विभाग ने इसके लिए 'संजीवनी' परियोजना के लिए इंडसइंड बैंक की सहायक कंपनी भारत फाइनेंशियल इन्क्लूजन लिमिटेड (बीएफआईएल) के साथ एक एमओयू पर साइन किए हैं. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम-पशुपालन विभाग-मोबाइल पशु चिकित्सा वैन (एनएडीसीपी- एएचडी-एमवीयू) के तहत 'संजीवनी' परियोजना चलाई जाएंगी. इसके तहत मोबाइल क्लीनिक घर-घर जाकर पशुओं की देखभाल सुविधा सुनिश्चित करेगी और इससे विभिन्न पशु चिकित्सा सेवाएं सिर्फ एक फोन कॉल पर उपलब्ध करवाई जाएंगी.
निदेशालय स्तर पर स्थापित होगा इंटीग्रेटेड कॉल सेंटर: इसके तहत पशुधन स्वास्थ्य देखभाल और टीकाकरण कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न मामलों के लिए निदेशालय स्तर पर इंटीग्रेटिड कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा. यह सेंटर पशुपालकों को टेली-मेडिकल-परामर्श, सरकारी योजनाओं की जानकारी, विशेष रूप से पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम, शिकायत निवारण, प्रश्न-समाधान आदि जैसे विभिन्न पहलुओं पर व्यक्तिगत सहायता प्रदान करेगा. इसके तहत प्रदेश के 12 जिलों में स्थित ब्लाकों में किसानों को सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी.
राज्य के इस कॉल सेंटर को 44 मोबाइल पशु चिकित्सा एंबुलेंस के साथ जोड़ा जाएगा. कॉल सेंटर मोबाइल पशु चिकित्सा क्लीनिक वाहन और कार्यरत पशुधन क्लीनिक के बीच समन्वय सुनिश्चित करेगा. इससे पशु अस्पतालों तक जाने और बीमार पशुओं के लिए गुणवत्तापूर्ण दवाओं पर आने वाले अतिरिक्त खर्च व समय बचा जा सकेगा. पशु चिकित्सा सेवाओं में उपचारात्मक सेवाएं, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, देखभाल और पशुपालन से संबंधित सभी जानकारी घर-द्वार पर उपलब्ध होंगी.
यह प्लेटफॉर्म मोबाइल फोन एप्लिकेशन के माध्यम से पशु चिकित्सकों और किसानों को आपस में जोड़ेगा. मोबाइल ऐप सेवा निर्धारित दवाओं और पशुओं की बीमारियों से संबंधित डेटा की दक्षता को भी ट्रैक करेगा. पशु चिकित्सा सेवाओं के अलावा किसानों को उनके पशुओं के लिए पोषण देखभाल पर भी मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा.माना जा रहा है कि 'संजीवनी' परियोजना पशुपालकों की आजीविका को सशक्त बनाने की दिशा में एक किसान-हितैषी पहल साबित होगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन को सुविधाजनक और गुणवत्तापूर्ण देखभाल सुनिश्चित होगी. विशेष तौर पर छोटे डेयरी किसानों को घर-द्वार पर पूरी पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में यह एक बड़ा कदम साबित होगा.
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