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शिक्षा विभाग ने नकारे निजी स्कूल्स से मिलीभगत के आरोप, फीस बढ़ोतरी पर छात्र-अभिभावक मंच का प्रदर्शन - शिमला ताजा खबर

शिमला में छात्र-अभिभावक मंच ने निजी स्कूल्स की मनमानी के खिलाफ तीसरे चरण का आंदोलन शुरू कर दिया है. मंच ने शिक्षा विभाग पर निजी स्कूल्स को संरक्षण देने का आरोप लगाया है.

फाइल फोटो
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Published : Jun 19, 2019, 6:30 PM IST

Updated : Jun 20, 2019, 10:51 AM IST

शिमला: निजी स्कूल्स की मनमानी के खिलाफ तीसरे चरण का आंदोलन छात्र-अभिभावक मंच ने शुरू कर दिया है. आंदोलन की रणनीति के तहत बुधवार को छात्र-अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशालय का घेराव कर धरना प्रदर्शन किया. शिक्षा निदेशक से मिलकर 24 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया. प्रदर्शन के दौरान मंच ने शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मंच ने प्रदर्शन के माध्यम से शिक्षा विभाग के निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई.

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा विभाग ने निजी स्कूलों की मनमानी और भारी फीसों पर अंकुश लगाने के लिए तीन अधिसूचनाएं जारी की थीं. इसके साथ ही निजी स्कूलों के निरीक्षण के लिए कमेटियां बनाई गई थीं. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर 96 निजी स्कूल्स को फीस कम करने के लिए शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी किया था, लेकिन निजी स्कूल्स ने शिक्षा विभाग के निर्देशों का पालन नहीं किया है.

प्रदर्शन करता छात्र-अभिभावक मंच

चार महीने बीत जाने के बाद भी निजी स्कूल्स पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग अपने दिए हुए निर्देशों का अनुपालन निजी स्कूल्स से नहीं करवा पा रहा है. विजेंद्र मेहरा ने कहा कि इससे साफ होता है कि शिक्षा विभाग निजी स्कूल्स का संरक्षण कर रहा है.

छात्र-अभिभावक मंच ने सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर निजी स्कूलों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है. मंच शिक्षा सचिव के बाद अब शिक्षा मंत्री से भी अपनी मांगों को लेकर मिलेंगे, जिसमें निजी स्कूल्स की भारी फीसों में कमी, निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों पर कार्रवाई करना और इन स्कूलों के संचालन के लिए तय नियम बनाना शामिल रहेगा.

डॉ.अमरजीत शर्मा

वहीं, शिक्षा निदेशक डॉ.अमरजीत शर्मा ने शिक्षा विभाग की निजी स्कूल्स से मिलीभगत को नकारा है. उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों ने फिस में 10 प्रतिशत या इससे अधिक की बढ़ोतरी कि है. ऐसे स्कूल बढ़ाई गई फिस को अगली इंस्टॉलमेंट में एडस्ट करेंगे, जिसके लिए स्कूल्स ने शिक्षा विभाग से चार से पांच महीनों का समया मांगा है.

शिमला: निजी स्कूल्स की मनमानी के खिलाफ तीसरे चरण का आंदोलन छात्र-अभिभावक मंच ने शुरू कर दिया है. आंदोलन की रणनीति के तहत बुधवार को छात्र-अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशालय का घेराव कर धरना प्रदर्शन किया. शिक्षा निदेशक से मिलकर 24 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया. प्रदर्शन के दौरान मंच ने शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मंच ने प्रदर्शन के माध्यम से शिक्षा विभाग के निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई.

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा विभाग ने निजी स्कूलों की मनमानी और भारी फीसों पर अंकुश लगाने के लिए तीन अधिसूचनाएं जारी की थीं. इसके साथ ही निजी स्कूलों के निरीक्षण के लिए कमेटियां बनाई गई थीं. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर 96 निजी स्कूल्स को फीस कम करने के लिए शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी किया था, लेकिन निजी स्कूल्स ने शिक्षा विभाग के निर्देशों का पालन नहीं किया है.

प्रदर्शन करता छात्र-अभिभावक मंच

चार महीने बीत जाने के बाद भी निजी स्कूल्स पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग अपने दिए हुए निर्देशों का अनुपालन निजी स्कूल्स से नहीं करवा पा रहा है. विजेंद्र मेहरा ने कहा कि इससे साफ होता है कि शिक्षा विभाग निजी स्कूल्स का संरक्षण कर रहा है.

छात्र-अभिभावक मंच ने सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर निजी स्कूलों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है. मंच शिक्षा सचिव के बाद अब शिक्षा मंत्री से भी अपनी मांगों को लेकर मिलेंगे, जिसमें निजी स्कूल्स की भारी फीसों में कमी, निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों पर कार्रवाई करना और इन स्कूलों के संचालन के लिए तय नियम बनाना शामिल रहेगा.

डॉ.अमरजीत शर्मा

वहीं, शिक्षा निदेशक डॉ.अमरजीत शर्मा ने शिक्षा विभाग की निजी स्कूल्स से मिलीभगत को नकारा है. उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों ने फिस में 10 प्रतिशत या इससे अधिक की बढ़ोतरी कि है. ऐसे स्कूल बढ़ाई गई फिस को अगली इंस्टॉलमेंट में एडस्ट करेंगे, जिसके लिए स्कूल्स ने शिक्षा विभाग से चार से पांच महीनों का समया मांगा है.

Intro:निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ तीसरे चरण का आंदोलन छात्र अभिभावक मंच ने शुरू किया है। इस आंदोलन की रणनीति के तहत ही बुधवार को छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशालय का घेराव किया और वहां धरना प्रदर्शन किया ओर निदेशक से मिल कर 24 सूत्रीय मांग पत्र उन्हें सौंपा। प्रदर्शन के दौरान मंच ने शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मंच ने इस प्रदर्शन के माध्यम से शिक्षा विभाग से निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा विभाग ने निजी स्कूलों की मनमानी पर ओर भारी फीसों पर अंकुश लगाने के लिए तीन अधिसूचनाएं जारी की थी। इसके साथ ही निजी स्कूलों के निरीक्षण के लिए भी जो निरीक्षण कमेटियां बनाई गई थी उनकी रिपोर्ट के आधार पर 96 निजी स्कूलों को फीस कम करने को लेकर नोटिस भी शिक्षा विभाग ने जारी किए है लेकिन निजी स्कूल उसकी भी अनुपालना नहीं कर रहे है।


Body:उन्होंने कहा कि चार माह का समय बीतने के बाद भी निजी स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इसी से स्पष्ट होता है कि शिक्षा विभाग के आदेशों की अनदेखी निजी स्कूल कर रहे है और शिक्षा विभाग अपने जारी आदेशों की अनुपालना ही इन निजी स्कूलों से नहीं करवा पा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग तो निजी स्कूलों का सही आंकड़ा भी छुपा रहा है जिससे यह साफ है कि कई निजी स्कूलों को संरक्षण दिया जा रहा है। करोड़ो का मुनाफा यह निजी स्कूल कमा रहे है लेकिन इन पर नकेल शिक्षा विभाग नहीं लगा पा रहा है।


Conclusion:विजेंद्र मेहरा ने सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर निजी स्कूलों को संरक्षण देने का आरोप लगाया ओर कहा कि यही वजह है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी अपनी ही अधिसूचना को लागू करवाने में रुचि नहीं दिखा रहे है। उन्होंने शिक्षा सचिव के बाद अब शिक्षा मंत्री से भी वह अपनी इन मांगों को लेकर मिलेंगे,जिसमें निजी स्कूलों की भारी फीसों में कमी, निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों पर कार्रवाई करना और इन स्कूलों के संचालन के लिए तय नियम बनाना शामिल रहेगा। निजी स्कूलों को उनकी मनमानी नहीं करने दी जाएगी और अपने आंदोलन के तहत 24 घंटे का धरना प्रदर्शन शिक्षा निदेशालय में किया जाएगा। वहीं शिक्षा निदेशक डॉ.अमरजीत शर्मा ने कहा कि शिक्षा विभाग को निजी स्कूलों से मिलीभगत करने से कुछ नहीं मिलेगा ना ही ऐसा कुछ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा की 96 ऐसे स्कूलों को शिक्षा विभाग की ओर से फीस कम कर बढ़ाई गई फ़ीस को अगली इंस्टालमेंट में काटने के निर्देश जारी किए थे जिन्होंने 10 फीसदी या इससे अधिक फ़ीस बढ़ाई है। इस प्रक्रिया के लिए 4 से 5 माह का समय स्कूलों ने मांगा है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों के खिलाफ इतनी कार्रवाई की है।
Last Updated : Jun 20, 2019, 10:51 AM IST
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