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महंगाई भत्ते पर रोक से सरकारी कर्मचारी नाराज, कहा- मंत्रियों के भत्तों और पेंशन पर लगे रोक: IPSEF

इंडियन पब्लिक सर्विस एंप्लाइज फेडरेशन के बैनर तले बुधवार को पूरे देश में समस्त कर्मचारी केंद्र सरकार व राज्य सरकारों के प्रति महंगाई भत्ते फ्रीज करने पर विरोध प्रकट कर रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में भी कर्मचारियों द्वारा मुंह पर काली पट्टी बांधकर सरकार के प्रति काला दिवस मनाया और कर्मचारियों ने अपने-अपने घरों व कार्यालयों में मुंह पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रकट किया.

government employees protest in himachal
महंगाई भत्ते पर रोक से सरकारी कर्मचारी नाराज
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Published : May 20, 2020, 9:18 PM IST

शिमलाः इंडियन पब्लिक सर्विस एंप्लाइज फेडरेशन के बैनर तले बुधवार को पूरे देश में समस्त कर्मचारी केंद्र सरकार व राज्य सरकारों के प्रति महंगाई भत्ते फ्रीज करने के फैसले पर विरोध प्रकट कर रहे हैं.

हिमाचल प्रदेश के समस्त कर्मचारियों ने भी इसका विरोध किया है और महंगाई भत्ते पर रोक लगाने से समस्त कर्मचारी वर्ग नाराज है. हिमाचल प्रदेश में भी कर्मचारियों द्वारा मुंह पर काली पट्टी बांधकर सरकार के प्रति काला दिवस मनाया और कर्मचारियों ने अपने-अपने घरों व कार्यालयों में मुंह पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रकट किया.

इंडियन पब्लिक सर्विस एंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय सचिव हरि कृष्ण शांडिल ने केंद्र सरकार व राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि सरकार इस फैसले को जल्दी से जल्दी वापस ले क्योंकि कर्मचारियों ने अपनी स्वेच्छा से प्रधानमंत्री राहत कोष व मुख्यमंत्री राहत कोष में पहले भी एक दिन का वेतन दान किया है.

government employees protest in himachal
महंगाई भत्ते पर रोक से सरकारी कर्मचारी नाराज

सरकार को कर्मचारियों से पैसा ही लेना है, तो कर्मचारी अपनी इच्छा से और भी दान कर सकता है, लेकिन सरकार द्वारा कर्मचारियों के महंगाई भत्ते फ्रीज करना सोची समझी साजिश मानी जा रही है.

जिससे समस्त कर्मचारी वर्ग नाराज है, कर्मचारियों ने हमेशा ही सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सरकार का साथ दिया है. इसके बाद भी सरकार आए दिन कोई न कोई बहाना बनाकर कर्मचारियों पर नए से नए नियम बनाकर थोप देती है. जब भी सरकार पर कोई विपत्ति आती है, हमेशा ही सरकार कर्मचारियों को बलि का बकरा बना देती है. क्या सरकार के पास कर्मचारियों के अलावा और कोई चारा नहीं है.

अगर सरकार को पैसा ही वसूल करना है, तो उद्योगपतियों से पैसा वसूल करे, जिसे वह समय-समय पर हर सुविधा प्रदान करते हैं या फिर माननीय के भत्ते में कटौती करे क्योंकि वह तो जनता की सेवा के लिए चुने गए हैं. उनकी पेंशन व उनके भक्तों पर रोक लगा देनी चाहिए.

क्या ऐसा करना सरकार के बस में नहीं जो कर्मचारी पूरी उम्र सरकार के प्रति अपनी सेवा देता रहता है. उसे तो पेंशन से भी वंचित किया गया है और जो चुनाव लड़ कर 1 दिन के लिए सांसद या विधायक बनता है, उसे उम्र भर के लिए सरकार पेंशन दे देती है, यह कहां का इंसाफ है.

कर्मचारियों के प्रति यदि केंद्र सरकार का यही रवैया रहा तो, इंडियन पब्लिक सर्विस एंप्लाइज फेडरेशन पूरे देश में एक महारैली का आयोजन करेगा, जिसमें समस्त कर्मचारी इसका विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार से इस आदेश को जल्द वापस ले.

पढे़ंः भारत में 19 करोड़ लोग सोते हैं भूखे...फिजूलखर्ची रोके सरकारें, जनसंख्या नियंत्रण कानून समय की मांग: शांता

शिमलाः इंडियन पब्लिक सर्विस एंप्लाइज फेडरेशन के बैनर तले बुधवार को पूरे देश में समस्त कर्मचारी केंद्र सरकार व राज्य सरकारों के प्रति महंगाई भत्ते फ्रीज करने के फैसले पर विरोध प्रकट कर रहे हैं.

हिमाचल प्रदेश के समस्त कर्मचारियों ने भी इसका विरोध किया है और महंगाई भत्ते पर रोक लगाने से समस्त कर्मचारी वर्ग नाराज है. हिमाचल प्रदेश में भी कर्मचारियों द्वारा मुंह पर काली पट्टी बांधकर सरकार के प्रति काला दिवस मनाया और कर्मचारियों ने अपने-अपने घरों व कार्यालयों में मुंह पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रकट किया.

इंडियन पब्लिक सर्विस एंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय सचिव हरि कृष्ण शांडिल ने केंद्र सरकार व राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि सरकार इस फैसले को जल्दी से जल्दी वापस ले क्योंकि कर्मचारियों ने अपनी स्वेच्छा से प्रधानमंत्री राहत कोष व मुख्यमंत्री राहत कोष में पहले भी एक दिन का वेतन दान किया है.

government employees protest in himachal
महंगाई भत्ते पर रोक से सरकारी कर्मचारी नाराज

सरकार को कर्मचारियों से पैसा ही लेना है, तो कर्मचारी अपनी इच्छा से और भी दान कर सकता है, लेकिन सरकार द्वारा कर्मचारियों के महंगाई भत्ते फ्रीज करना सोची समझी साजिश मानी जा रही है.

जिससे समस्त कर्मचारी वर्ग नाराज है, कर्मचारियों ने हमेशा ही सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सरकार का साथ दिया है. इसके बाद भी सरकार आए दिन कोई न कोई बहाना बनाकर कर्मचारियों पर नए से नए नियम बनाकर थोप देती है. जब भी सरकार पर कोई विपत्ति आती है, हमेशा ही सरकार कर्मचारियों को बलि का बकरा बना देती है. क्या सरकार के पास कर्मचारियों के अलावा और कोई चारा नहीं है.

अगर सरकार को पैसा ही वसूल करना है, तो उद्योगपतियों से पैसा वसूल करे, जिसे वह समय-समय पर हर सुविधा प्रदान करते हैं या फिर माननीय के भत्ते में कटौती करे क्योंकि वह तो जनता की सेवा के लिए चुने गए हैं. उनकी पेंशन व उनके भक्तों पर रोक लगा देनी चाहिए.

क्या ऐसा करना सरकार के बस में नहीं जो कर्मचारी पूरी उम्र सरकार के प्रति अपनी सेवा देता रहता है. उसे तो पेंशन से भी वंचित किया गया है और जो चुनाव लड़ कर 1 दिन के लिए सांसद या विधायक बनता है, उसे उम्र भर के लिए सरकार पेंशन दे देती है, यह कहां का इंसाफ है.

कर्मचारियों के प्रति यदि केंद्र सरकार का यही रवैया रहा तो, इंडियन पब्लिक सर्विस एंप्लाइज फेडरेशन पूरे देश में एक महारैली का आयोजन करेगा, जिसमें समस्त कर्मचारी इसका विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार से इस आदेश को जल्द वापस ले.

पढे़ंः भारत में 19 करोड़ लोग सोते हैं भूखे...फिजूलखर्ची रोके सरकारें, जनसंख्या नियंत्रण कानून समय की मांग: शांता

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