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IGMC में बिना चीर फाड़ के हुई सर्जरी, टांग के रास्ते डाला गया स्टंट

आईजीएमसी में बिना चीर फाड़ के सर्जरी हुई. इस दौरान मरीज को टांगों के रास्ते से स्टंट डाला गया. मरीज की सर्जरी बिना चीर फाड़ के की गई. इस दौरान मरीज को टांगों के रास्ते स्टंट डाला गया और नस को बंद किया गया.

Successful surgery of patient in IGMC without tearing
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Published : Feb 26, 2021, 8:02 PM IST

शिमलाः आईजीएमसी शिमला में एक दिल के मरीज की सर्जरी बिना चीर फाड़ के हुई. जानकारी अनुसार 66 वर्षीय मरीज शिमला के रोहड़ू का रहने वाला है और पेशे से किसान हैं. मरीज को पहली बार परक्यूटेनियस रूट से ग्राफ्ट स्टंट डाले गए, जिससे कि मरीज की जान बची. गौर है कि प्रदेश में पहली बार ऐसी सर्जरी की गई है.

बताते चलें कि बीते साल 31 दिसंबर को मरीज पेट में दर्द होने के चलते आईजीएमसी आया था. 5 दिनों के बाद मरीज की सर्जरी की गई, लेकिन इसके बाद मरीज के पेट की नस दरार आने की वजह से फूल गई. नस फूलने से मरीज की जान को खतरा पैदा हो गया था. इसलिए इसका इलाज बिना चीर फाड़ के कार्डियोलॉजी विभाग में कार्यरत डॉ. राजीव मारवाह ने किया, जिसके बाद मरीज की जान बची.

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बिना चीर फाड़ से टांग से डाला गया स्टंट

मरीज की सर्जरी बिना चीर फाड़ के की गई. इस दौरान मरीज को टांगों के रास्ते स्टंट डाला गया और नस को बंद किया गया. इस सर्जरी में डॉ. मरवाह के साथ डॉ. असोत्रा, डॉ राजेश शर्मा, डॉ. बाबू राम, डॉ. राहुल, टेक्नीशियन राजेश कौशिक और नर्स ज्योति और आशिमा भी मौजूद रहे.

विधायक नरेंद्र बरागटा ने की मरीज की मदद

मरीज काफी गरीब परिवार से संबंध रखता है. हालांकि मरीज हिमकेयर योजना से भी जुड़ा था पर मरीज के पास हिमकेयर कार्ड में इतनी राशि नहीं थी कि इस इलाज को कर सकें. गौर रहे कि इस इलाज में लगभग 5 लाख रुपये का खर्चा आना था, लेकिन मरीज के पास कार्ड में केवल 1.50 लाख ही शेष था. इसलिए मरीज के ऑपरेशन में जुबल कोटखाई के विधायक नरेंद्र बरागटा ने मदद की.

ये भी पढ़ेंः- नाहन में ABVP का प्रदर्शन, सीयू के रजिस्ट्रार को बर्खास्त करने की मांग

ये भी पढ़ें: कबड्डी खिलाड़ी ने लगाए कई बड़े आरोप, कहा: एक पदाधिकारी के बेटे का बिना मैच खेले ही स्टेट टूर्नामेंट में हुआ चयन

शिमलाः आईजीएमसी शिमला में एक दिल के मरीज की सर्जरी बिना चीर फाड़ के हुई. जानकारी अनुसार 66 वर्षीय मरीज शिमला के रोहड़ू का रहने वाला है और पेशे से किसान हैं. मरीज को पहली बार परक्यूटेनियस रूट से ग्राफ्ट स्टंट डाले गए, जिससे कि मरीज की जान बची. गौर है कि प्रदेश में पहली बार ऐसी सर्जरी की गई है.

बताते चलें कि बीते साल 31 दिसंबर को मरीज पेट में दर्द होने के चलते आईजीएमसी आया था. 5 दिनों के बाद मरीज की सर्जरी की गई, लेकिन इसके बाद मरीज के पेट की नस दरार आने की वजह से फूल गई. नस फूलने से मरीज की जान को खतरा पैदा हो गया था. इसलिए इसका इलाज बिना चीर फाड़ के कार्डियोलॉजी विभाग में कार्यरत डॉ. राजीव मारवाह ने किया, जिसके बाद मरीज की जान बची.

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बिना चीर फाड़ से टांग से डाला गया स्टंट

मरीज की सर्जरी बिना चीर फाड़ के की गई. इस दौरान मरीज को टांगों के रास्ते स्टंट डाला गया और नस को बंद किया गया. इस सर्जरी में डॉ. मरवाह के साथ डॉ. असोत्रा, डॉ राजेश शर्मा, डॉ. बाबू राम, डॉ. राहुल, टेक्नीशियन राजेश कौशिक और नर्स ज्योति और आशिमा भी मौजूद रहे.

विधायक नरेंद्र बरागटा ने की मरीज की मदद

मरीज काफी गरीब परिवार से संबंध रखता है. हालांकि मरीज हिमकेयर योजना से भी जुड़ा था पर मरीज के पास हिमकेयर कार्ड में इतनी राशि नहीं थी कि इस इलाज को कर सकें. गौर रहे कि इस इलाज में लगभग 5 लाख रुपये का खर्चा आना था, लेकिन मरीज के पास कार्ड में केवल 1.50 लाख ही शेष था. इसलिए मरीज के ऑपरेशन में जुबल कोटखाई के विधायक नरेंद्र बरागटा ने मदद की.

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