शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सरकार आर्थिक संकट से गुजर रही है. राज्य सरकार पर कर्मचारियों की देनदारियां बढ़ती जा रही हैं. संशोधित वेतनमान का करीब 10 हजार करोड़ एरियर के तौर पर कर्मचारियों को देना है. जबकि महंगाई भत्ते की किस्तें भी देय हैं. राज्य सरकार ने संशोधित वेतनमान के एरियर अभी जारी नहीं कर पाई है. जबकि महंगाई की दो किस्तें भी पेंडिंग पड़ी हैं. उधर कर्मचारी दीवाली पर सरकार से डीए मिलने की उम्मीद लगाए हुए हैं.
हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी सुखविंदर सिंह सरकार से लंबित वित्तीय लाभ की उम्मीद कर रहे हैं. दरअसल प्रदेश के कर्मचारियों का संशोधित वेतन मान का करीब 10 हजार करोड़ रुपए पेंडिंग हैं. राज्य में संशोधित वेतनमान जनवरी 2022 में लागू किया गया है जबकि यह 2016 से देय हैं. इस तरह इस बीच की अवधि का वेतनमान का एरियर राज्य सरकार को देना है. एक कर्मचारी का औसतन तीन से चार लाख रुपए एरियर बन रहा है. संशोधित वेतनमान के एरियर की पूर्व सरकार कुछ राशि कर्मचारियों को जारी की थी, इसमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 60 हजार रुपए जबकि अन्य कर्मचारियों को 50 हजार रुपए जारी किए थे, लेकिन बाकी एरियर अभी भी पेडिंग हैं. जो की करीब 10 हजार करोड़ के आसपास बन रहा है. कर्मचारी अब इसकी मांग करने लगे हैं,
महंगाई भत्ते की किस्तें भी पेडिंग: प्रदेश के कर्मचारियों की महंगाई भत्ते की किस्तें पेंडिंग हैं. मौजूदा सरकार ने केवल एक किस्त इस साल अप्रैल में जारी की थी. सीएम सुखविंदर सुक्खू ने प्रदेश के कर्मचारियों और रिटायर्ड कर्मचारियों को तीन फीसदी महंगाई भत्ता (डीए) जारी किया गया था. इसके बाद हिमाचल में डीए 31 फीसदी से बढ़कर 34 फीसदी हो गया था. दरअसल यह डीए 1 जनवरी 2022 से देय था, लेकिन केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को 42 फीसदी डीए दे रही है. इस तरह हिमाचल के कर्मचारियों का 8 फीसदी डीए पेंडिंग हैं, जिसमें जुलाई 2022 की 4 फीसदी और जनवरी 2023 का 4 फीसदी डीए शामिल है. वहीं केंद्रीय कर्मचारियों को जुलाई 2023 का डीए कभी भी केंद्र सरकार घोषित कर सकती है. अगर यह अभी होता है तो हिमाचल में कर्मचारियों के डीए की तीन किस्तें पेडिंग पड़ जाएंगी.
प्रदेश में आपदा से आर्थिक संकट बढ़ा: प्रदेश में आय के साधन कम हैं, जिससे राज्य की आर्थिक हालात सही नहीं है और सरकार कर्ज पर ही निर्भर है. वहीं मानसून में आई आपदा के बाद आर्थिक स्थिति और खराब हो गई है. प्रदेश में करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान इस आपदा से हुआ है. सरकार ने अपनी ओर से 4500 करोड़ का आर्थिक पैकेज प्रभावितों के लिए घोषित किया है, ऐसे में जहां एक ओर से सरकार को रोजमर्रा का कामकाज चलाना है. वहीं प्रभावितों की मदद भी करनी है. यही वजह है कि प्रदेश सरकार फिर से 1000 करोड़ का कर्ज ले रही है. इससे पहले भारी आपदा के बीच बीते सितंबर माह में सरकार ने 500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. यही नहीं राज्य सरकार ने जून और जुलाई माह की अवधि के बीच 2,000 करोड़ रुपए कर्ज लिया था. वहीं 1000 करोड़ के नए कर्ज लेने के साथ ही हिमाचल पर कर्ज 77,630 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा.
क्या कहते हैं कर्मचारी: हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के राज्य संयोजक एलडी चौहान ने कहा है कि कर्मचारियों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री डीए की किस्त जल्द जारी करेंगे. कर्मचारियों को आस है कि मुख्यमंत्री दीवाली पर डीए की किस्त देने का ऐलान करेंगे.