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हिमाचल प्रदेश में स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल का हुआ गठन, राजधानी शिमला में होगा मुख्यालय - हिमाचल प्रदेश में स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल

काउंसिल के गठन का उद्देश्य सरकार को शिक्षा में नई योजनाएं बनाने, पुरानी योजनाओं में समयानुसार बदलाव करने, नई नीति बनाने के साथ ही प्रदेश में इस तरह की योजनाओं पर काम करना है जिससे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ सके और छात्रों को गुणात्मक शिक्षा दी जा सके.

हिमाचल प्रदेश में स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल का हुआ गठन, राजधानी शिमला में होगा मुख्यालय
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Published : Nov 4, 2019, 11:18 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर अब बेहतर योजनाएं और पुरानी योजनाओं में समयानुसार बदलाव होगा. इस कार्य को पूरा करने के लिए प्रदेश में हायर एजुकेशन काउंसिल का गठन किया गया है. प्रदेश सरकार की ओर से हायर एजुकेशन काउंसिल का गठन किया गया है और शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए इसमें शिक्षाविदों को स्थान दिया गया है.

काउंसिल का अध्यक्ष जहां एचपीयू के पूर्व कुलपति रहे डॉ. सुनील कुमार गुप्ता को बनाया गया है. वहीं, प्रधान सचिव शिक्षा को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. लंबे समय से प्रदेश में स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल के गठन की प्रक्रिया चल रही थी जिसे अब पूरा कर लिया गया है.

वीडियो.

राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत इस स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल प्रदेश में किया जाना था. काउंसिल के गठन का उद्देश्य सरकार को शिक्षा में नई योजनाएं बनाने, पुरानी योजनाओं में समयानुसार बदलाव करने, नई नीति बनाने के साथ ही प्रदेश में इस तरह की योजनाओं पर काम करना है जिससे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ सके और छात्रों को गुणात्मक शिक्षा दी जा सके.

काउंसिल के गठन को लेकर अधिसूचना जारी

सरकार की ओर से काउंसिल के गठन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसमें जो भी सदस्य शामिल किए गए हैं उनका कार्यकाल 6 साल की अवधि का रखा गया है. वहीं, साल में दो बार काउंसिल की अहम बैठकें होंगी, जिसमें शिक्षा में किस किस तरह के बदलाव और किस तरह से गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा सकते हैं इस पर चर्चा होगी. काउंसिल का मुख्यालय कार्यालय शिमला में ही होगा.

स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति सहित तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर केंद्रीय विश्वविद्यालय कांगड़ा के कुलपति वित्त सचिव उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक सरकारी सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है. इसके साथ ही राज्य परियोजना निदेशक रूसा इस काउंसिल में सदस्य सचिव होंगे और इसके अलावा सरकार ने इसमें दो निजी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.

काउंसिल में शामिल सदस्यों के नाम

काउंसिल में नॉन ऑफिशियल मेंबर्स में सत्यवती कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हरी मोहन, सेवानिवृत्त डॉ.विजय कुमार, प्रदेश स्किल डेवलॉपमेंट कॉरपोरेशन के कोऑर्डिनेटर नवीन शर्मा, केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो. भागचंद और पंजाब यूनिवर्सिटी के टूरिज्म डिपार्टमेंट के प्रोफेसर प्रशांत गौतम को शामिल किया गया है. इसके अलावा इंडस्ट्री के दो विशेषज्ञ एलाइंस पैकेज बीके अश्वनी कौशल और चंडीगढ़ के मेट्रो एक्सपोर्ट के निदेशक कुलदीप कौर घोषित किया गया है.

इसके साथ ही एनसीईआरटी की प्रधानाचार्य नम्रता टिक्कू, रक्कड़ डिग्री कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ रमन कुमार, डिग्री कॉलेज मंडी के प्रधानाचार्य डॉ राकेश शर्मा को सदस्य बनाया गया है. वहीं, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ कैलाश चंद्र को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.

ये भी पढ़ें: 5वीं, 8वीं और 9वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा की डेटशीट जारी, यहां जानिए किस दिन होगी किस विषय की परीक्षा

शिमला: हिमाचल प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर अब बेहतर योजनाएं और पुरानी योजनाओं में समयानुसार बदलाव होगा. इस कार्य को पूरा करने के लिए प्रदेश में हायर एजुकेशन काउंसिल का गठन किया गया है. प्रदेश सरकार की ओर से हायर एजुकेशन काउंसिल का गठन किया गया है और शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए इसमें शिक्षाविदों को स्थान दिया गया है.

काउंसिल का अध्यक्ष जहां एचपीयू के पूर्व कुलपति रहे डॉ. सुनील कुमार गुप्ता को बनाया गया है. वहीं, प्रधान सचिव शिक्षा को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. लंबे समय से प्रदेश में स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल के गठन की प्रक्रिया चल रही थी जिसे अब पूरा कर लिया गया है.

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राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत इस स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल प्रदेश में किया जाना था. काउंसिल के गठन का उद्देश्य सरकार को शिक्षा में नई योजनाएं बनाने, पुरानी योजनाओं में समयानुसार बदलाव करने, नई नीति बनाने के साथ ही प्रदेश में इस तरह की योजनाओं पर काम करना है जिससे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ सके और छात्रों को गुणात्मक शिक्षा दी जा सके.

काउंसिल के गठन को लेकर अधिसूचना जारी

सरकार की ओर से काउंसिल के गठन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसमें जो भी सदस्य शामिल किए गए हैं उनका कार्यकाल 6 साल की अवधि का रखा गया है. वहीं, साल में दो बार काउंसिल की अहम बैठकें होंगी, जिसमें शिक्षा में किस किस तरह के बदलाव और किस तरह से गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा सकते हैं इस पर चर्चा होगी. काउंसिल का मुख्यालय कार्यालय शिमला में ही होगा.

स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति सहित तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर केंद्रीय विश्वविद्यालय कांगड़ा के कुलपति वित्त सचिव उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक सरकारी सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है. इसके साथ ही राज्य परियोजना निदेशक रूसा इस काउंसिल में सदस्य सचिव होंगे और इसके अलावा सरकार ने इसमें दो निजी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.

काउंसिल में शामिल सदस्यों के नाम

काउंसिल में नॉन ऑफिशियल मेंबर्स में सत्यवती कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हरी मोहन, सेवानिवृत्त डॉ.विजय कुमार, प्रदेश स्किल डेवलॉपमेंट कॉरपोरेशन के कोऑर्डिनेटर नवीन शर्मा, केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो. भागचंद और पंजाब यूनिवर्सिटी के टूरिज्म डिपार्टमेंट के प्रोफेसर प्रशांत गौतम को शामिल किया गया है. इसके अलावा इंडस्ट्री के दो विशेषज्ञ एलाइंस पैकेज बीके अश्वनी कौशल और चंडीगढ़ के मेट्रो एक्सपोर्ट के निदेशक कुलदीप कौर घोषित किया गया है.

इसके साथ ही एनसीईआरटी की प्रधानाचार्य नम्रता टिक्कू, रक्कड़ डिग्री कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ रमन कुमार, डिग्री कॉलेज मंडी के प्रधानाचार्य डॉ राकेश शर्मा को सदस्य बनाया गया है. वहीं, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ कैलाश चंद्र को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.

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Intro:प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर अब बेहतर योजनाएं और पुरानी योजनाओं में समयानुसार बदलाव होगा। इस कार्य को पूरा करने के लिए प्रदेश में हायर एजुकेशन कौंसिल का गठन किया गया है। प्रदेश सरकार की ओर से हायर एजुकेशन कौंसिल का गठन किया गया है और शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए इसमें शिक्षाविदों को स्थान दिया गया है। कौंसिल का अध्यक्ष जहां एचपीयू के पूर्व कुलपति रहे डॉ.सुनील कुमार गुप्ता को बनाया गया है वही प्रधान सचिव शिक्षा को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। लंबे समय से प्रदेश में स्टेट हायर एजुकेशन कौंसिल के गठन की प्रक्रिया चल रही थी जिसे अब पूरा कर लिया गया है।


Body:राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत इस स्टेट हायर एजुकेशन कौंसिल प्रदेश में किया जाना था। कौंसिल के गठन का उद्देश्य सरकार को शिक्षा में नई योजनाएं बनाने, पुरानी योजनाओं में समयानुसार बदलाव करने, नई नीति बनाने के साथ ही प्रदेश में इस तरह की योजनाओं पर काम करना है जिससे के उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ सके और छात्रों को गुणात्मक शिक्षा दी जा सके। सरकार की ओर से कौंसिल के गठन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसमें जो भी सदस्य शामिल किए गए हैं उनका कार्यकाल 6 साल की अवधि का रखा गया है। वहीं साल में दो बार कौंसिल की अहम बैठकें होंगी जिसमें शिक्षा में किस किस तरह के बदलाव और किस तरह से गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा सकते हैं इस पर चर्चा होगी। कौंसिल का मुख्यालय कार्यालय शिमला में ही होगा।


Conclusion:स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति सहित तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर केंद्रीय विश्वविद्यालय कांगड़ा के कुलपति वित्त सचिव उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक सरकारी सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। इसके साथ ही राज्य परियोजना निदेशक रूसा इस काउंसिल में सदस्य सचिव होंगे और इसके अलावा सरकार ने इसमें दो निजी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। कौंसिल में नॉन ऑफिशियल मेंबर्स में सत्यवती कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हरी मोहन, सेवानिवृत्त स्टेट laison ऑफिसर डॉ.विजय कुमार, प्रदेश स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के कोऑर्डिनेटर नवीन शर्मा, केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो. भागचंद और पंजाब यूनिवर्सिटी के टूरिज्म डिपार्टमेंट के प्रोफेसर प्रशांत गौतम को शामिल किया गया है। इसके अलावा इंडस्ट्री के दो विशेषज्ञ एलाइंस पैकेज बीके अश्वनी कौशल और चंडीगढ़ के मेट्रो एक्सपोर्ट के निदेशक कुलदीप कौर घोषित किया गया है। इसके साथ ही एनसीईआरटी की प्रधानाचार्य नम्रता टिक्कू, रक्कड़ डिग्री कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ रमन कुमार, डिग्री कॉलेज मंडी के प्रधानाचार्य डॉ राकेश शर्मा को सदस्य बनाया गया है। वहीं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ कैलाश चंद्र को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
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