शिमला: निजी स्कूल्स की मनमानी के खिलाफ तीसरे चरण का आंदोलन छात्र-अभिभावक मंच ने शुरू कर दिया है. आंदोलन की रणनीति के तहत बुधवार को छात्र-अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशालय का घेराव कर धरना प्रदर्शन किया. शिक्षा निदेशक से मिलकर 24 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया. प्रदर्शन के दौरान मंच ने शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मंच ने प्रदर्शन के माध्यम से शिक्षा विभाग के निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई.
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा विभाग ने निजी स्कूलों की मनमानी और भारी फीसों पर अंकुश लगाने के लिए तीन अधिसूचनाएं जारी की थीं. इसके साथ ही निजी स्कूलों के निरीक्षण के लिए कमेटियां बनाई गई थीं. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर 96 निजी स्कूल्स को फीस कम करने के लिए शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी किया था, लेकिन निजी स्कूल्स ने शिक्षा विभाग के निर्देशों का पालन नहीं किया है.
चार महीने बीत जाने के बाद भी निजी स्कूल्स पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग अपने दिए हुए निर्देशों का अनुपालन निजी स्कूल्स से नहीं करवा पा रहा है. विजेंद्र मेहरा ने कहा कि इससे साफ होता है कि शिक्षा विभाग निजी स्कूल्स का संरक्षण कर रहा है.
छात्र-अभिभावक मंच ने सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर निजी स्कूलों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है. मंच शिक्षा सचिव के बाद अब शिक्षा मंत्री से भी अपनी मांगों को लेकर मिलेंगे, जिसमें निजी स्कूल्स की भारी फीसों में कमी, निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों पर कार्रवाई करना और इन स्कूलों के संचालन के लिए तय नियम बनाना शामिल रहेगा.
वहीं, शिक्षा निदेशक डॉ.अमरजीत शर्मा ने शिक्षा विभाग की निजी स्कूल्स से मिलीभगत को नकारा है. उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों ने फिस में 10 प्रतिशत या इससे अधिक की बढ़ोतरी कि है. ऐसे स्कूल बढ़ाई गई फिस को अगली इंस्टॉलमेंट में एडस्ट करेंगे, जिसके लिए स्कूल्स ने शिक्षा विभाग से चार से पांच महीनों का समया मांगा है.