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चुनावी मौसम में सियासत का मोलभाव! नेताओं ने यहां पकाई खिचड़ी-वहां खाया पुलाव

चुनाव नजदीक आते ही नेताओं के दलबदल का दौर एक बार फिर शुरु हो गया है. नेता सियासी नफे नुकसान को देखकर पार्टियों में पाला बदल रहे हैं. या फिर पार्टियां ही अपने निष्कासित नेताओं की घर वापसी करवा रही हैं. मौसम की गर्मी और चुनावी सरगर्मीयों के बीच कई नेताओं की घर वापसी हुई तो कई नेता अपनी पार्टी छोड़ दूसरे दलों में शामिल हुए.

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Published : Apr 27, 2019, 1:18 PM IST

Updated : Apr 27, 2019, 3:13 PM IST

शिमलाः पूरे देश में चुनाव का माहौल है. ऐसे में पॉलिटिकल पिक्चर में लंबे समय से गायब नेताओं की चुनावी सीजन में पार्टी की स्क्रीन पर घर वापसी हो रही है. पार्टी से हाशिये पर धेकेले जा चुके नेताओं ने भी चुनाव के नजदीक दूसरे दलों में शामिल होकर फिल्मों की तरह इन चुनावों में ट्वीस्ट लाकर ये बताने की कोशिश की है कि वो अभी भी फिल्म में हैं. चुनावी मैसम में नेता सियासत के तराजू में राजनीति का मोलभाव कर रहे हैं. जो भी पलड़ा अपने राजनीतिक भविष्य और सियासत के हिसाब से वजनदार है उसी पलड़े को दोनों हाथों से लपक रहे हैं.

दरअसल, चुनाव नजदीक आते ही नेताओं के दलबदल का दौर एक बार फिर शुरु हो गया है. नेता सियासी नफे नुकसान को देखकर पार्टियों में पाला बदल रहे हैं. या फिर पार्टियां ही अपने निष्कासित नेताओं की घर वापसी करवा रही हैं. मौसम की गर्मी और चुनावी सरगर्मीयों के बीच कई नेताओं की घर वापसी हुई तो कई नेता अपनी पार्टी छोड़ दूसरे दलों में शामिल हुए.

दिल्ली से बीजेपी नेता उदित राज ने कांग्रेस में अपने लिए ठिकाना ढूंढा तो कांग्रेस की ही प्रियंका चतुर्वेदी शिवसेना में शामिल हो गई. अभिनेत्री जयप्रदा ने सपा से बीजेपी और अभिनेता से नेता बने शत्रुघन ने बीजेपी से कांग्रेस में शामिल होकर बीजेपी में अपने सफर के क्लाइमैक्स को फिल्मी स्टाइल में अंजाम दिया है. देश के साथ हिमाचल की शांत वादियां भी दल-बदल और घर वापसी जैसे कार्यक्रमों से आपार सफलता से अछूती नहीं है. लोकसभा चुनाव में भी नेताओं का पार्टियां बदलने का सिलसिला जारी है.

फिर पलटी मार गए पंडित सुखराम
इसी कड़ी में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम ने एक बार फिर से दल बदला. वह फिर से कांग्रेस में शामिल हुए हैं. पोते आश्रय शर्मा को भाजपा से टिकट न मिलने की वजह से वह फिर से कांग्रेस में लौट गए हैं.
बता दें कि 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ अनिल शर्मा परिवार सहित भाजपा में शामिल हो गए थे. सुखराम परिवार अपने राजनीतिक करियर में चार बार पाला बदल चुके हैं.

चंदेल ने बदला दल
पूर्व भाजपा सांसद रहे सुरेश चंदेल भी 22 अप्रैल को कांग्रेस में चले गए. वह हमीरपुर से भाजपा के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन अनुराग को टिकट मिला. इसके बाद उनके कांग्रेस के जाने और टिकट मिलने की अटकलें चली, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया. हालांकि, अब वह कांग्रेस में चले गए हैं.

सिंघी राम भी हुए बीजेपी के
रामपुर के पूर्व विधायक व पूर्व बागवानी मंत्री सिंघी राम ने 27 अप्रेल को आज बीजेपी का दामन थाम लिया. सीएम जयराम ठाकुर की मौजूदगी में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की. एक जमाने में पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के नजदीकी रह चुके सिंघी राम लगातार छह बार रामपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे चुके हैं.

पढ़ेंः वीरभद्र ने शांडिल को बताया प्यारा 'पापी', कर्नल को ईमानदार बताते हुए बोले- कभी इस तो कभी उस कांग्रेस से पहुंचे संसद

महेंद्र नाथ सोफ्त की भी हुई घर वापसी
हिमाचल लोकहित पार्टी के नेता एवं पूर्व मंत्री महेंद्र नाथ सोफ्त ने भी भाजपा का दामन थाम लिया. शांता कुमार के प्रिय सोफ्त एक समय भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शामिल रहे थे. महेश्वर सिंह के साथ हिमाचल में तीसरा राजनीतिक दल खड़ा करने का दम भरने वाले सोफ्त पुराने घर लौट कर खुश नजर आए. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा.

प्रवीण शर्मा और बलदेव ठाकुर की भी हुई घर वापसी
पालमपुर से पूर्व विधायक प्रवीण शर्मा और फतेहपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले बलदेव ठाकुर समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए. ये दोनों नेता वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी से टिकट न मिलने पर बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं. जिसके बाद पार्टी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

हरीश जनारथा की कांग्रेस में घर वापसी
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कट्टर समर्थकों में शुमार हरीश जनार्था की कांग्रेस में घर वापसी हो गई. जनार्था को 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने पार्टी से बाहर कर दिया था. तब उन्होंने कांग्रेस की टिकट नहीं मिलने पर शिमला विस क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. वह भाजपा प्रत्याशी सुरेश भारद्वाज से बेहद करीबी मुकाबले में हार गए थे.

सियासी नफे नुकसान को देखते हुए नेताओं के लिए दल बदल कोई बड़ी बात नहीं है. ऐसे में ये सिलसिला इस चुनाव में भी जारी है तो कोई बड़ी बात नहीं है. बाकी ये जनता है जो सब जानती है.

ये भी पढ़ेंः वीरभद्र के घर में जयराम ने मारी सेंध! BJP में शामिल हुए 6 बार के विधायक सिंघी राम

शिमलाः पूरे देश में चुनाव का माहौल है. ऐसे में पॉलिटिकल पिक्चर में लंबे समय से गायब नेताओं की चुनावी सीजन में पार्टी की स्क्रीन पर घर वापसी हो रही है. पार्टी से हाशिये पर धेकेले जा चुके नेताओं ने भी चुनाव के नजदीक दूसरे दलों में शामिल होकर फिल्मों की तरह इन चुनावों में ट्वीस्ट लाकर ये बताने की कोशिश की है कि वो अभी भी फिल्म में हैं. चुनावी मैसम में नेता सियासत के तराजू में राजनीति का मोलभाव कर रहे हैं. जो भी पलड़ा अपने राजनीतिक भविष्य और सियासत के हिसाब से वजनदार है उसी पलड़े को दोनों हाथों से लपक रहे हैं.

दरअसल, चुनाव नजदीक आते ही नेताओं के दलबदल का दौर एक बार फिर शुरु हो गया है. नेता सियासी नफे नुकसान को देखकर पार्टियों में पाला बदल रहे हैं. या फिर पार्टियां ही अपने निष्कासित नेताओं की घर वापसी करवा रही हैं. मौसम की गर्मी और चुनावी सरगर्मीयों के बीच कई नेताओं की घर वापसी हुई तो कई नेता अपनी पार्टी छोड़ दूसरे दलों में शामिल हुए.

दिल्ली से बीजेपी नेता उदित राज ने कांग्रेस में अपने लिए ठिकाना ढूंढा तो कांग्रेस की ही प्रियंका चतुर्वेदी शिवसेना में शामिल हो गई. अभिनेत्री जयप्रदा ने सपा से बीजेपी और अभिनेता से नेता बने शत्रुघन ने बीजेपी से कांग्रेस में शामिल होकर बीजेपी में अपने सफर के क्लाइमैक्स को फिल्मी स्टाइल में अंजाम दिया है. देश के साथ हिमाचल की शांत वादियां भी दल-बदल और घर वापसी जैसे कार्यक्रमों से आपार सफलता से अछूती नहीं है. लोकसभा चुनाव में भी नेताओं का पार्टियां बदलने का सिलसिला जारी है.

फिर पलटी मार गए पंडित सुखराम
इसी कड़ी में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम ने एक बार फिर से दल बदला. वह फिर से कांग्रेस में शामिल हुए हैं. पोते आश्रय शर्मा को भाजपा से टिकट न मिलने की वजह से वह फिर से कांग्रेस में लौट गए हैं.
बता दें कि 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ अनिल शर्मा परिवार सहित भाजपा में शामिल हो गए थे. सुखराम परिवार अपने राजनीतिक करियर में चार बार पाला बदल चुके हैं.

चंदेल ने बदला दल
पूर्व भाजपा सांसद रहे सुरेश चंदेल भी 22 अप्रैल को कांग्रेस में चले गए. वह हमीरपुर से भाजपा के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन अनुराग को टिकट मिला. इसके बाद उनके कांग्रेस के जाने और टिकट मिलने की अटकलें चली, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया. हालांकि, अब वह कांग्रेस में चले गए हैं.

सिंघी राम भी हुए बीजेपी के
रामपुर के पूर्व विधायक व पूर्व बागवानी मंत्री सिंघी राम ने 27 अप्रेल को आज बीजेपी का दामन थाम लिया. सीएम जयराम ठाकुर की मौजूदगी में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की. एक जमाने में पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के नजदीकी रह चुके सिंघी राम लगातार छह बार रामपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे चुके हैं.

पढ़ेंः वीरभद्र ने शांडिल को बताया प्यारा 'पापी', कर्नल को ईमानदार बताते हुए बोले- कभी इस तो कभी उस कांग्रेस से पहुंचे संसद

महेंद्र नाथ सोफ्त की भी हुई घर वापसी
हिमाचल लोकहित पार्टी के नेता एवं पूर्व मंत्री महेंद्र नाथ सोफ्त ने भी भाजपा का दामन थाम लिया. शांता कुमार के प्रिय सोफ्त एक समय भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शामिल रहे थे. महेश्वर सिंह के साथ हिमाचल में तीसरा राजनीतिक दल खड़ा करने का दम भरने वाले सोफ्त पुराने घर लौट कर खुश नजर आए. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा.

प्रवीण शर्मा और बलदेव ठाकुर की भी हुई घर वापसी
पालमपुर से पूर्व विधायक प्रवीण शर्मा और फतेहपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले बलदेव ठाकुर समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए. ये दोनों नेता वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी से टिकट न मिलने पर बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं. जिसके बाद पार्टी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

हरीश जनारथा की कांग्रेस में घर वापसी
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कट्टर समर्थकों में शुमार हरीश जनार्था की कांग्रेस में घर वापसी हो गई. जनार्था को 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने पार्टी से बाहर कर दिया था. तब उन्होंने कांग्रेस की टिकट नहीं मिलने पर शिमला विस क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. वह भाजपा प्रत्याशी सुरेश भारद्वाज से बेहद करीबी मुकाबले में हार गए थे.

सियासी नफे नुकसान को देखते हुए नेताओं के लिए दल बदल कोई बड़ी बात नहीं है. ऐसे में ये सिलसिला इस चुनाव में भी जारी है तो कोई बड़ी बात नहीं है. बाकी ये जनता है जो सब जानती है.

ये भी पढ़ेंः वीरभद्र के घर में जयराम ने मारी सेंध! BJP में शामिल हुए 6 बार के विधायक सिंघी राम

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Last Updated : Apr 27, 2019, 3:13 PM IST
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