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हिमाचल में घरों की छतों से वर्षा जल संग्रहण होगा अनिवार्य, इजरायली तकनीक से बनाए जाएंगे टैंक

सरकार ने किसानों की फसल को ओलावृष्टि से बचाने के लिए अच्छी गुणवत्ता की एन्टी हेलनैट लगाने का भी फैसला लिया है. हेलनैट में उपयोग होने वाले धागे की गुणवत्ता 0.28 एमएम का होनी चाहिए जबकि प्रदेश के किसानों को 0.12 एमएम धागे से बना हुआ नेट दिया जा रहा है. सरकार ने इजराइल की कंपनी से 23 रुपये स्केर मीटर के हिसाब से नेट की मांग की है जबकि अभी हिमाचल में 38 से 40 रुपए स्केर मीटर के हिसाब से किसानों को 0.12 एमएम धागे से बना हुआ नेट दिया जाता है, जबकि उसकी गुणवत्ता सही नहीं है.

महेंद्र सिंह ठाकुर, IPH मंत्री
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Published : Jul 29, 2019, 5:42 PM IST

शिमला: हिमाचल सरकार ने हर घर नल उपलब्ध कराने को काम शुरू कर दिया है. इसके लिए जल शक्ति प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू किया गया है, लेकिन साथ ही अब आने वाले दिनों में घरों की छतों से वर्षा जल संग्रहण भी अनिवार्य होगा. वर्षा जल संग्रहण के लिए इजरायली तकनीक से तैयार टैंक का प्रयोग किया जाएगा. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और मंत्री महेंद्र सिंह की उपस्थिति एक कंपनी प्रेजेंटेशन भी दे चुकी है. प्रेजेंटेशन के बाद इजरायली तकनीक से तैयार यह टैंक मुख्यमंत्री आवास के बाहर रखा गया है.

वर्षा जल संग्रहण से किसान इस पानी का प्रयोग फसलों की सिंचाई कर सकेंगे. 25 हजार लीटर के फ्लैक्सी टैंक की कीमत 19 हजार रुपये है, जबकि अभी 25 हजार लीटर के टैंक बनाने के लिए सरकार को अढ़ाई से तीन लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इसी तरह 50 हजार लीटर के फ्लैक्सी टैंक की 35 हजार रुपये है. किसानों को 4 लाख लीटर तक के फ्लैक्सी टैंक मुहैया करवाये जाएंगे. सरकार मामले को कैबिनेट में लाएगी और किसानों को इस पर सब्सिडी देने पर भी सरकार विचार कर रही है.

महेंद्र सिंह ठाकुर, IPH मंत्री

सरकार ने किसानों की फसल को ओलावृष्टि से बचाने के लिए अच्छी गुणवत्ता की एन्टी हेलनैट लगाने का भी फैसला लिया है. हेलनैट में उपयोग होने वाले धागे की गुणवत्ता 0.28 एमएम का होनी चाहिए जबकि प्रदेश के किसानों को 0.12 एमएम धागे से बना हुआ नेट दिया जा रहा है. सरकार ने इजराइल की कंपनी से 23 रुपये स्केर मीटर के हिसाब से नेट की मांग की है जबकि अभी हिमाचल में 38 से 40 रुपए स्केर मीटर के हिसाब से किसानों को 0.12 एमएम धागे से बना हुआ नेट दिया जाता है, जबकि उसकी गुणवत्ता सही नहीं है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में अगले तीन दिन तक होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

शिमला: हिमाचल सरकार ने हर घर नल उपलब्ध कराने को काम शुरू कर दिया है. इसके लिए जल शक्ति प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू किया गया है, लेकिन साथ ही अब आने वाले दिनों में घरों की छतों से वर्षा जल संग्रहण भी अनिवार्य होगा. वर्षा जल संग्रहण के लिए इजरायली तकनीक से तैयार टैंक का प्रयोग किया जाएगा. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और मंत्री महेंद्र सिंह की उपस्थिति एक कंपनी प्रेजेंटेशन भी दे चुकी है. प्रेजेंटेशन के बाद इजरायली तकनीक से तैयार यह टैंक मुख्यमंत्री आवास के बाहर रखा गया है.

वर्षा जल संग्रहण से किसान इस पानी का प्रयोग फसलों की सिंचाई कर सकेंगे. 25 हजार लीटर के फ्लैक्सी टैंक की कीमत 19 हजार रुपये है, जबकि अभी 25 हजार लीटर के टैंक बनाने के लिए सरकार को अढ़ाई से तीन लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इसी तरह 50 हजार लीटर के फ्लैक्सी टैंक की 35 हजार रुपये है. किसानों को 4 लाख लीटर तक के फ्लैक्सी टैंक मुहैया करवाये जाएंगे. सरकार मामले को कैबिनेट में लाएगी और किसानों को इस पर सब्सिडी देने पर भी सरकार विचार कर रही है.

महेंद्र सिंह ठाकुर, IPH मंत्री

सरकार ने किसानों की फसल को ओलावृष्टि से बचाने के लिए अच्छी गुणवत्ता की एन्टी हेलनैट लगाने का भी फैसला लिया है. हेलनैट में उपयोग होने वाले धागे की गुणवत्ता 0.28 एमएम का होनी चाहिए जबकि प्रदेश के किसानों को 0.12 एमएम धागे से बना हुआ नेट दिया जा रहा है. सरकार ने इजराइल की कंपनी से 23 रुपये स्केर मीटर के हिसाब से नेट की मांग की है जबकि अभी हिमाचल में 38 से 40 रुपए स्केर मीटर के हिसाब से किसानों को 0.12 एमएम धागे से बना हुआ नेट दिया जाता है, जबकि उसकी गुणवत्ता सही नहीं है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में अगले तीन दिन तक होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

Intro:हिमाचल सरकार ने हर घर नल उपलब्ध कराने को काम शुरू कर दिया है इसके लिए जल शक्ति प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू किया गया है। लेकिन साथ ही अब आने वाले दिनों में घरों की छतों से वर्षा जल संग्रहण भी अनिवार्य होगा। वर्षा जल संग्रहण के लिए इजरायली तकनीक से तैयार टैंक का प्रयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और मंत्री महेंद्र सिंह की उपस्थिति एक कंपनी प्रेजेंटेशन भी दे चुकी है। प्रेजेंटेशन के बाद इजरायली तकनीक से तैयार यह टैंक मुख्यमंत्री आवास के बाहर रखा गया है।

वर्षा जल संग्रहण से किसान इस पानी का प्रयोग फसलों की सिंचाई कर सकेंगे। 25 हजार लीटर के फ्लैक्सी टैंक की कीमत 19 हजार रुपये है जबकि अभी 25 हजार लीटर के टैंक बनाने के लिए सरकार को अढ़ाई से तीन लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं।इसी तरह 50 हजार लीटर के फ्लैक्सी टैंक की 35 हजार रुपये है। किसानों को 4 लाख लीटर तक के फ्लैक्सी टैंक मुहैया करवाये जाएंगे।सरकार मामले को कैबिनेट में लाएगी और किसानों को इस पर सब्सिडी देने पर भी सरकार विचार कर रही है।
Body:सरकार ने किसानों की फसल को ओलावृष्टि से बचाने के लिए अच्छी गुणवत्ता की एन्टी हैल्नेट लगाने का भी फैसला लिया है।हैल्नेट में उपयोग होने वाले धागे की गुणवत्ता 0.28 एमएम का होनी चाहिए जबकि प्रदेश के किसानों को 0.12 एमएम धागे से बना हुआ नेट दिया जा रहा है।सरकार ने इजराइल की कंपनी से 23 रुपये स्केर मीटर के हिसाब से नेट की मांग की है जबकि अभी हिमाचल में 38 से 40 रुपए स्केर मीटर के हिसाब से किसानो को 0.12 एमएम धागे से बना हुआ नेट दिया जाता है जबकि उसकी गुणवत्ता सही नही है।Conclusion:
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