शिमला: द पीस हार्मनी एंड डेवलपमेंट चैंबर (पीएचडी चैंबर) आज वर्चुअली नेशनल रोड और हाईवे समिट 2021 का आयोजन कर रहा है. इस समिट में चर्चा की जाएगी की नेशनल हाईवे का देश की तरक्की, समृद्धि में कितना योगदान है. हिमाचल में नेशनल हाईवे की स्थिति क्या है इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट ईटीवी भारत अपने पाठकों के लिए लेकर आया हैं.
सड़कें किसी भी क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी होती हैं. सड़कें ही एक छोर से दूसरे छोर को जोड़ती हैं. सड़कों के माध्यम से ही व्यापार, टूरिज्म, उद्योग निर्भर करते हैं. किसी भी देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था सड़कों पर टिकी होती है. हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश में सड़कों की एहमियत और बढ़ जाती है. हिमाचल में रेल, एयर कनेक्टिविटी ना के बराबर है. ऐसे में सड़कें ही एकमात्र सहारा है. हिमाचल में सड़कों की दुर्दशा किसी छिपी नहीं है. प्रदेश में सड़कों की हालत राजनीतिक मुद्दा रहा है. नेशनल हाईवे से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की हालत दयनीय है.
हिमाचल में सड़कों की कुल लंबाई
हिमाचल में सड़कों की कुल लंबाई 39 हजार 998 किलोमीटर है. फोरलेन की लंबाई 102 किलोमीटर. डबललेन सड़कों की लंबाई 2 हजार 83 किलोमीटर हैं. सिंगल रोड की लंबाई 36 हजार 250 किलोमीटर है. जीपएबल रोड की लंबाई 805 किलोमीटर है. नॉन जीपएबल रोड की लंबाई 723 किलोमीटर है.
हिमाचल में नेशनल हाईवे
हिमाचल में नेशनल हाईवे की लंबाई 2592 किलोमीटर है. 1238 किलोमीटर नेशनल हाईवे स्टेट पीडब्ल्यूडी के तहत आता है. इसके अलावा 785 किलोमीटर NHAI(नेशनल हाइवे ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया) और 569 किलोमीटर BRO (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) के जिम्मे है.
स्टेट पीडब्ल्यूडी के साथ मिलकर बनाए गए नेशनल हाईवे
हिमाचल लोक निर्माण विभाग के साथ मिलकर भी एनएचएआई नेशनल हाईवे को संचालित कर रही है. हिमाचल लोक निर्माण विभाग के साथ मिलकर 471.875 किलोमीटर सिंगल लेन हाईवे अब तक बनाए गए हैं. 242.330 किलोमीटर इंटरमीडिएट लेन और 524.725 डबल लेन हाईवे का निर्माण अब तक राज्य लोक निर्माण विभाग के सहयोग से किया गया है. राज्य लोक निर्माण विभाग के पास इस समय 19 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं. इनकी मरम्मत और देखरेख का काम भी राज्य लोक निर्माण विभाग करता है.
हिमाचल में NHAI द्वारा कार्यान्वित फोरललेन परियोजनाएं
परवाणु-सोलन-शिमला-ढली एनएच-22 का काम अभी प्रगति पर है. पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ एनएच-21ए और शिमला-मटौर एनएच-88 की डीपीआर तैयार की जा रही है. पठानकोट चक्की-मंडी एनएच-20 की डीपीआर तैयार की जा रही है. गरमौरा-स्वारघाट-मंडी-मनाली एनएच-21 का काम अभी प्रगति पर है.
सड़कों पुलों और सुड़क सुरक्षा से संबंधित 78 प्रकार के काम मौजूदा समय में एनएच पर चल रहे हैं. इसके तहत 324 किलोमीटर से अधिक सड़कों को कवर किया जाएगा. इसके लिए 1481.13 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.
डीपीआर के लिए केंद्र ने 163.22 करोड़ रुपये किए जारी
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाल ही में समाप्त हुए बजट सत्र में कहा था कि हिमाचल प्रदेश में 69 नेशनल हाइवे के निर्माण को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है. इनमें 58 राष्ट्रीय राजमार्गों की डीपीआर तैयार करने के लिए केंद्र ने 163.22 करोड़ रुपये जारी किए हैं. केंद्र सरकार के साथ इन मामलों को लेकर 10 बार पत्राचार किया गया.
सीएम ने कहा कि 58 सड़कों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के लिए सलाहकार को कार्य आवंटित कर दिया है. सड़कों की डीपीआर बनाने का काम शुरू हो गया है. ड्राफ्ट अलाइनमेंट रिपोर्ट तैयार कर इन्हें स्वीकृति के लिए केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय को भेजा जाएगा. इसके अलावा तीन सड़कों की डीपीआर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) की ओर से तैयार की जा रही है. 80 किलोमीटर की दो सड़कें राष्ट्रीय राजमार्ग के मानकों के अनुसार पहले से तैयार हैं.
2014 में हुई थी 69 नेशनल हाईवे की घोषणा
2014 तक प्रदेश में नौ ही राष्ट्रीय राजमार्ग थे. हिमाचल में 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले नितिन गडकरी ने छोटे से पहाड़ी प्रदेश के लिए 65 हजार करोड़ रुपए के निवेश के साथ 69 राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की घोषणाएं की थीं. केंद्र की बीजेपी सरकार ने 2016 में इन राष्ट्रीय राजमार्गों को सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी थी. इसके बाद जुलाई 2018 में केंद्र सरकार ने 58 राष्ट्रीय राजमार्गों की डीपीआर तैयार करने की हामी भी भर दी.
2020 में पीछे हट गई थी सरकार
साठ हजार करोड़ के निवेश से 69 राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण का सपना दिखाकर राजनीतिक फसल काटने के बाद 2020 में केंद्र सरकार पीछे हट गई थी. पूरे देश में केवल हिमाचल ही एक ऐसा राज्य था जिसके लिए इतने राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए गए थे.
राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही फोरलेन बनाने की भी घोषणा भी हुई थी. शिमला से मटौर तक 223 किलोमीटर लंबा फोरलेन भी शामिल था. ये फोरलेन राजधानी शिमला को प्रदेश के 12 में से 9 जिलों को जोड़ता हैं. केंद्र सरकार ने दस हजार करोड़ की इस फोरलेन परिजयोजना से भी केंद्र सरकार का रुख उदाससीन ही है. प्रदेश के लिए घोषित 69 राष्ट्रीय राजमार्गों में कुछ की लंबाई तो दस किलोमीटर है.
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