शिमला: कोरोना काल में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में तैनात कर्मियों के वेतन कटौती और कर्मियों को निकालने के खिलाफ यूनियन की ओर से जल निगम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया. साथ ही कर्मियों को पूरा वेतन न देने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी.
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में तैनात कर्मियों का कहना है कि एक तरफ सरकार कोरोना काल मे किसी का भी वेतन न काटने की बात कर रहा है. वहीं, जल निगम ने कई कर्मियों के वेतन काट दिया है जोकि सरकार के ही आदेशों की अवहेलना है.
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट यूनियन के सचिव मनोज ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कुछ कर्मी ड्यूटी पर नहीं पहुंच सके और जल निगम ने वेतन काट दिया है. इसके अलावा दो कर्मियों को नौकरी से भी निकाल दिया है.
कर्मियों को जल निगम ने कोई सेफ्टी किट तक नहीं दी है और न ही छुट्टियों का कोई प्रवाधान किया गया है. जैसे ही कर्मी छुट्टी पर जाते हैं, तो उनका वेतन में भी काट दिया जाता है.
जबकि कर्मियों ने कोरोना संकटकाल में भी दिनरात अपनी सेवाएं दी हैं, लेकिन जल निगम की ओर से उन्हें किसी तरह की राहत नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि जल निगम को मांगो का ज्ञापन सौंपा गया है और यदि मांगे नहीं मानी जाती हैं, तो कर्मी काम बंद कर उग्र आंदोलन शुरू करेंगे.
बता दें कि जल प्रबधंन निगम के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में 200 के करीब कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मी तैनात हैं और कोरोना काल मे भी सेवाएं दे रहे थे, लेकिन कई कर्मी लॉकडाउन के चलते ड्यूटी पर नहीं पहुंच सके, जिसके चलते जल निगम ने वेतन में कटौती कर दी है.
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