शिमला: राजधानी शिमला के बचत भवन में संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए भाषा एवं संस्कृत विभाग की ओर से राज्यस्तरीय संस्कृत दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस आयोजन में कवि सम्मेलन के साथ ही लेखक गोष्ठी का भी आयोजन हुआ. इसमें संस्कृत भाषा के विद्वान आचार्य केशव शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की.
इस दौरान आचार्य केशव शर्मा ने कहा कि संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है. उन्होंने प्रदेश सरकार की उस पहल की भी सराहना की जिसके तहत संस्कृत को प्रदेश की दूसरी राजभाषा घोषित किया है. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही प्रदेश में एक संस्कृत विश्वविद्यालय भी खोलने जा रही है. इससे संस्कृत के उत्थान में मदद मिलेगी.
आचार्य केशव शर्मा ने कहा कि सिर्फ संस्कृत-संस्कृत बोलने से कुछ नहीं होगा. संस्कृत के बारे में तो बहुत कुछ कहा जाता है लेकिन इसके बारे में बहुत कम किया जा रहा है. ऐसे में जरूरत है कि संस्कृत को लेकर सही मायनों में प्रयास भी उसी स्तर के होने चाहिए. इससे यह भारतीय भाषा अपनी पहचान फिर से बना सकेगी.
इस आयोजन में प्रदेश भर से आए कवियों ने अपनी अपनी संस्कृत कविताओं की प्रस्तुतियां दी. वहीं लेखक गोष्ठी में भी संस्कृत की व्यथा ओर इसके उत्थान को लेकर किस तरह से कार्य किया जा सकता है इसे लेकर अपने विचार लेखकों ने साझा किए.
इस आयोजन में संस्कृत कवि सम्मेलन के साथ ही लेखक गोष्ठि का आयोजन किया गया.
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