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कोरोना काल में लोगों ने थूकने से की तौबा, 6 महीनों में नहीं कटा एक भी चालान - Corona Virus News Shimla

राजधानी शिमला में वर्षों पहले से ही माल रोड और रिज मैदान पर थूकने पर पूर्ण प्रतिबंध है. अगर माल रोड या रिज पर कोई थूकता है तो उस पर पांच सौ रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है. नगर निगम की ओर से माल रोड पर जगह-जगह साइन बोर्ड लगाकर ना थूकने की हिदायत दी है. अब इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि नगर निगम शिमला केवल मात्र साइन बोर्ड लगाकर ही अपनी जिम्मेदारी दिखा रहा है. नगर निगम आज दिन तक इस संबंध में एक भी चालान नहीं काट पाया है.

Spitting ban on Shimla Mall Road
Spitting ban on Shimla Mall Road
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Published : Sep 23, 2020, 10:18 PM IST

शिमला: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देशभर में केंद्र सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर प्रतिबंध लगाया है. इसे प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए जुर्माने का प्रावधान भी है. देशभर में यह प्रतिबंध कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाया गया है.

कोरोना के शुरुआती दौर में थूकने को लेकर सरकार इतनी संवेदनशील थी कि अगर कोई कोरोना संक्रमित सार्वजनिक जगह पर थूकता है तो उस पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज करने की बात कही थी.

शुरुआत में जब तबलीगी जमात के कार्यक्रम की वजह से कई लोगों में कोरोना फैला था तो उस वक्त हिमाचल के तत्कालीन डीजीपी संजय कुंडू ने ये साफ कहा था कि अगर कोई कोरोना संक्रमित शख्स सार्वजनिक जगहों या फिर किसी दूसरे व्यक्ति पर थूकता है और वह शख्स कोरोना संक्रमित होता है तो उस पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

वीडियो.

बेशक, थूकने पर सरकार की ओर से यह प्रतिबंध अभी महामारी को देखते हुए लगाया गया है, लेकिन राजधानी शिमला में वर्षों पहले से ही माल रोड और रिज मैदान पर थूकने पर पूर्ण प्रतिबंध है. अगर माल रोड या रिज पर कोई थूकता है तो उस पर पांच सौ रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है.

नगर निगम की ओर से माल रोड पर जगह-जगह साइन बोर्ड लगाकर ना थूकने की हिदायत दी है. अब इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि नगर निगम शिमला केवल मात्र साइन बोर्ड लगाकर ही अपनी जिम्मेदारी दिखा रहा है. नगर निगम आज दिन तक इस संबंध में एक भी चालान नहीं काट पाया है.

ना तो कोविड-19 के समय और ना ही इससे पहले रिज और माल रोड पर थूक कर गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नगर निगम की ओर से अमल में नहीं लाई गई. आज तक एक भी चालान ना काट पाना नगर निगम की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े करता है.

हिमाचल में काफी समय पहले ही गुटखा पान मसाला बेचने और सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर प्रतिबंध है, लेकिन रिज और माल रोड पर जगह-जगह नालियों और सार्वजनिक शौचालयों में गुटखा थूका हुआ देखा जा सकता है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि नगर निगम इसमें कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है, सिवाय साइन बोर्ड लगाने के.

नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि माल रोड और रिज मैदान पर बाहर से आने वाले पर्यटक थूकते हैं. इसे देखते हुए निगम ने हाउस में प्रस्ताव पास कर थूकने वालों पर पांच सौ जुर्माना लगाने का फैसला लिया था, इसके लिए जगह-जगह साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं.

उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से लोग ज्यादातर समय मास्क पहने हुए रहते हैं. ऐसे में वह थूक नहीं रहे और माल रोड पर साइन बोर्ड देख कर भी नहीं थूकते, जिससे शहर साफ-सुथरा बना हुआ है.

बता दें कि थूकने से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा अधिक हो जाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. हिमाचल में पान, गुटखा, खैनी जैसे अन्य तंबाकू उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध है.

बावजूद इसके शहर में चोरी-छिपे इन्हें बेचा जाता है. जिसे खाकर लोग शहर की नालियों में थूकते रहते हैं, लेकिन नगर निगम ऐसे लोगों पर कार्रवाई ना करके साइन बोर्ड लगाकर ही खुश है. नगर निगम की कार्यप्रणाली किस तरह की है ये आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि आज तक निगम द्वारा थूकने को लेकर एक भी चालान नहीं काटा गया है.

शिमला: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देशभर में केंद्र सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर प्रतिबंध लगाया है. इसे प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए जुर्माने का प्रावधान भी है. देशभर में यह प्रतिबंध कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाया गया है.

कोरोना के शुरुआती दौर में थूकने को लेकर सरकार इतनी संवेदनशील थी कि अगर कोई कोरोना संक्रमित सार्वजनिक जगह पर थूकता है तो उस पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज करने की बात कही थी.

शुरुआत में जब तबलीगी जमात के कार्यक्रम की वजह से कई लोगों में कोरोना फैला था तो उस वक्त हिमाचल के तत्कालीन डीजीपी संजय कुंडू ने ये साफ कहा था कि अगर कोई कोरोना संक्रमित शख्स सार्वजनिक जगहों या फिर किसी दूसरे व्यक्ति पर थूकता है और वह शख्स कोरोना संक्रमित होता है तो उस पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

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बेशक, थूकने पर सरकार की ओर से यह प्रतिबंध अभी महामारी को देखते हुए लगाया गया है, लेकिन राजधानी शिमला में वर्षों पहले से ही माल रोड और रिज मैदान पर थूकने पर पूर्ण प्रतिबंध है. अगर माल रोड या रिज पर कोई थूकता है तो उस पर पांच सौ रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है.

नगर निगम की ओर से माल रोड पर जगह-जगह साइन बोर्ड लगाकर ना थूकने की हिदायत दी है. अब इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि नगर निगम शिमला केवल मात्र साइन बोर्ड लगाकर ही अपनी जिम्मेदारी दिखा रहा है. नगर निगम आज दिन तक इस संबंध में एक भी चालान नहीं काट पाया है.

ना तो कोविड-19 के समय और ना ही इससे पहले रिज और माल रोड पर थूक कर गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नगर निगम की ओर से अमल में नहीं लाई गई. आज तक एक भी चालान ना काट पाना नगर निगम की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े करता है.

हिमाचल में काफी समय पहले ही गुटखा पान मसाला बेचने और सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर प्रतिबंध है, लेकिन रिज और माल रोड पर जगह-जगह नालियों और सार्वजनिक शौचालयों में गुटखा थूका हुआ देखा जा सकता है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि नगर निगम इसमें कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है, सिवाय साइन बोर्ड लगाने के.

नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि माल रोड और रिज मैदान पर बाहर से आने वाले पर्यटक थूकते हैं. इसे देखते हुए निगम ने हाउस में प्रस्ताव पास कर थूकने वालों पर पांच सौ जुर्माना लगाने का फैसला लिया था, इसके लिए जगह-जगह साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं.

उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से लोग ज्यादातर समय मास्क पहने हुए रहते हैं. ऐसे में वह थूक नहीं रहे और माल रोड पर साइन बोर्ड देख कर भी नहीं थूकते, जिससे शहर साफ-सुथरा बना हुआ है.

बता दें कि थूकने से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा अधिक हो जाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. हिमाचल में पान, गुटखा, खैनी जैसे अन्य तंबाकू उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध है.

बावजूद इसके शहर में चोरी-छिपे इन्हें बेचा जाता है. जिसे खाकर लोग शहर की नालियों में थूकते रहते हैं, लेकिन नगर निगम ऐसे लोगों पर कार्रवाई ना करके साइन बोर्ड लगाकर ही खुश है. नगर निगम की कार्यप्रणाली किस तरह की है ये आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि आज तक निगम द्वारा थूकने को लेकर एक भी चालान नहीं काटा गया है.

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