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शिक्षा निदेशक से मिला छात्र अभिभावक मंच, निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की उठाई मांग - शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश

छात्र अभिभावक मंच के एक प्रतिनिधिमंडल ने उच्चतर शिक्षा निदेशक से शिमला में मुलाकात की और और अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन शिक्षा मंत्री को भेजा. छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि सरकार और विभाग की ओर से यह निर्देश जारी किए गए थे कि निजी स्कूल मात्र ट्यूशन फीस ही वसूल सकेंगे.

छात्र अभिभावक मंच
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Published : Jul 20, 2020, 4:12 PM IST

शिमला: कोरोना के इस संकट के बीच भी निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावक लगातार परेशान हैं. निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने और केवल ट्यूशन फीस वसूली के आदेश को लागू करवाने व सभी तरह के चार्जेज पर रोक लगाने की मांग को लेकर छात्र अभिभावक मंच के एक प्रतिनिधिमंडल ने उच्चतर शिक्षा निदेशक से मुलाकात की और अपनी मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया.

ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने यह मांग की है कि शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों को जो आदेश जारी किए गए हैं, उन आदेशों का पालन भी विभाग करवाएं. मंच ने मांग की है कि सभी स्कूलों को उनकी फीस बुकलेट जारी करने के आदेश जारी किए जाएं.

छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि सरकार और विभाग की ओर से यह निर्देश जारी किए गए थे कि निजी स्कूल मात्र ट्यूशन फीस ही वसूल सकेंगे. यह ट्यूशन फीस भी वर्ष 2019 की तर्ज पर ही निजी स्कूलों को लेनी थी, लेकिन स्थिति इन आदेशों के बिल्कुल विपरीत ही है.

स्कूल जहां ट्यूशन फीस बढ़ाई गई दरों के साथ वसूल रहे हैं, तो वहीं कुछ स्कूल ऐसे भी हैं, जिन्होंने ट्यूशन फीस के साथ ही अन्य फंड भी अभिभावकों से वसूल ली है. अब जब अभिभावक इसका विरोध जता रहे हैं, तो भी स्कूल अतिरिक्त ली गईं फीस को ना तो आगामी फीस के साथ एडजस्ट कर रहे हैं और ना ही उसे वापस लौटा रहे हैं.

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि निजी स्कूलों ने जो रिकॉर्ड शिक्षा विभाग के पास पेश किया है, वह गलत है और इन स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए. शिमला में भी जिन स्कूलों की इंस्पेक्शन नहीं हुई है. उनकी इंस्पेक्शन भी जल्द की जानी चाहिए और उनके रिकॉर्ड विभाग को अपने कब्जे में लेना चाहिए.

वहीं, जिन स्कूलों ने अभिभावकों से अतिरिक्त फीस वसूली है और अब उसे एडजस्ट करने में आनाकानी कर रहे हैं. उन स्कूलों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशक के समक्ष मांग रखी कि शिक्षा विभाग मात्र स्कूलों को आदेश देने तक ही सीमित ना रहे बल्कि उन आदेशों को लागू भी करवाएं. वहीं, जो स्कूल अभी भी अपनी मनमानी कर रहे हैं और अभिभावकों को प्रताड़ित कर रहे हैं. उन स्कूलों पर विभाग की ओर से कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

अगर शिक्षा विभाग अभी भी छात्र अभिभावक मंच की ओर से दी गई शिकायतों पर गौर नहीं करता है और निजी स्कूलों पर कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाती है, साथ ही जो आदेश निजी स्कूलों को जारी किए गए हैं, उन्हें लागू नहीं करवाया जाता है तो विभाग को छात्र अभिभावक मंच के उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा.

पढ़ें: शिमला में आज कोरोना के कुल 22 नए मामले आए सामने, जिला में 47 एक्टिव केस

शिमला: कोरोना के इस संकट के बीच भी निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावक लगातार परेशान हैं. निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने और केवल ट्यूशन फीस वसूली के आदेश को लागू करवाने व सभी तरह के चार्जेज पर रोक लगाने की मांग को लेकर छात्र अभिभावक मंच के एक प्रतिनिधिमंडल ने उच्चतर शिक्षा निदेशक से मुलाकात की और अपनी मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया.

ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने यह मांग की है कि शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों को जो आदेश जारी किए गए हैं, उन आदेशों का पालन भी विभाग करवाएं. मंच ने मांग की है कि सभी स्कूलों को उनकी फीस बुकलेट जारी करने के आदेश जारी किए जाएं.

छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि सरकार और विभाग की ओर से यह निर्देश जारी किए गए थे कि निजी स्कूल मात्र ट्यूशन फीस ही वसूल सकेंगे. यह ट्यूशन फीस भी वर्ष 2019 की तर्ज पर ही निजी स्कूलों को लेनी थी, लेकिन स्थिति इन आदेशों के बिल्कुल विपरीत ही है.

स्कूल जहां ट्यूशन फीस बढ़ाई गई दरों के साथ वसूल रहे हैं, तो वहीं कुछ स्कूल ऐसे भी हैं, जिन्होंने ट्यूशन फीस के साथ ही अन्य फंड भी अभिभावकों से वसूल ली है. अब जब अभिभावक इसका विरोध जता रहे हैं, तो भी स्कूल अतिरिक्त ली गईं फीस को ना तो आगामी फीस के साथ एडजस्ट कर रहे हैं और ना ही उसे वापस लौटा रहे हैं.

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि निजी स्कूलों ने जो रिकॉर्ड शिक्षा विभाग के पास पेश किया है, वह गलत है और इन स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए. शिमला में भी जिन स्कूलों की इंस्पेक्शन नहीं हुई है. उनकी इंस्पेक्शन भी जल्द की जानी चाहिए और उनके रिकॉर्ड विभाग को अपने कब्जे में लेना चाहिए.

वहीं, जिन स्कूलों ने अभिभावकों से अतिरिक्त फीस वसूली है और अब उसे एडजस्ट करने में आनाकानी कर रहे हैं. उन स्कूलों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशक के समक्ष मांग रखी कि शिक्षा विभाग मात्र स्कूलों को आदेश देने तक ही सीमित ना रहे बल्कि उन आदेशों को लागू भी करवाएं. वहीं, जो स्कूल अभी भी अपनी मनमानी कर रहे हैं और अभिभावकों को प्रताड़ित कर रहे हैं. उन स्कूलों पर विभाग की ओर से कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

अगर शिक्षा विभाग अभी भी छात्र अभिभावक मंच की ओर से दी गई शिकायतों पर गौर नहीं करता है और निजी स्कूलों पर कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाती है, साथ ही जो आदेश निजी स्कूलों को जारी किए गए हैं, उन्हें लागू नहीं करवाया जाता है तो विभाग को छात्र अभिभावक मंच के उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा.

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