शिमला: हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ की वर्चुअल बैठक अध्यक्ष डॉ. जीवानंद चौहान की अध्यक्षता में हुई. प्रदेश महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने बताया बैठक में एकमत से निर्णय लिया गया कि चिकित्सक तब तक काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे जब तक सरकार अनुबंध कर्मचारियों को मिलने वाले ग्रेड-पे को जारी करने के आदेश नहीं देती.
उन्होंने कहा इसमें मेडिकल कॉलेजिस की आरडीए भी शमिल रहेंगे. सीएम को धन्यवाद भी दियासंघ के सभी सदस्यों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी दिया. कांगड़ा जिले के दौरे के दौरान व्यस्तता के बावजूद स्वास्थ्य सचिव को तुरंत इन अनुबंध चिकित्सकों की रिकवरी रोकने को कहा.
इसलिए संघ के सभी सदस्यों ने एकमत से कहा कि यह बहुत अच्छी बात है, कि अभी रिकवरी को और आगे वेतन काटने को कुछ समय के लिए सरकार की तरफ से अगले आदेशों तक स्थगित किया गया है. प्रदेश में तेजी से फैलती कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रदेश के चिकित्सक और सारी मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर काले बिल्ले लगाकर काम करते रहेंगे.
विशेषज्ञ चिकित्सकों की कम रुपयों पर नियुक्ति इसके अलावा सरकार के विशेषज्ञ चिकित्सकों को मात्र 40 हजार पर नियुक्ति करने पर भी विरोध जताया है. मांग की गई कि अनुबंधित विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ अगर सरकार ने बॉंड किया तो उनको उनके विशेषज्ञता अनुसार एक पद एक वेतन के साथ नियुक्ति दी जाए, न कि उनका इस तरह से शोषण किया जाए.
चिकित्सक संघ ने सरकार के उस अधिसूचना का भी एक मत से विरोध किया जिसमें के बार-बार मेडिकल कॉलेज में सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाया जा रहा. संघ ने सरकार से आग्रह किया सेवानिवृत्ति की आयु मेडिकल कॉलेजेस में 62 वर्ष ही रहनी चाहिए.
अगर किसी व्यक्ति विशेष की जरूरत हमारे मेडिकल कॉलेज में है तो उसके लिए प्रदेश सरकार की अनुबंध नीति पहले से मौजूद है. उस अनुबंध नीति के आधार पर उन विशेषज्ञ चिकित्सकों उनके संबंधित विभाग में अनुबंध पर उनके पद अनुसार अनुबंधित किया जा सकता है.