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राज्य स्तरीय संस्कृत दिवस समारोह में कवियों ने प्रस्तुत की संस्कृत में कविताएं, लेखक गोष्ठी का किया गया आयोजन - राज्यस्तरीय संस्कृत दिवस

शिमला में भाषा एवं संस्कृत विभाग की ओर से राज्यस्तरीय संस्कृत दिवस समारोह का आयोजन किया. इस दौरान प्रदेश के 40 वरिष्ठ साहित्यकार और कवियों ने भाग लिया.

SHIMLA
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Published : Aug 16, 2019, 3:36 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला के बचत भवन में संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए भाषा एवं संस्कृत विभाग की ओर से राज्यस्तरीय संस्कृत दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस आयोजन में कवि सम्मेलन के साथ ही लेखक गोष्ठी का भी आयोजन हुआ. इसमें संस्कृत भाषा के विद्वान आचार्य केशव शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की.

इस दौरान आचार्य केशव शर्मा ने कहा कि संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है. उन्होंने प्रदेश सरकार की उस पहल की भी सराहना की जिसके तहत संस्कृत को प्रदेश की दूसरी राजभाषा घोषित किया है. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही प्रदेश में एक संस्कृत विश्वविद्यालय भी खोलने जा रही है. इससे संस्कृत के उत्थान में मदद मिलेगी.

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आचार्य केशव शर्मा ने कहा कि सिर्फ संस्कृत-संस्कृत बोलने से कुछ नहीं होगा. संस्कृत के बारे में तो बहुत कुछ कहा जाता है लेकिन इसके बारे में बहुत कम किया जा रहा है. ऐसे में जरूरत है कि संस्कृत को लेकर सही मायनों में प्रयास भी उसी स्तर के होने चाहिए. इससे यह भारतीय भाषा अपनी पहचान फिर से बना सकेगी.

इस आयोजन में प्रदेश भर से आए कवियों ने अपनी अपनी संस्कृत कविताओं की प्रस्तुतियां दी. वहीं लेखक गोष्ठी में भी संस्कृत की व्यथा ओर इसके उत्थान को लेकर किस तरह से कार्य किया जा सकता है इसे लेकर अपने विचार लेखकों ने साझा किए.

इस आयोजन में संस्कृत कवि सम्मेलन के साथ ही लेखक गोष्ठि का आयोजन किया गया.

ये भी पढ़ें: इस राज्य संग्रहालय में आज भी मौजूद है संविधान की हस्तलिखित प्रति, जानिए इसके रोचक तथ्य

शिमला: राजधानी शिमला के बचत भवन में संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए भाषा एवं संस्कृत विभाग की ओर से राज्यस्तरीय संस्कृत दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस आयोजन में कवि सम्मेलन के साथ ही लेखक गोष्ठी का भी आयोजन हुआ. इसमें संस्कृत भाषा के विद्वान आचार्य केशव शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की.

इस दौरान आचार्य केशव शर्मा ने कहा कि संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है. उन्होंने प्रदेश सरकार की उस पहल की भी सराहना की जिसके तहत संस्कृत को प्रदेश की दूसरी राजभाषा घोषित किया है. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही प्रदेश में एक संस्कृत विश्वविद्यालय भी खोलने जा रही है. इससे संस्कृत के उत्थान में मदद मिलेगी.

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आचार्य केशव शर्मा ने कहा कि सिर्फ संस्कृत-संस्कृत बोलने से कुछ नहीं होगा. संस्कृत के बारे में तो बहुत कुछ कहा जाता है लेकिन इसके बारे में बहुत कम किया जा रहा है. ऐसे में जरूरत है कि संस्कृत को लेकर सही मायनों में प्रयास भी उसी स्तर के होने चाहिए. इससे यह भारतीय भाषा अपनी पहचान फिर से बना सकेगी.

इस आयोजन में प्रदेश भर से आए कवियों ने अपनी अपनी संस्कृत कविताओं की प्रस्तुतियां दी. वहीं लेखक गोष्ठी में भी संस्कृत की व्यथा ओर इसके उत्थान को लेकर किस तरह से कार्य किया जा सकता है इसे लेकर अपने विचार लेखकों ने साझा किए.

इस आयोजन में संस्कृत कवि सम्मेलन के साथ ही लेखक गोष्ठि का आयोजन किया गया.

ये भी पढ़ें: इस राज्य संग्रहालय में आज भी मौजूद है संविधान की हस्तलिखित प्रति, जानिए इसके रोचक तथ्य

Intro:संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए भाषा एवं संस्कृत विभाग की ओर से राज्यस्तरीय संस्कृत दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन में कवि सम्मेलन के साथ ही लेखक गोष्टि का भी आयोजन हुआ जिसमें प्रदेश भर से संस्कृत कवि और लेखकों ने भाग लिया। आयोजन में संस्कृत भाषा के विद्वान आचार्य केशव शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए ज़मीनी स्तर पर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रदेश सरकार की उस पहल की भी सराहना की जिसके तहत संस्कृत को प्रदेश की दूसरी राजभाषा घोषित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही प्रदेश में एक संस्कृत विश्वविद्यालय भी खोलने जा रही है जिससे कि संस्कृत के उत्थान में ओर मदद मिलेगी।


Body:उन्होंने कहा कि मात्र संस्कृत संस्कृत बोलने से कुछ नहीं होगा। संस्कृत के बारे में तो बहुत कुछ कहा जाता है लेकिन इसके बारे में किया बहुत कम जा रहा है। ऐसे में जरूरत यह है कि संस्कृत को लेकर सही मायनों में प्रयास भी उसी स्तर के होने चाहिए जिससे कि यह भारतीय भाषा अपनी पहचान फिर से बना सके। इस आयोजन में प्रदेश भर से आए कवियों ने अपनी अपनी संस्कृत कविताओं की प्रस्तुतियां दी। वहीं लेखक गोष्ठी में भी संस्कृत की व्यथा ओर इसके उत्थान को लेकर किस तरह से कार्य किया जा सकता है ऐसे लेकर अपने विचार लेखकों ने रखे।


Conclusion:इस आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए भाषा,कला एवं संस्कृत विभाग की अल्का कैंथला कार्यकारी सहायक निदेशक ने बताया कि संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के लिए विभाग समय समय पर अनेक तरह के आयोजन करवाता हैं। इसी कड़ी में राज्यस्तरी संस्कृत दिवस का आयोजन शिमला के बचत भवन में किया गया है। इस आयोजन में संस्कृत कवि सम्मेलन के साथ ही लेखक गोष्टि का आयोजन किया गया है। इस आयोजन में प्रदेश से 40 वरिष्ठ साहित्यकार ओर कवि भाग ले रहे है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार दोनों का ही यह लक्ष्य है कि संस्कृत भाषा को भी अन्य भाषाओं की तरह ही अधिमान दिया जाए।
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