शिमला: राज्य योजना बोर्ड ने वर्ष 2020-21 के लिए 7900 करोड़ की वार्षिक योजना को स्वीकृति प्रदान की है. यह वर्ष 2019-20 के योजना आकार से 800 करोड़ रुपये अधिक है. इसमें 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है.
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि सामाजिक सेवा क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए 3487.24 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, पूरी वार्षिक योजना का 44.14 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि परिवहन और संचार क्षेत्र के लिए 1393.89 करोड़ रुपये और कृषि तथा संबद्ध गतिविधियों के लिए 974.29 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसी प्रकार, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के लिए 508.05 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं. ऊर्जा क्षेत्र के लिए 499.05 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
मुख्यमंत्री ने राज्य की अर्थव्यवस्था पर विस्तृत प्रस्तुति तैयार करने के लिए योजना विभाग के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है, परन्तु अभी भी बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि योजना बोर्ड की बैठक राज्य की योजना को अधिक प्रभावी बनाने के लिए बहुत ही सहायक सिद्ध होगी. उन्होंने कहा कि राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है. उन्होंने पुरुष और महिला साक्षरता दर में अंतर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस अंतर को कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए.
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में आयु संभाव्यता दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है, यह राज्य में लोगों को प्रदान की जा रही बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि कम उत्पादकता दर भी चिंता का एक विषय है. उन्होंने कहा कि राज्य की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत तथा अन्य राज्यों से अधिक रही है, जो वर्ष 2018-19 में 10.12 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1,76,968 रुपये रही. उन्होंने कहा कि शौचमुक्त लक्ष्य को हासिल करने के लिए सिक्किम के बाद प्रदेश दूसरा राज्य है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, इसलिए राज्य की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए फसल उत्पादन बढ़ाने पर अधिक बल दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में अनुसंधान पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए, ताकि किसानों को अधिक उपज वाली फसलों की खेती के लिए प्रेरित किया जा सके. उन्होंने कहा कि किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए . इससे न केवल उन्हें अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा, बल्कि इससे मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ेगी.
महिला सशक्तिकरण पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की भागीदारी बड़े स्तर पर सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि वे राज्य के विकास में सहयोगी बन सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं आरंभ की है. राज्य के न्यायसंगत विकास के लिए विशेष रूप से केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं जैसे केन्द्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) और नाबार्ड आदि के लिए विवेकपूर्ण वित्त पोषण सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने जनता की शिकायतों को उनके घरद्धार के समीप निवारण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. जन मंच और मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन 1100 आम आदमी के लिए वरदान साबित हो रही है. उन्होंने कहा कि गृहिणी सुविधा योजना से प्रदेश हर घर में गैस कनेक्शन सुनिश्चित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. उन्होंने कहा कि पिछड़ा क्षेत्र उप योजना के तहत पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 3226 पंचायतों में से केवल 80 पंचायतें सड़कों से जुड़ने के लिए शेष रह गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थानों का विस्तार किए जाने के बजाय अधिक से अधिक संस्थानों का गुणात्मक सुधार किया जाए. उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि छात्रों को वर्तमान प्रतिस्पर्धी दुनिया के लिए चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया जा सके. उन्होंने कहा कि राज्य में सरकारी क्षेत्र में छह और निजी क्षेत्र में एक मेडिकल काॅलेज है. बिलासपुर जिला में एम्स का निर्माण भी किया जा रहा है.
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य के अधिकतम क्षेत्र को सिंचाई के अन्तर्गत लाने के लिए सिंचाई क्षेत्र पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि इससे किसान नकदी फसलों की खेती के लिए प्रेरित होंगे. उन्होंने कहा कि हिमाचल को देश का पसंदीदा पर्यटन गंतव्य स्थल बनाने के लिए भी प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहतर यातायात सुविधा सुनिश्चित करवाने के लिए फोरलेन परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. उन्होंने अधिकारियों को सड़क परियोजनाओं में आने वाली सभी बाधाओं को शीघ्र दूर करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बेहतर हवाई संपर्क सुनिश्चित करने के लिए, सभी मौजूद तीन हवाई अड्डों का विस्तार और सुधार किया जा रहा है.
राज्य योजना बोर्ड ने वर्ष 2020-21 के लिए 7900 करोड़ की वार्षिक योजना को दी स्वीकृती - 7900 करोड़ की वार्षिक योजना की स्वीकृती
राज्य योजना बोर्ड ने वर्ष 2020-21 के लिए 7900 करोड़ की वार्षिक योजना को स्वीकृति प्रदान की है. यह वर्ष 2019-20 के योजना आकार से 800 करोड़ रुपये अधिक है. इसमे 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है.
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शिमला: राज्य योजना बोर्ड ने वर्ष 2020-21 के लिए 7900 करोड़ की वार्षिक योजना को स्वीकृति प्रदान की है. यह वर्ष 2019-20 के योजना आकार से 800 करोड़ रुपये अधिक है. इसमें 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है.
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि सामाजिक सेवा क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए 3487.24 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, पूरी वार्षिक योजना का 44.14 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि परिवहन और संचार क्षेत्र के लिए 1393.89 करोड़ रुपये और कृषि तथा संबद्ध गतिविधियों के लिए 974.29 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसी प्रकार, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के लिए 508.05 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं. ऊर्जा क्षेत्र के लिए 499.05 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
मुख्यमंत्री ने राज्य की अर्थव्यवस्था पर विस्तृत प्रस्तुति तैयार करने के लिए योजना विभाग के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है, परन्तु अभी भी बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि योजना बोर्ड की बैठक राज्य की योजना को अधिक प्रभावी बनाने के लिए बहुत ही सहायक सिद्ध होगी. उन्होंने कहा कि राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है. उन्होंने पुरुष और महिला साक्षरता दर में अंतर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस अंतर को कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए.
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में आयु संभाव्यता दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है, यह राज्य में लोगों को प्रदान की जा रही बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि कम उत्पादकता दर भी चिंता का एक विषय है. उन्होंने कहा कि राज्य की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत तथा अन्य राज्यों से अधिक रही है, जो वर्ष 2018-19 में 10.12 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1,76,968 रुपये रही. उन्होंने कहा कि शौचमुक्त लक्ष्य को हासिल करने के लिए सिक्किम के बाद प्रदेश दूसरा राज्य है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, इसलिए राज्य की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए फसल उत्पादन बढ़ाने पर अधिक बल दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में अनुसंधान पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए, ताकि किसानों को अधिक उपज वाली फसलों की खेती के लिए प्रेरित किया जा सके. उन्होंने कहा कि किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए . इससे न केवल उन्हें अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा, बल्कि इससे मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ेगी.
महिला सशक्तिकरण पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की भागीदारी बड़े स्तर पर सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि वे राज्य के विकास में सहयोगी बन सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं आरंभ की है. राज्य के न्यायसंगत विकास के लिए विशेष रूप से केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं जैसे केन्द्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) और नाबार्ड आदि के लिए विवेकपूर्ण वित्त पोषण सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने जनता की शिकायतों को उनके घरद्धार के समीप निवारण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. जन मंच और मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन 1100 आम आदमी के लिए वरदान साबित हो रही है. उन्होंने कहा कि गृहिणी सुविधा योजना से प्रदेश हर घर में गैस कनेक्शन सुनिश्चित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. उन्होंने कहा कि पिछड़ा क्षेत्र उप योजना के तहत पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 3226 पंचायतों में से केवल 80 पंचायतें सड़कों से जुड़ने के लिए शेष रह गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थानों का विस्तार किए जाने के बजाय अधिक से अधिक संस्थानों का गुणात्मक सुधार किया जाए. उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि छात्रों को वर्तमान प्रतिस्पर्धी दुनिया के लिए चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया जा सके. उन्होंने कहा कि राज्य में सरकारी क्षेत्र में छह और निजी क्षेत्र में एक मेडिकल काॅलेज है. बिलासपुर जिला में एम्स का निर्माण भी किया जा रहा है.
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य के अधिकतम क्षेत्र को सिंचाई के अन्तर्गत लाने के लिए सिंचाई क्षेत्र पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि इससे किसान नकदी फसलों की खेती के लिए प्रेरित होंगे. उन्होंने कहा कि हिमाचल को देश का पसंदीदा पर्यटन गंतव्य स्थल बनाने के लिए भी प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहतर यातायात सुविधा सुनिश्चित करवाने के लिए फोरलेन परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. उन्होंने अधिकारियों को सड़क परियोजनाओं में आने वाली सभी बाधाओं को शीघ्र दूर करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बेहतर हवाई संपर्क सुनिश्चित करने के लिए, सभी मौजूद तीन हवाई अड्डों का विस्तार और सुधार किया जा रहा है.